Lucknow Ka Famous Mandir: लखनऊ के इस माता मंदिर में करें 51 शक्तिपीठों के दर्शन, भक्तों के बीच है प्रसिद्ध
Lucknow Ka Famous Mandir: जल्दी नवरात्रि का त्योहार शुरू हो जाएगा और देवी मंदिरों में खास तौर पर भी देखने को मिलेगी। आज हम आपको लखनऊ के 51 शक्तिपीठ मंदिर के बारे में बताते हैं।
Lucknow Ka Famous Mandir: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ एक प्रसिद्ध शहर है जो पर्यटन के लिए हाथ से काफी प्रसिद्ध है। यहां पर घूमने बनने के लिए एक से बढ़कर एक स्थान मौजूद है जहां पर पर्यटकों का आना-जाना लगातार लगा रहता है। लखनऊ का इतिहास से गहरा कनेक्शन रहा है यहां पर कई सारे ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं। लेकिन आज हम आपके यहां के किसी ऐतिहासिक स्थल नहीं बल्कि धार्मिक स्थल के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां पर एक ही मंदिर के अंदर भक्तों को 51 शक्तिपीठों के दर्शन करने का लाभ मिलता है। चलिए आपको बताते हैं कि यह मंदिर कहां है और यहां पर आप माता के कितने स्वरूपों के दर्शन कर सकते हैं।
शुरू होने वाली है नवरात्रि
दरअसल 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरू होने जा रही है। नवरात्रि के मौके पर माता मंदिरों में खास पर भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। देश भर के तमाम बड़े-बड़े और शहरों में मौजूद है छोटे-बड़े मंदिर में नवरात्रि के दौरान तरह-तरह के आयोजन किए जाते हैं और भक्त का हिस्सा बनता है। पौराणिक कथा के अनुसार देवी सती जलते हुए शरीर के अंग के टुकड़े जहां-जहां पर गिरे थे वहां वहां शक्तिपीठों का निर्माण हुआ है। लेकिन आज हम आपको एक ही जगह पर 51 शक्तिपीठों के दर्शन करने की जानकारी देते हैं।
प्रसिद्ध है 51 शक्तिपीठ
लखनऊ में मां जगदंबा का मंदिर नंदना बख्शी तालाब में मौजूद है। 1998 में इस जगह की स्थापना सीतापुर के रहने वाले रघुराज दीक्षित ने अपने पुत्र आशीष की याद में की थी। यहां पर माता के 51 स्वरूपों के दर्शन करने को मिलते हैं जिन्हें देखकर बहुत खुद को धन्य महसूस करते हैं।
होंगे 51 शक्तिपीठों के दर्शन
इस मंदिर में भारत के अलग-अलग स्थान पर मौजूद शक्तिपीठ और इसके अलावा पाकिस्तान, चीन और श्रीलंका समेत बांग्लादेश और नेपाल में मौजूद शक्तिपीठों की रज लाकर प्रतिमाओं की स्थापना की गई है। नवरात्रि के मौके पर बड़ी संख्या में यहां भक्तों की भीड़ माता का आशीर्वाद लेने के लिए उमड़ती है।
ऐसा है मंदिर
इस बहुमंजिला मंदिर में जो व्यक्ति सीढियां चढ़ने में असक्षम है उनके लिए लिफ्ट की भी व्यवस्था की गई है। इस अद्भुत मन्दिर का श्रेय आशीष सेवा यज्ञ न्यास को जाता है जिसके इतने परिश्रम स्वरुप हमको एक ऐसा मन्दिर मिला जहां पर माता दुर्गा के समस्त शक्तिपीठो के दर्शन एक साथ सम्भव हो पाए , आखिरी मंजिल पर भगवान भोलेनाथ की स्फटिक की शिवलिंग स्थापित है जो की सफ़ेद रंग की अत्यंत सुन्दर दिखाई देती है। 51 शक्तिपीठो के दर्शन करने के पश्चात सबसे आखिरी मंजिल पर पहुचे तो वहां का नजारा सच में अद्भुत लगेगा। आप को अपने आप वहां भोले बाबा के होने का एहसास होगा। बड़े से नंदी जी और उनके सामने बना भव्य मंदिर जिसमे सफ़ेद रंग की शिवलिंग हर भक्त का मन मोह लेती है।