Jalandhar Famous Mandir: जालंधर में पंजाब का एकमात्र शक्ति पीठ, जानें इसकी महिमा
Mata Tripurmalini Temple Jalandhar : पंजाब में आदिशक्ति देवी का एक शक्तिपीठ मौजूद है जो अपनी महिमा के लिए पहचाना जाता है। चलिए आज हम आपको इस मंदिर के बारे में बताते हैं।
Mata Tripurmalini Temple Jalandhar : दुनिया भर में कुल 51 शक्तिपीठ मौजूद है जिनके प्रति लोगों के बीच गहरी आस्था देखने को मिलती है। पंजाब के एकमात्र शक्तिपीठ की बात करें तो वह जालंधर में मौजूद है। यह जालंधर के श्रीदेवी तालाब मंदिर में मौजूद है। मां त्रिपुरामालिनी का धाम देवी तालाब की परिक्रमा के दौरान मौजूद है। नासिर पंजाब बल्कि देशभर के भक्ति यहां माता के चरणों में नतमस्तक होने के लिए पहुंचते हैं। त्रिपुरा मालिनी में दर्शन करने के लिए देशभर से लोग पहुंचते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यहां जो मन्नत मांगी जाती है वह पूरी होती है। जब लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है तो वह लाल झंडे और खीर का प्रसाद लेकर यहां पहुंचते हैं।
बहुत आसान है मां त्रिपुरामालिनी पहुंचना (It is Very Easy to Reach Maa Tripuramalini)
अगर आप भी यहां आने चाहते हैं तो जालंधर सिटी रेलवे स्टेशन से यह स्थान दूर नहीं है। यहां पहुंचने के लिए रेलवे स्टेशन से आटो आसानी से मिल जाता हैं। दिल्ली, उत्तराखंड और यूपी के कई शहरों से भी जालंधर से निजी बसें आती-जाती हैं।
ऐसी है मां त्रिपुरामालिनी की पौराणिक कथा (Such is the Mythological Story of Mother Tripuramalini)
पौराणिक कथा के मुताबिक जब भगवान शिव की पत्नी सती माता अपने पिता राजा दक्ष के यज्ञ में अपने पति को न बुलाए जाने का अपमान सहन नहीं कर पाई तो उसी यज्ञ में कूद गई। भगवान शिव को जब यह पता चला तो उन्होंने अपने गण वीरभद्र को भेजकर यज्ञ स्थल को उजाड़ दिया व राजा दक्ष का सिर काट दिया। भगवान शिव ने अपनी पत्नी सती की जली हुई लाश लेकर विलाप करते हुए सभी ओर घूमते रहे। जहां-जहां माता के अंग और आभूषण गिरे वहां-वहां शक्तिपीठ निर्मित हो गए। देवी भागवत पुराण में सभी शक्तिपीठों का जिक्र मिलता है। उसके अनुसार श्री देवी तलाब मंदिर में माता का बायां वक्ष (स्तन) गिरा था।
ऐसी है मां त्रिपुरामालिनी की वास्तुकला (Such is The Architecture of Mother Tripuramalini)
मंदिर निर्माण में राष्ट्रीय कला का विशेष ध्यान रखा गया है। 12 सीढ़ियां चढ़ने के बाद आप मंदिर तक पहुंचाते हैं। यहां पर आपको एक तरफ पीपल का पेड़ और मां का झूला देखने को जरूरी मिलेगा जो आपका अध्यात्म का एहसास करवाएगा।
मां त्रिपुरामालिनी की नवरात्रि में दो पहर की पूजा (Worship of Mother Tripuramalini For Two Hours During Navratri)
इस सिद्ध पीठ में नवरात्रि के समय दो पहर की पूजा की जाती है। नवरात्रि में यहां भजन संध्या का आयोजन भी किया जाता है। यहां पर लोग माता की महिमा का गुणगान करते हुए नजर आते हैं।