Famous Temples Of Mumbai: जानिए मुंबई के इन प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में, यहां जाने से नहीं रोक सकेंगे खुद को

द सिटी ऑफ ड्रीम्स (City of Dreams) के नाम से जाने जानी वाली मुंबई (Mumbai) बॉलीवुड और ग्लैमर के अलावा आस्था के लिए भी बेहद प्रसिद्ध है। जानिए यहां की प्रमुख मंदिरों के बारे में-

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Published By :  Satyabha
Update:2021-07-15 18:19 IST

सिद्धिविनायक मंदिर फोटो- सोशल मीडिया

द सिटी ऑफ ड्रीम्स (City of Dreams) के नाम से जाने जानी वाली मुंबई (Mumbai) बॉलीवुड और ग्लैमर के अलावा आस्था के लिए भी बेहद प्रसिद्ध है। देश-विदेश से श्रद्धालु मायानगरी में स्थित मंदिरों के दर्शन करने आते हैं। आज हम आपकों मुंबई के इन सुप्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताएंगे-

इस्कॉन मंदिर

मुंबई का इस्कॉन मंदिर (ISKCON Temple) एक दिव्य और आध्यात्मिक मंदिर है। भगवान कृष्ण को समर्पित जिन्हें भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। मंदिर का निर्माण संगमरमर और कांच से हुआ है। जुहू बीच से कुछ मीटर की दूरी पर मौजूद इस्कॉन मंदिर में आपको वीकेंड के दिनों में जाना चाहिए। यहां आसपास का वातावरण बेहद शांत रहता है। साथ ही यहां के रेस्टोरेंट में वेजिटेरियन खाना मिलता है। जहां आप सस्ते दामों में इनका स्वाद चख सकते हैं।

महालक्ष्मी मंदिर

महालक्ष्मी (Mahalaxmi) का ये मंदिर (Temple) शहर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक माना जाता है। ये मंदिर मुबई के पश्चिम में भूलाबाई देसाई रोड पर स्थित है। देवी महालक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। जानकारी के मुताबिक इस मंदिर को 17 वीं शताब्दी में बनाया गया था। यहां की मुख्य पीठासीन देवी लक्ष्मी हैं। इनके साथ यहां काली और सरस्वती देवी भी हैं। तीनों देवियों की मूर्तियों के कारण इस मंदिर को महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती के नाम से जाना जाता है।

बाबुलनाथ मंदिर

बाबुलनाथ मंदिर (Babulnath Temple) मुंबई के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण एक गुजराती समुदाय द्वारा कराया गया था। भगवान शिव मंदिर के मुख्य देवता हैं और यह गिरगांव चौपाटी के पास एक छोटी सी पहाड़ी के ऊपर स्थित है। मंदिर की संरचना 1890 की है जब यह काफी ऊंचाई पर स्थित था। 1960 के दशक में बिजली गिरने से इसकी ऊंचाई कम हो गई थी।

सिद्धिविनायक मंदिर

शहर के प्रभादेवी क्षेत्र स्थित सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Temple) भगवान गणेश को समर्पित एक श्रद्धेय मंदिर है। कहा जाता है कि इस मंदिर में यहां आने वाले हर श्रद्धालु की इच्छा पूरी होती है। मंदिर का निर्माण साल 1801 में एक दंपति ने करवाया था। दरअसल, उक्त दंपति की अपनी कोई संतान नहीं थी। इसी वजह से उन्होंने सिद्धिविनायक मंदिर बनाने का फैसला किया। दिलचस्प बात यह है कि भगवान गणेश की मूर्ति यहां स्वयं प्रकट हुई थी।

श्री थिरुचेम्बुर मुरुगन मंदिर

श्री थिरुचेम्बुर मुरुगन मंदिर (Sri Thiruchembur Murugan Temple) मुंबई के दक्षिण भारतीय मंदिरों में से एक है। यह दक्षिण में प्रथाओं के सार को पुनर्स्थापित करता है। मंदिर पश्चिम चेंबूर में स्थित है। मंदिर के मुख्य देवता भगवान मुरुगन है। यह मंदिर एक छोटी सी पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, ठीक उसी तरह जैसे मुरुगन मंदिर भारत के दक्षिणी हिस्सों में पाए जाते हैं। यहां बने भोजन को पारंपरिक रूप से केले के पत्तों पर प्रसाद के रूप में परोसा जाता है।

श्री मुम्बादेवी मंदिर

मुंबई के शुरुआती निवासी मुंबा देवी को अपनी मां देवी मानते थे। श्री मुम्बादेवी देवी (Shree Mumbadevi Temple) का मूल मंदिर, जो बोरी बंदर में बनाया गया था, छह सदियों पुराना माना जाता है। जब वह मंदिर नष्ट हो गया तो 18वीं शताब्दी में जावेरी बाजार में इसका पुनर्निर्माण किया गया। यह मंदिर हमेशा फूलों से सजा रहता है।

वालकेश्वर मंदिर

शहर का वालकेश्वर मंदिर (Walkeshwar Temple) दक्षिण मुंबई में मालाबार हिल के पास स्थित है। यह शहर का सबसे ऊंचा स्थान है। मंदिर के पास एक छोटा तालाब है जिसका नाम बाणगंगाटैंक है। इसलिए इसे इसे बाण गंगा मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। मंदिर की कथा रामायण से संबंधित है और बाण गंगा नाम पौराणिक कथा से जुड़ी एक कहानी से लिया गया है। मंदिर में अमावस्या और पूर्णिमा के दिन बहुत भीड़ रहती है।

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