Lip Blushing Treatment : लिप ब्लशिंग से आपके होंठ दिखेंगे ग्लॉसी और क्लासी, जानें फायदे और नुकसान
Lip Blushing Treatment : सुंदर दिखना हर व्यक्ति की चाहत होती है और इसके लिए वो कई तरह के तरीके अपनाता है। लिप ब्लशिंग भी एक ऐसी ही प्रक्रिया है चलिए आज इसके फायदे और नुकसान जानते हैं।
Lip Blushing Treatment : आजकल हर व्यक्ति सुंदर दिखना चाहता है और इसके लिए वह कई तरह के जतन करता हुआ दिखाई देता है। पर्सनली तौर पर व्यक्ति खुद की सेहत और स्किन का ध्यान रखने के साथ कई तरह की ट्रीटमेंट भी करवाता है ताकि उसे कभी भी किसी तरह की परेशानी ना हो और वह हमेशा सुंदर बना रहे। आजकल कई तरह की टेक्नोलॉजी के जरिए व्यक्ति खुद को सुंदर बनाने के तरीकों पर ज्यादा ध्यान देने लगा है। लिप ब्लशिंग भी एक ऐसी सेमी परमानेंट मेकअप प्रक्रिया है जो होठों की खूबसूरती को बढ़ाने का काम करती है। चलिए इस बारे में जानते हैं।
क्या है लिप ब्लशिंग
इसमें इंजेक्शन की मदद से होठों में पिगमेंटेड लिंक डिपॉजिट की जाती है। जिससे यह भरे भरे दिखाई देते हैं और अट्रैक्टिव लगने के साथ नेचुरल लगते हैं। इसकी मदद से लिप की लाइन बिल्कुल परफेक्ट नजर आती है और टैटू के मुकाबले यह काफी ज्यादा सुरक्षित है। चलिए आज आपको इस प्रक्रिया, इससे होने वाले फायदे और नुकसान की जानकारी देते हैं।
लिप ब्लशिंग का फायदा
लिप ब्लशिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे महज 30 मिनट से 1 घंटे में किया जा सकता है। इसमें शुरुआत में होठों पर हल्की सूजन और लालिमा नजर आती है लेकिन बाद में सब कुछ नॉर्मल हो जाता है। लिप ब्लशिंग में होठों को पिगमेंटेड करते हैं। जिसमें पिक्सलेटिंग या शेडिंग तकनीक का उपयोग किया जाता है। स्किन टोन से मैच करने के लिए इसे कस्टमाइज किया जाता है और एक बार करने के बाद यह 2 साल तक वैसा ही बना रहता है। इस प्रक्रिया के बाद आपको अपने होठों की चिंता करने की जरूरत नहीं होती और अगर आप बिना मेकअप के भी कहीं जाना चाहते हैं तो जो नेचुरल रंग होठों पर दिखाई देता है वह आपकी खूबसूरती को बढ़ाने का काम करता है।
लिप ब्लशिंग का नुकसान
लिप ब्लशिंग की प्रक्रिया थोड़ी दर्दनाक होती है और इसे करने के दौरान होठों के उस हिस्से को सुन्न भी किया जाता है। यह थोड़ा दर्द भरा हो सकता है। इसके अलावा इसका एक नुकसान यह है कि इसकी वजह से आपके होठों में लालपन आ सकता है जिन्हें ठीक होने में दो सप्ताह तक का समय भी लग सकता है। उपचार के बाद त्वचा थोड़ी मोटी हो जाती है और इस वजह से शुरुआत में रंग फीका दिखाई देता है। लेकिन समय के साथ यह पूरा रंग बिल्कुल सामान्य हो जाएगा। कुछ लोगों को हल्का बुखार, खुजली और रेशेज की क्या भी हो सकती है। ज्यादा दिक्कत होने पर तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क किया जा सकता है।