Awadh Expressway Routes Details: लखनऊ में नया एक्सप्रेसवे बनने की तैयारी तेज़, जानिए क्यों होगा ये इतना ख़ास

Lucknow Awadh Expressway Routes Details: लखनऊ से तीन और शहरों को जोड़ने वाला अवध एक्सप्रेस वे पर तेज़ी से काम चल रहा है वहीँ आपको बताते हैं कि आखिर इसपर कितना पैसा लगाया जा रहा है और क्यों ये इतना ख़ास है।

Update: 2024-09-10 01:30 GMT

Awadh Expressway (Image Credit-Social Media)

Awadh Expressway: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से कई अन्य शहरों को जोड़ता अवध एक्‍सप्रेसवे बनने के बाद यहाँ के आस पास के शहरों की दूरी काफी कम हो जाएगी। आइये जानते हैं कि नए एक्सप्रेस वे को कौन कौन से शहर से जोड़ा गया है साथ ही इससे लखनऊ और कानपूर की दूरी कितनी कम होने वाली है।

उत्तर प्रदेश में एक और नए एक्सप्रेसवे बनने के साथ ही लखनऊ और कानपुर की दूरी बस 45 मिनट की हो जाएगी। इसके बीच में लगभग 42 गांव आएंगे जिनसे गुज़रते हुए आप कानपुर तक पहुंच जायेंगे। गौरतलब है कि लखनऊ से आगरा तक अवध एक्सप्रेसवे एनएच 25 के समानांतर चलेगा जो लगभग साढ़े तीन किलोमीटर की दूरी तक चलेगा। इतना ही नहीं ये शहीद पथ से शुरू होकर कानपुर तक कई रास्तों से होकर गुज़रेगी जैसे बंथरा, बनी, दतौली और कांथा इसके बाद ये कानपूर पहुंचेगा।

दरअसल इस रूट पर जहाँ लखनऊ जिले के कुल 11 गांव पड़ेंगे. वहीं, उन्‍नाव जिले के सबसे ज्‍यादा 31 गांव पड़ेंगे। ऐसे में ये लखनऊ से कानपुर के बीच की दूरी को काफी कम कर देगा। जो लोग लखनऊ से कानपुर डेली अप-डाउन करते हैं उनके लिए ये एक्सप्रेसवे तोहफे की तरह है। इसके बनने के बाद से उनके समय में काफी बचत होगी।

इतना किया जा रहा खर्च

लखनऊ-कानपुर के बीच की दूरी को और भी कम करने के लिए अवध एक्‍सप्रेस के लिए करोड़ों रूपए खर्च किये जा चुकें हैं। वहीँ इसका अनुमान लगाया जाये तो इसके पूरी तरह बनने में करीब 4700 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। वहीँ इसकी लम्बाई की बात करें तो ये करीब 93 किलोमीटर लंबा होगा। वहीँ लखनऊ से अमौसी तक इसे करीब 13 किलोमीटर तक एलिवेटेड बनाया जा रहा है जिससे सड़कों पर जाम की समस्या न होने पाए। इसके आलावा आपको बता दें कि शुरुआत में इसे छह लेन का बनाया जा रहा है और अगर ज़रूरत पड़ेगी तो लेन बढ़ाई भी जा सकतीं हैं।

ये एक्सप्रेसवे जल्द बनकर तैयार हो इसके लिए एनएचएआई राजमार्ग विकास के लिए थ्रीडी आटोमेटेड मशीन गाइडेंस मॉड्यूल का इस्‍तेमाल करेगा। आपको बता दें ये उत्तर प्रदेश में पहली बार है जो इस तकनीक से काम किया जा रहा है।

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