Lucknow Hanuman Setu Mandir: रामभक्त हनुमान का ये अनोखा मंदिर, जानें पूजा का समय
Lucknow Hanuman Setu Mandir: लखनऊ जहां खान पान के लिए प्रसिद्ध है। वैसे ही कई प्रसिद्ध जगहों के लिए भी। उनमें से एक है हनुमान सेतु मंदिर, जिससे भक्तों की श्रद्धा जुड़ी हुई है
Lucknow Hanuman Setu Mandir: भक्ति मार्ग मनुष्यों को हमेशा धार्मिकता के मार्ग पर ले जाता रहा है। हिंदू धर्म इस मार्ग को अपनाकर प्रचार भी करता है ताकि व्यक्ति भगवान को प्राप्त करने की यात्रा में खुद को भी खोजने मे सफल हो सके। प्रमुख भक्ति परंपरा के साथ अनुष्ठानिक प्रसाद और मूर्ति पूजा की संस्कृति हिंदू धर्म में बहुत ही प्रसिद्ध है। भारत में विभिन्न संप्रदायों के विभिन्न देवताओं की मूर्तियों वाले कई मंदिर मिलते हैं, लखनऊ में हनुमान सेतु मंदिर एक ऐसा ही पवित्र प्रतिष्ठान है। जहां रामभक्त हनुमान विराजमान है।
तपस्या और एकाग्रता के लिए प्रमुख है हनुमान
लखनऊ जहां खान पान के लिए प्रसिद्ध है। वैसे ही कई प्रसिद्ध जगहों के लिए भी। उनमें से एक है हनुमान सेतु मंदिर, जिससे भक्तों की श्रद्धा जुड़ी हुई है। बाल ब्रह्मचारी मन को एकाग्र रख संकट से निकलने का मार्ग प्रशस्त करते है। श्री हनुमान हिंदू धर्म में एक प्रतिष्ठित देवता हैं जिन्हें सर्वोच्च भगवान शिव का अमर सांसारिक अवतार माना जाता है। उन्हें आठ चिरंजीवियों में से एक शक्ति, ज्ञान, भक्ति और सर्वशक्तिमान अस्तित्व के प्रतीक के रूप में भी माना जाता है। वानर राजा भगवान हनुमान की कई लोगों द्वारा प्रशंसा की जाती है और ज्यादातर लोग उनके तपस्या के मार्ग का अनुसरण भी करते हैं उनके बारे में कहा जाता है कि वे बाल ब्रह्मचारी थे।
कहां है मंदिर, क्या है पूजा का समय?
हनुमान सेतु मंदिर लखनऊ की गोमती नदी के पास स्थित है। मंदिर नदी के पुल पर बना है इसलिए इस पुल को हनुमान सेतु और मंदिर को हनुमान सेतु मंदिर कहा जाता है। इसका निर्माण नीम करोरी बाबा ने करवाया था।
लोकेशन: यूनिवर्सिटी रोड, बाबूगंज, हसनगंज लखनऊ
दर्शन करने का समय : सुबह 5 बजे से लेकर रात के 11 बजे तक
मन्दिर में सबकुछ बहुत सुंदर है। जिसे समय समय पर जीर्णोद्धार द्वारा और भी अत्यधिक सुंदर और लुभावना बनाने का प्रयास निरंतर किया जाता है।
दर्शन का समय
खुलने का समय - प्रातः 5:00 बजे
समापन समय - रात्रि 11:00 बजे
ड्रेस कोड
पारंपरिक और औपचारिक कपड़े
कैमरा, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने की अनुमती है।
हनुमान सेतु मंदिर में आपको प्रसाद भी उपलब्ध कराया जाता है।
मंदिर का है बाबा नीब करौरी से संबंध
हनुमान सेतु मंदिर के आचार्य चंद्रकांत द्विवेदी बताते है कि, परम पूज्य बाबा नीब करौरी ने इस मंदिर की स्थापना वर्ष 1967 में करवाई थी। साल 1960 में गोमती नदी में भयंकर बाढ़ आ गई थी। जिससे गोमती नदी के किनारे पर स्थित बाबा नीब करोरी का आश्रम डूब गया था। फिर वर्ष 1967 के जनवरी माह में बाबा नीब करौरी ने हनुमान सेतु मंदिर का निर्माण कराया। यह निर्माण करने का फैसला तब लिया गया जब गोमती नदी के ऊपर एक सेतु बनाने का विचार सार्वजनिक किया गया था। तब बाबा ने सेतु के पहले मंदिर बनवाने का विचार प्रकट किया, और अंत में मंदिर की स्थापना करवाए, बाबा के देह त्यागने के बाद मंदिर परिसर में हनुमान जी की प्रतिमाओं के साथ ही शुरुआत में द्वार के पास बाबा नीम करोरी की प्रतिमा का स्थापना किया गया। मन्दिर परिसर में अन्य देवी देवताओं की भी प्रतिमाएं श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचती हैं।