Orchha Ram Mandir History: यहां राजा रूप में पूजे जाते हैं राम, मध्य प्रदेश में है ये प्रसिद्ध मंदिर
Orchha Ram Mandir History: मध्य प्रदेश के ओरछा में भगवान राम का बहुत प्रसिद्ध मंदिर है। यहां पर श्री राम को राजा के रूप में पूजा जाता है।
Orchha Ram Mandir : हमारे देश में भगवान राम के कई प्राचीन और भव्य मंदिर है। वहीं ओरछा का राजा राम मंदिर भी विश्वभर में काफी प्रसिद्ध है। जिसकी कहानी भी काफी रोचक है। कहा जाता है कि इस जगह पर भगवान राम महारानी की जिद के आगे झुककर पहुंचे थे। जिसके बाद से यहां पर भगवान राम की पूजा की जाने लगी। चलिए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी कुछ खास और रोचक बातें।
यहां राजा कहलाते हैं राम (Here Shri Ram is called By Raja Ram)
ये देश का एकमात्र मंदिर है जहां भगवान राम राजा के रूप में पूजे जाते हैं। इसके अलावा एमपी पुलिस सुबह और शाम यहां पर बंदूकों से सलामी देती है। यही वजह है कि इस मंदिर में दूर-दूर से भक्त भगवान राम का सम्मान देखने भक्त आते हैं।
ऐसी है कथा (The Story)
प्रचलित मान्यता के अनुसार 1631 में ओरछा की महारानी गणेश कुंवर पुष्य नक्षत्र में इस मूर्ति को अयोध्या से नंगे पैर चलकर गोद में लेकर ओरछा लायी थी। जानकारी अनुसार ओरछा नरेश मधुकार शाह जू देव कृष्ण भक्त थे जबकि उनकी रानी कुंवर गणेश राम भक्त थी। जनश्रुति के अनुसार एक दिन राजा रानी के बीच अपने-अपने आराध्य की श्रेष्ठता को लेकर विवाद हो गया। राजा की चुनौती देने पर रानी कुंवर गणेश ने राजाराम को अयोध्या से ओरछा लाने का संकल्प लिया। इसके बाद रानी अयोध्या पहुंची तथा उन्होंने वहां अपने आराध्य भगवान श्रीराम को पाने कठोर तपस्या की, तपस्या के बावजूद भी जब भगवान राम प्रकट नहीं हुए तब दुःखी रानी ने सरयू नदी में प्राण त्यागने के उद्देश्य से छलाग लगा दी। तत्क्षण राम की बालरूप में सुन्दर मूर्ति रानी की गोद में प्रकट हो गई और रानी ने भगवान श्रीराम से ओरछा चलने का आग्रह किया।
भगवान ने रखी तीन शर्त (God Set Three Conditions)
राम भी उनकी बात को मान गए, लेकिन उन्होंने अपनी 3 शर्ते रख दी। पहली शर्त में भगवान राम ने कहा कि मैं अयोध्या से ओरछा जाकर जिस जगह बैठूंगा। इस स्थान में फिर नहीं उठूंगा। दूसरी शर्त में कहा कि ओरछा के राजा के रूप में विराजित होने के बाद किसी दूसरे की सत्ता नहीं रहेगी और रामलला की तीसरी शर्त में उन्होंने खुद को बाल रूप में पैदल एक विशेष पुष्य नक्षत्र में साधु संतों के साथ ले जाने की थी।
यहां की खास विशेषताएं (Special Features Here)
विश्व का एकमात्र स्थान जहां सदियों से भगवान राम की पूजा राजा के रूप में की जाती है।
विश्व का एक मात्र स्थान जहां भगवान को सरकार की ओर से सशस्त्र सलामी दी जाती है।
भगवान को सूर्योदय के पूर्व से सूर्यास्त के बाद भी सलामी दी जा रही है।
ईश्वरीय सत्ता का अनूठा उदाहरण जहां भगवान श्रीराम के लिये करोड़ों रुपये की लागत से बना भव्य मंदिर बनाया गया, लेकिन भगवान उस मंदिर में विराजमान न होकर महल में विराजे है।
एक मात्र स्थान है, जहां राम राजा के रूप में राजकाज निपटाने और जनता को दर्शन देने के लिये गर्भगृह से बाहर आते है। जबकि हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा की गई मूर्ति को स्थापित स्थान से हटाया नहीं जाता है।