Kaashi Famous Temple: काशी में मौजूद है दक्षिण भारतीय शैली का विष्णु मंदिर

Kaashi Famous Temple: काशी नगरी में भगवान विष्णु का एक ऐसा मंदिर मौजूद है, जो दक्षिण भारतीय शैली में बना हुआ है। इस मंदिर का आज का स्कंद पुराण में मिलता है।

Update: 2024-07-17 09:58 GMT

Trivandrum Padmanabham Temple Kaashi (Photos - Social Media)

Trivandrum Padmanabham Temple Kaashi: उत्तर प्रदेश में कई सारे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थान मौजूद है जो पर्यटकों के बीच काफी ज्यादाप्रसिद्ध है। काशी के नाम से प्रसिद्ध वाराणसी में संसार स्थान है जहां अक्सर पर्यटक आते जातेरहते हैं। आज हम आपके यहां के कैसे मंदिर के बारे में बताते हैं जिसका प्राचीनता से गहरा संबंध है। यह मंदिर काशी के पुराने मोहल्ले 80 क्षेत्र में स्थित है। यह भोगसेन भगवान को समर्पित है यानी कि भगवान विष्णु को समर्पित किया गया मंदिर है। यहां पर जो मूर्ति है वह त्रिवेंद्रम के पद्मनाभम मूर्ति की तरह दिखाई देती है। महादेव की नगरी काशी में भगवान विष्णु की प्राचीन मूर्ति बहुत ही खूबसूरतहै। इस मूर्ति का वजन 21 तन है और इस मंदिर का जिक्र स्कन्द पुराण में भी मिलता है। काशी के अलावा दक्षिण भारत से भी लोग इस मंदिर का दीदार करने के लिएपहुंचते हैं। दक्षिण भारतीय शैली से यह पूरी तरह से मिलता जुलता है।

स्कंद पुराण में है मंदिर वर्णन 

दक्षिण शैली में बने हुए इस मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण में दिया गया है। पुराण के मुताबिक भगवान हरि का निवास अस्सी है। कालांतर में इसका जीर्णोद्धार किया गया था। त्रिवेंद्रम से यहां मूर्ति लाकर स्थापित की गई थी। काशी में तीन खंड में भगवान हरिविराजते हैं। पंच घाट पर आदि केशव वरुणा नदी के मध्य केशव और अस्सी पर भोगसन भगवान का मंदिर मौजूद है।

Trivandrum Padmanabham Temple Kaashi


मूर्ती में है अंतर 

त्रिवेंद्रम और काशी की मूर्ति के अंतर की बात करें तो भगवान यहां पर प्रमोद मुद्रा में विराजमान है। विशेषनक पर चयन किए हुए हैं और माता लक्ष्मी उनके पैर दबा रही हैं। वहीं पद्मनाभ मंदिर में भगवान की नाभि से ब्रह्मा निकले हैं। इस मंदिर का इतिहास 1000 सालपुराना है।

मंदिर के दर्शन का महत्व 

इस मंदिर के दर्शन के महत्व की बात करें तो यहां दर्शन करने से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं और मनुष्य का मन पवन हो जाता है। इस रूप में भगवान यहां अनंत काल से विराजित है और भक्तों की सारी मनोकामना पूरी करते हैं। देवउठनी एकादशी के दिन यहां पर भारी भीड़ होती है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान के दर्शन करने से वैकुंठ जाने का फल प्राप्त होता है। काशी में मुक्तिदासी है और यह तिलोता मंदिर है जो मुक्ति का मार्ग दिखाता है।

Trivandrum Padmanabham Temple Kaashi

कैसे पहुंचे मंदिर 

अगर आप इस मंदिर में दर्शन करने के लिए जाना चाहते हैं तो वाराणसी रेलवे स्टेशन से चार किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। आप ऑटो रिक्शा या प्राइवेट कार्य फिर अपने वहां से यहां पर पहुंच सकते हैं। यह मंदिर वाराणसी के प्राचीन मोहल्ले अस्सी में स्थित है। 

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