Chiktan Fort Ladakh: हवा के झोंके से घूमता था इस किले का कमरा, लद्दाख में है फेमस

Chiktan Fort Ladakh : लेह लद्दाख को अपने प्राकृतिक सुंदरता के लिए पहचाना जाता है। बड़ी संख्या में लोग यहां पर प्राकृतिक नजारों का दीदार करने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन आज हम आपके यहां के एक किले के बारे में बताते हैं।

Update: 2024-08-20 12:17 GMT

Chiktan Fort Ladakh (Photos - Social Media)

Chiktan Fort Ladakh : चिकतन किला हिमालय के बहुत ऊपर, कारगिल क्षेत्र के बाॅर्डर से कुछ घंटों की ड्राइव, बड़े श्रीनगर लेह हाईवे से उत्तर की तरफ जाते हुए एक उजाड़ जगह किसी जमाने में चिकतन किला एक खूबसूरत किला था। कहा जाता हैं की वह लेह पैलेस से भी लम्बा और पुराना किला था। चिकतन किले की कई रहस्यमई बातें है। खूबसूरत जगह पर बने इस किले की कहानियाँ इसके बनने, कई अशुभ और हिंसक समारोह, जादुई बातें और इसके खत्म होने में बनी हुई है। 

चिकतन किला (Chiktan Fort)

चिकटन पैलेस या खार (खार का मतलब है महल), लेह लद्दाख महलों की उत्कृष्ट कृतियों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि यह लेह पैलेस का चचेरा भाई है और उससे ऊँचा है। खार सिंधु नदी के किनारे बंजर विशाल चट्टान पर घाटी में गहरी स्थित है। इसका निर्माण वास्तुकार शिंखेन चंदन के डिजाइनों पर मिट्टी, मिट्टी, पत्थर की चिनाई और लकड़ी का उपयोग करके किया गया था, लेकिन अब केवल खंडहर ही बचे हैं। एक बार महल में एक घूमने वाला कमरा था जो हवा के प्रवाह के साथ घूमता था। वहाँ भी एक भूमिगत सुरंग थी जिसका उद्देश्य तलहटी में स्थित झरने से महल तक पानी ले जाना था।

Chiktan Fort Ladakh


राजा ने लिया था सहारा (The King Had Taken Support)

बुलिस्तान के राजा ताहतन खान जो भाग गया था क्योंकि उसे मारने का प्रयास किया गया था, उन्होंने चिकतन क्षेत्र में सहारा लिया। वह उस राज्य से काफी प्रभावित हुआ और उसने वह किला बनाने के बारे में 8वीं सदी में सोचा लेकिन वह छोटा किला ही बना सका।

चिकतन किला का निर्माण कब हुआ (When Was Chiktan Fort Built?)

16वीं शताब्दी में बने इस किले को बाल्टी के मजदूरों ने बनाया था और यह कई राजाओं का घर बना। आज इस अनदेखे और प्रकृत्ति के वार से यह किला एक मलबे में तब्दील हो गया है।

Chiktan Fort Ladakh


तिब्बत में काफी चर्चित है चिकतन किला (Chiktan Fort Is Very Famous In Tibet)

यह किला एक जमाने में लद्दाख और तिब्बतियन आर्किटेक्चर का मास्टरपीस था जो ल्हासा, तिब्बत में काफी चर्चित था। इसमें एक घूमने वाला कमरा भी था जो हवा के प्रभाव से घूमता था। चिकतन पैलेस में राजा तब तक बसे हुए थे जब तक जम्मू के डोगरा राजा ने उस क्षेत्र को हड़प नहीं लिया। उसने राजा के प्रभाव को कम करते हुए किला को खत्म करना शुरू किया।

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