Kartik Swami Mandir: यहां कार्तिकेय ने भोलेनाथ को समर्पित की थी अपनी हड्डियां, बहुत प्रसिद्ध है उत्तराखंड का मंदिर

Kartik Swami Mandir : उत्तराखंड कई सारी चीजों के आइए मशहूर है। इनमें से एक कार्तिक स्वामी मंदिर भी है, जो बहुत फेमस है।

Update:2024-02-29 11:15 IST

Kartik Swami Mandir (Photos - Social Media)

Kartik Swami Mandir : उत्तराखंड राज्य, भारत के सबसे सुन्दर राज्यों में से एक है। इसकी सुंदरता को निहारने सिर्फ देश से ही नहीं बल्कि दुनिया के कई मुल्कों से सैलानी यहां घूमने आते है। उत्तराखंड को खूबसूरती का खजाना कहा जाता है। उत्तराखंड के प्राकृतिक दृश्य इसकी सुंदरता की नींव है। यहाँ के ऊंचे -ऊंचे पहाड़, पहाड़ों से गिरते झरने, इन्हीं पहाड़ों से टकराते आसमानी बादल ये सभी मिलकर राज्य की सुंदरता को और बढ़ाते है। उत्तराखंड राज्य सिर्फ इन प्राकृतिक दृश्यों से ही नहीं जाना जाता है। इन प्राकृतिक दृश्य या मनमोहक जगहों के अलावा यहां कई ऐसे धार्मिक स्थल भी है, जो इसकी सुंदरता को चार चाँद लगाते है। उत्तराखंड को असंख्य मंदिरों का आवास कहा जाता है। हिन्दू ग्रंथों में कई पौराणिक कथाएं है जिनका जिक्र उत्तराखण्ड से मिलता है। उत्तराखंड को खासतौर पर भगवान शिव का घर कहा जाता है। क्यूंकि भगवान शिव को रूद्र कहा जाता है, जिनका घर पर्वतों और पहाड़ों पर है। शिव के अलावा कई देवी-देवताओं के मंदिर भी यहां मौजूद है। जिन्हे देखने लोग दूर-दूर से यहां आते है। इन्हीं में से एक है कार्तिक स्वामी मंदिर। यह मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है।

पहाड़ों पर स्तिथ है कार्तिक स्वामी मंदिर

कार्तिक स्वामी मंदिर, उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। इस मंदिर को देखने के लिए लोग यहां दूर-दूर से आते है। इस मंदिर का संबंध पौराणिक काल से है। कई पौराणिक कथाओं में भी कार्तिक स्वामी मंदिर का ज़िक्र मिलता है। यह मंदिर भगवान शिव के पुत्र कार्तिक को समर्पित है। हालाँकि, काफी कम लोग इस मंदिर को जानते है। सैलानी और शिव भक्त रूद्र प्रयाग तक आते है। मगर, वे इस मंदिर के दर्शन करने में असफल हो जाते है।

यह मंदिर पहाड़ों पर मौजूद है। इस मंदिर का इतिहास करीब 200 साल पुराना माना जाता है। यह मंदिर रुद्रप्रयाग के गढ़वाल शहर में स्तिथ है। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से करीब 3050 मीटर है। इस मंदिर के पहाड़ पर रहने की वजह से इसकी सुंदरता देखने लायक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि यहां कार्तिक ने अपनी हड्डियां भगवान शिव को समर्पित की थी।

Kartik Swami Mandir


जानें इस मंदिर की पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार भगवान शिव ने अपने दोनों पुत्रों को ब्रह्मांड यानी संसार के 7 चक्कर लगाने के लिए कहा था। पिता का यह आदेश सुनते ही कार्तिक ब्रह्मांड के 7 चक्कर लगाने के लिए निकल गए। हालाँकि, दूसरे पुत्र गणेश जी अपने माता-पिता यानी भगवान शिव और माता पार्वती के 7 चक्कर लगाने लगे। गणेश जी ने कहा कि उनके माता-पिता ही उनका ब्रह्मांड है। यह बात सुनते ही भगवान शिव और माता पार्वती काफी प्रसन्न हुए और उन्होंने गणेश जी को यह आशीर्वाद दिया कि आज से उनकी पूजा सबसे पहले होगी। वहीं दूसरी तरफ जब कार्तिक ब्रह्माण्ड के 7 चक्कर लगाकर वापस लौटते हैं तो उन्हें इस बात की जानकारी मिलती है। इसके बाद कार्तिक ने इस स्थान पर अपने शरीर को त्याग दिया और अपनी हड्डियों को भगवान शिव को समर्पित करते है।


एडवेंचर के शौकीनों के लिए है यह स्थान

भगवान शिव और कार्तिक के भक्त यहां प्रतिदिन पूजा-अर्चना के लिए पहुँचते है। घूमने आए लोगों के लिए भी यह काफी सुन्दर स्थान है। खासतौर पर ट्रैकिंग और सैर करने वालों के लिए, क्यूंकि यहां पहुँचने के लिए आपको पहाड़ों की सैर करनी होती है। इसके साथ ही टूरिस्ट यहां साल भर मौजूद रहते है। साल के हर मौसम में इसकी प्राकृतिक सुंदरता देखने लायक है।

Kartik Swami Mandir


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