Lucknow Famous Mandir: लखनऊ में है 108 ज्योतिर्लिंग वाला अनोखा शिव मंदिर, आप भी कर सकते है विजिट

Lucknow Famous Shiv Mandir: लखनऊ में एक प्राचीन शिव मंदिर है, मंदिर में 108 शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंग और पंचमुखी शिव प्रतिमा स्थापित है....

Written By :  Yachana Jaiswal
Update: 2024-08-01 11:37 GMT

Lucknow Famous Shiv Mandir (Pic Credit-Social Media)

Lucknow Famous 108 Jyotirling Temple Details: उत्तर प्रदेश की राजधानी और नवाबो के शहर लखनऊ का अपना एक अलग अंदाज हैं। यहां पर आपको कई प्राचीन मान्यताओं से धनी मंदिर मिलते है। चलिए आज हम आपको लखनऊ के चौक की तंग गलियों से रानीकटरे की तरफ ले चलते है। नयी पीढ़ी के लिए यहां बहुत ही अनमोल धरोहर में से एक हैं जो लखनऊ के साथ पूरे राज्य व देश में इकलौती जगह है। लेकिन आज के युवाओं को अपनी धरोहरों के बारे में पता ही नहीं है। हम आपको शहर के बहुत ही प्रचार मंदिर के तरफ ले चलते है, जिसे 250 साल प्राचीन बताया जाता है।

लखनऊ में भगवान शिव का अनोखा मंदिर(Beautiful Shiv Mandir)

भगवान शिव का अति प्रिय महीना सावन चल रहा है, सावन माह में भक्तगण शिवालयों में दर्शन पूजन करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। अक्सर आपको मंदिरों में इस दौरान भीड़ देखने को मिलती है। भक्त अपने आराध्य देव का पूजन अर्चन करते हैं। लखनऊ के पुराने चौक के पास रानीकटरे की तरफ से सड़क सीधे बड़े शिवालय (Bada Shivalay) के पास जाकर पहुंचती हैं। यहां एक प्राचीन शिव मंदिर है, जहां पर एक साथ द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन-पूजन किए जाते हैं। इस मंदिर में वर्षों से भक्त दर्शन पूजन करने के लिए आ रहे हैं।

नाम: बड़ा शिवालय (Bada Shivalaya) या शंकाथा माता मंदिर

पता: पुराना चौक, रानीकटरा, लखनऊ 



बहुत ही अद्भुत और प्राचीन है मंदिर

आपको बता दें कि प्राचीन शिव मंदिर में 108 शिवलिंग, 12 ज्योतिर्लिंग और पंचमुखी शिव प्रतिमा स्थापित है। यह मंदिर जिस क्षेत्र में है यहां पर हिंदुओं की बड़ी आबादी रहती है। यह मंदिर कश्मीरियों द्वारा बनाया गया था। अपने आप में अनोखा और अद्भुत शिव मंदिर है। इसकी मान्यता वर्षों पुरानी है। यहां पर शिव जी प्रतिमा या शिवलिंग ऐसी है जो कहीं दूसरी जगह आपको देखने को नहीं मिलती है। मंदिर के प्रांगण में शंकथा माता का मंदिर है, इन्हें कश्मीरियों को आराध्य देवी के तौर पर पूजा जाता है।मान्यता है कि मंदिर में दर्शन पूजन करने से कभी भी अकाल मृत्यु नहीं होती. खास बात यह है कि पूरे राज्य में यह एकलौता शिव मन्दिर है, जहां पर सीधे एक साथ द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन भक्त कर सकते हैं. जिस कारण से भक्तों में इस मन्दिर को लेकर काफी उत्साह रहता है।



क्या है मंदिर की पौराणिक मान्यता

मन्दिर के निर्माण से जुड़ी जानकारी तो किसी के पास स्पष्ट नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि इस मन्दिर का पुनर्निर्माण कराने में आसिफ उददौला की भूमिका महत्त्वपूर्ण थी। इस प्राचीन शिव मंदिर में भगवान शिव का रौद्र रूप देखा जाता है। शिवलिंग के आस पास शिवलिंग के अर्घ्य में कुल 108 शिवलिंग विद्यमान है। इससे आप यदि एक बार जल अर्पित करते है तो आपको 108 ज्योतिर्लिंग पर जल अर्पित करने और दर्शन करने का पुण्य मिलता है।

मंदिर के नाम के पीछे भी है कहानी

इस मन्दिर पर कई एक साथ भगवान शंकर के अलग-अलग स्वरूप के दर्शन पूजन करते हैं। मन्दिर काफी दिव्य और प्राचीन है। इस मन्दिर में सावन पर विशेष पूजन अर्चन करने भक्त आते हैं। कहा जाता है कि जब यह मंदिर बना उस समय इस स्थान पर कई कश्मीरी रहते थे जिन्होंने यहां बाबा का विशाल शिवलिंग स्थापित कर उसे भव्य रूप दिया। उस समय यहां पर दूसरा कोई शिव मंदिर नहीं था, इसलिए इसे बड़ा शिवालय नाम दिया गया था।


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