Mahakumbh 2025: महाकुंभ से जुड़ी हर एक जानकारी पाएं यहाँ, वरना हो सकती हैं कई परेशानियां

Mahakumbh 2025 : महाकुंभ से जुड़ी हर जानकारी आज हम आपको देने जा रहे हैं। आइये विस्तार से जानते हैं प्रयागराज पहुंचने से लेकर वहां घूमने तक की हर एक जानकारी।;

Update:2025-01-07 09:00 IST

Mahakumbh 2025 (Image Credit-Social Media)

Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 की शुरुआत प्रयागराज में 13 जनवरी से होगी साथ ही साथ यह 26 फरवरी तक चलेगा। अगर आप भी वहां जाने का प्लान कर रहे हैं तो आपको कुछ गाइडलाइंस को ध्यान में रखना होगा। आइये ले लेते हैं प्रयागराज पहुंचने से लेकर वहां घूमने तक की पूरी जानकारी।

क्या है महाकुंभ

इस समय हर तरफ महाकुंभ की चर्चा है ऐसे में क्या आप जानते हैं कि महाकुंभ है क्या? आइये आपको विस्तार से बताते हैं कि महाकुम्भ आखिर है क्या। महाकुंभ भारत का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है जो हर 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है। वहीँ इस मेले को और इस आयोजन को लेकर अलग-अलग कथाएं लोगों द्वारा सुनाई जातीं हैं। जिसमें से सबसे प्रमुख है समुद्र मंथन और विशेष नक्षत्र की स्थिति पर आधारित कथाएं। इस महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु, साधु संत और विभिन्न धर्म संप्रदायों के लोग शामिल होते हैं।

कब पहुंचें महाकुंभ

अगर आप भी महाकुंभ का आयोजन देखना चाहते हैं और शाही स्नान करना चाहते हैं तो हम आपको इसके लिए सबसे अच्छा समय बताने जा रहे हैं लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि महाकुंभ के दौरान लोगों की काफी ज्यादा भीड़ यहां रहती है ऐसे में अच्छा होगा की शाही स्थान से एक-दो दिन पहले ही आप कुंभ सिटी पहुंच जाए और वहां रुकें ताकि आप भीड़भाड़ से बच सके। अन्य दिनों में यूं तो भीड़ काफी कम रहती है लेकिन महाकुंभ की महत्ता को देखते हुए करोड़ों की संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं।

महाकुंभ में शाही स्नान का महत्व

प्रयागराज में किसी भी दिन स्नान करना कल्याणकारी होता है और कहा जाता है। वहीँ ऐसी भी मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान किसी भी दिन अगर आप यहां स्नान करते हैं तो आपको अपने सारे पापों से मुक्ति मिलती है। यह बेहद कल्याणकारी भी माना जाता है। अन्य दिनों में स्नान करने को सामान्य स्नान कहते हैं वहीँ शाही स्नान या राज योगी स्नान का अपना अलग महत्व है। महाकुंभ के दौरान कुछ ऐसे दिन होते हैं जब स्नान को ज्यादा पुण्य कार्य माना जाता है। इन्हें ही शाही स्नान कहा जाता है। वहीँ इस दिन आपको सभी प्रमुख अखाड़े के संत जुलूस के साथ निकलते और संगम में डुबकी लगाते नजर आ जाएंगे। इस साल प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्था स्नान के लिए की गई है। जहां पर कुछ लोग अगर नदी में नहाने से घबराते हैं तो उनके लिए अलग से कुंड की व्यवस्था की गई है। जहां पर नदी का पानी आएगा और आप आसानी से वहां पर नहा सकेंगे। महिलाओं को भी इसमें काफी सुविधा होगी। आइये जानते हैं क्या है शाही स्नान की तिथियां।

पौष पूर्णिमा 

13 जनवरी 2025

मकर संक्रांति 

14 जनवरी 2025

मौनी अमावस्या 

29 जनवरी 2025

बसंत पंचमी 

3 फरवरी 2025

माघी पूर्णिमा 

12 फरवरी 2025

महाशिवरात्रि 

26 फरवरी 2025

कैसे पहुंचे प्रयागराज

प्रयागराज के लिए कई सारी फ्लाइट्स और ट्रेनें चलाई गई है जिसके द्वारा आप प्रयागराज आसानी से पहुंच सकते हैं। वहीँ आपको अगर हवाई यात्रा करनी है तो आपको बता दें कि नौ प्रमुख शहरों से रोज यहां पर फ्लाइट चलेगीं। आइये इसे ठीक से समझने के लिए इस चार्ट पर नजर डालते हैं।


वहीं अगर आप रेल यात्रा द्वारा प्रयागराज पहुंचाना चाहते हैं तो आपको बता दें कि प्रयागराज में कुल 9 रेलवे स्टेशन है। इसे रोज करीब 500 ट्रेनें गुजरती है। आप टिकट बुक करते समय ट्रेनों की उपलब्धता के हिसाब से इनमें से किसी भी स्टेशन के लिए टिकट बुक करवा सकते हैं। प्रयागराज के स्टेशन और संगम से उनकी दूरी को विस्तार से जानने के लिए इस दिए हुए चार्ट पर एक नजर डालें।








इन ट्रेनों के अलावा 12 जनवरी से 28 फरवरी तक महाकुंभ के लिए भारतीय रेलवे करीब 992 स्पेशल ट्रेन भी चलाएगी। ऐसे में यात्रा से पहले आप ट्रेन का समय जरुर चेक कर लें। इसमें बदलाव होना भी संभव है। वहीँ महाकुंभ रेलवे टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है यह नंबर है 18004199 139 वहीँ ट्रेन से यात्रा के दौरान कुछ गाइडलाइंस है जिनका भी आपको ध्यान रखना होगा। आइये जानते हैं क्या है यह गाइडलाइंस। दरअसल कुंभ मेले के दौरान यात्रियों की सुरक्षा के लिए कई रेलवे स्टेशनों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं इन प्रतिबंधों को शाही स्नान के एक दिन पहले से और शाही स्नान के दो दिन बाद तक लागू किया जाएगा। आइये जानते हैं क्या है यह प्रतिबंध।

गौरतलब है कि 13 जनवरी से पौष पूर्णिमा और 14 जनवरी को मकर संक्रांति के शाही स्नान तक यानि 12 से लेकर 16 जनवरी तक रेलवे द्वारा कुछ प्रतिबंध लगाए जाएंगे। इसके बाद 28 से 31 जनवरी तक भी प्रतिबंध लगाए जाएंगे। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या की वजह से शाही स्नान है ऐसे में रेलवे कुछ प्रतिबंध लगा रहा है 2 से 5 फरवरी तक भी प्रतिबंध लगाए जाएंगे आपको बता दें कि 3 फरवरी को बसंत पंचमी का शाही स्नान है ऐसे में रेलवे इस दौरान भी प्रतिबंध लगाएगा। 11 से 14 फरवरी तक भी यह प्रतिबंध रहेंगे क्योंकि 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा का शाही स्नान है इसके बाद 25 से 28 फरवरी तक भी यह प्रतिबंध लागू होंगे क्योंकि 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का शाही स्नान है।

रेलवे और हवाई यात्रा के अलावा अगर आप बस से महाकुंभ पहुंच रहे हैं तो आपके लिए भी प्रशासन ने कई इंतजाम किए हैं। सभी बड़े शहरों के सड़क मार्ग से जुड़ा है प्रयागराज। यहां आप अपनी गाड़ी या सरकारी बसों से आ सकते हैं। ऐसे में प्रयागराज के लिए बड़े शहरों से रोड कनेक्टिविटी इस चार्ट से आप समझ सकते हैं।

महाकुंभ में जाने के बाद आप अगर रुकने के लिए यहां की व्यवस्था पहले से जानने की सोच रहे हैं तो आइये जान लेते हैं कि महाकुंभ में आप कहां रुक सकते हैं।

दरअसल प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान ठहरने के लिए कई तरह की सुविधा प्रशासन दे रहा है जिनमें टेंट सिटी,होटल, धर्मशाला और होमस्टे शामिल है। महाकुंभ में टेंट सिटी की काफी चर्चा हुई है ऐसे में महाकुंभ के लिए प्रशासन ने संगम के पास एक टेंट सिटी बनाई है। जहां श्रद्धालुओं के लिए लगभग 25000 टेंट मौजूद है इनमें हर तरह की सुविधा आपको मिलेगी। यहाँ आपको अलग-अलग तरह के टेंट मिल जाएंगे जिसमें बेसिक टेंट, डीलक्स टेंट और लग्जरी टेंट शामिल है। इन सभी का प्रतिदिन का किराया अलग-अलग है साथ ही टेंट की संख्या भी अलग है. आइये इस चार्ट के माध्यम से समझते हैं कि यह टेंट कौन-कौन से हैं।

इसके अलावा अगर आप किसी होटल में रुकना चाहते हैं तो आपको बता दें कि प्रयागराज में अलग-अलग तरह के लगभग 150 से भी ज्यादा होटल मौजूद है इसमें सस्ते बजट होटल से लेकर लग्जरी होटल सभी शामिल है।

प्रयागराज के प्रमुख लग्जरी होटल

होटल कन्हा श्याम

होटल कन्हा श्याम एक लग्जरी होटल है जो की प्रयागराज में स्थित है इसका पता है 22/1 स्ट्रैची रोड सिविल लाइंस प्रयागराज।

होटल मिलन पैलेस

यह होटल भी सिविल लाइंस में मौजूद है और प्रयागराज के प्रमुख लग्जरी होटल में से एक है। जहां आपको कई तरह की सुविधा मिल जाएगी।

होटल प्रयागराज रीजेंसी

होटल प्रयागराज रीजेंसी 16 ताशकंत मार्ग पर स्थित है। जहां पर आपको कई सारी सुविधाएं मिल जाएगी और यह भी प्रयागराज के लग्जरी होटल में शामिल है।

होटल अजय इंटरनेशनल

यह भी सिविल लाइंस प्रयागराज में स्थित है। साथ ही साथ यह भी प्रयागराज के लग्जरी होटल में से एक है यहां पर आपको कई सारी सुविधाएं मिल जाएगी।

आपको बता दे इन सभी होटल में आपको सस्ता और मिड रेंज या लग्जरी अलग-अलग हिसाब से पोर्टल का किराया मिल जाएगा जहां सस्ते होटल हजार से ₹3000 में आपको मिल जाएंगे वहीं मिडिल रेंज की अगर बात करें तो यह 3000 से 7000 तक है। इसके अलावा लग्जरी होटल आपको 7000 से 15000 से भी ज्यादा में मिल सकते हैं। वही महाकुंभ के दौरान इनकी मांग और किराया बढ़ाने की उम्मीद की जा सकती है।

इसके अलावा यहां पर आपको 50 से भी ज्यादा धर्मशालाएं मिल जाएगी। खासकर तीर्थ यात्रियों के लिए यहां पर किफायती आवास उपलब्ध है। इन प्रमुख धर्मशाला में जैन धर्मशाला, बांगड़ धर्मशाला, मध्वा पेजावर और श्री शारदा प्रीतम शामिल है। इनका प्रतिदिन का किराया 500 से 2000 है। धर्मशाला में बुकिंग के लिए आपको पहले आओ पहले पाओ के आधार पर अपनी बुकिंग करनी पड़ेगी क्योंकि भीड़ के कारण यहां पहले से ही लोगों ने कई कमरों को बुक किया हुआ है।

वहीँ अगर होमस्टे की बात की जाए तो इनकी संख्या सीमित है लेकिन स्थानीय लोग भी अपने घरों में कमरा किराए पर देते हैं जहां घर जैसा माहौल आपको मिल जाएगा। ऐसे में आप होम स्टे का ऑप्शन भी चुन सकते हैं। प्रमुख होम स्टेज में से छोटी कोठी कानपुर गेस्ट हाउस प्रमुख है। जहां का प्रतिदिन का किराया 1000 से 4000 तक है लेकिन यहां पर बुकिंग करने से पहले आप विश्वसनीय स्रोतों द्वारा ही इन्हें बुक करवाएं।

महाकुंभ में ध्यान रखने योग्य बातें

जरूरी दस्तावेज रखें अपने साथ

अगर आप भी महाकुंभ जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको बता दे कि आपको वहां जाने से पहले अपने साथ कुछ चीजों का ध्यान रखना पड़ेगा। जिनमे सबसे पहले है आवश्यक दस्तावेज जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, मेडिकल रिपोर्ट (अगर आपको कोई बीमारी है तो) यात्रा की टिकट, अगर आपने ऑनलाइन बुकिंग की रसीद दे रखी है तो।

महाकुंभ में अक्सर लोगों के खोने या बिछड़ने की खबरें आती रहती हैं। ऐसे में अगर आप एक पहचान बैंड अपने बच्चों और बुजुर्गों के लिए बनवा ले तो यह एक अच्छा आईडिया होगा। ऐसे में यह एक आईडी कार्ड का भी काम कर सकता है या फिर आप एक आईडी कार्ड भी बनवा सकते हैं। ये बैंड या आईडी कार्ड, स्टेशनरी सप्लाई की दुकानों पर आसानी से मिल जाएंगे। इनमें जानकारी भरकर बच्चों और बुजुर्गों को पहना सकते हैं।

स्नान और पूजा के दौरान रखें इन बातों का ख्याल

स्नान के लिए कम भीड़भाड़ वाली जगह को और समय चुनना आपके लिए सही रहेगा। इसके अलावा सही मार्ग और घाट की जानकारी पहले से हो तो आपके लिए यह सब काफी सुविधाजनक हो जाएगा। कुंभ से जुड़ी अन्य कोई भी जानकारी के लिए सरकार द्वारा एक वेबसाइट बनाई गई है जिस पर जाकर भी आप इनकी जानकारी ले सकते हैं इस वक्त यह वेबसाइट है www.kumbh.gov.in

खाने पीने का भी रखें ख्याल

संभव हो तो अपने साथ साफ पानी की बोतल रखें या फिर केवल सरकारी या अधिकृत स्टॉल से ही पानी खरीदे। हल्का और पौष्टिक खाना खाना इस समय सबसे अच्छा ऑप्शन रहेगा। इसमें फ्रूट बिस्किट और ड्राई फ्रूट या फिर हलके नमकीन शामिल करें। ज्यादा भारी खाना खाने से आपको दिक्कतों का सामना भी करना पड़ सकता है।

अगर आपका कोई भी अपना या कोई समान खो जाए तो इसके लिए मेला प्रशासन द्वारा कई व्यवस्थाएं की गई है। आइये जानते हैं क्या है ये व्यवस्थाएं।

डिजिटल खोया पाया केंद्र: कुंभ सिटी में मेला प्रशासन ने 10 डिजिटल खोया पाया केंद्र बनाए हैं। जिसमें आप किसी के भी खोने या कोई सामान खोने की जानकारी दे सकते हैं।

हेल्पलाइन: शिकायत या सहायता के लिए आप 1920 टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके अपनी शिकायत या सहायता ले सकते हैं।

एआई कैमरा : कुम्भ सिटी में आई कैमरा की मदद से क्राउड मैनेजमेंट किया जाएगा यह कैमरे चेहरे की पहचान भी कर सकेंगे

कुंभ में किसी भी तरह की दिक्कत के समय क्या करें

  • कुंभ में अगर आपको किसी भी तरह की दिक्कत या मुसीबत का सामना करना पड़े तो आप हेल्पलाइन नंबर 1920 पर कॉल कर सकते हैं।
  • किसी पुलिसकर्मी या वालंटियर से संपर्क करके आप खोया पाया केंद्र तक भी पहुंच सकते हैं।
  • अगर आपका कोई संबंधी या जानने वाला इस मेले में खो जाए तो आप खोया पाया केंद्र से उसके लिए अनाउंसमेंट भी करवा सकते हैं।

अपने आउटफिट पर भी दे ध्यान

  • सर्दी के मौसम में आपको गर्म कपड़े, मोजा, टोपी और दस्ताने कुंभ में जरूरत पड़ सकते हैं। ऐसे में अपने साथ इन गर्म कपड़ों को ज़रूर ले जाएं।
  • इसके अलावा आपको काफी ज्यादा पैदल चलना पड़ सकता है ऐसे में आरामदायक और टिकाऊ जूतों का होना भी आपको सुविधा देगा।

कुछ खास दवाइयों को रखें अपने साथ

  • महाकुंभ जाते समय आप अपने साथ कुछ ऐसी दवाइयाों को भी ले जाइए जो आपको वहां पर जरूरत पड़ सकती है। जैसे कि बुखार के लिए पैरासिटामोल, पेट दर्द या एसिडिटी के लिए दवाइयां वगैरह।
  • इसके साथ ही दस्त के लिए ओआरएस और सर्दी खांसी के लिए दवाइयां और खांसी की सिरप, चोट लगने पर कोई ऑइंटमेंट,कॉटन और बैंडेज रखें वहीँ दर्द के लिए कोंबोफ्लैम रखें।
  • इसके अलावा अगर आपके साथ छोटे बच्चे हैं तो उनके लिए भी कुछ ऐसी दवाइयां डॉक्टर से पूछ करके रखें जो आपको वहां पर जरूरत पड़ सकती है जैसे सर्दी खासी जुकाम या बुखार की दवाइयां दस्त वगैरा की दवाइयां।

इन बातों का खास ख्याल रखें

महाकुंभ जाने पहुंचने पर आपको कुछ ऐसी बातों का भी ध्यान रखना होगा जो आपको वहां पहुंचकर नहीं करना है। आइये जानते हैं क्या है यह बातें

अनाधिकृत क्षेत्र में न जाए: कुंभ में कई दिन भीड़भाड़ की वजह से कुछ क्षेत्रों को प्रशासन बंद कर सकता है। ऐसे क्षेत्रों में बिना अनुमति के न जाए इसके अलावा सुरक्षा बैरिकेट्स भी पार ना करें।

संदिग्ध व्यक्तियों से सावधान रहे : महाकुंभ में ठगों और चोरों के गिरोह भी सक्रिय रहते हैं ऐसे में किसी अनजान व्यक्ति पर भरोसा ना करें। साथ ही साथ फर्जी साधुओं या दलालों के बहकावे में भी ना आए।

  • महाकुंभ में कुछ दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं ऐसे में उन दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने से बचें। आइये जानते हैं क्या है यह दिशा निर्देश।
  • कुंभ में हर जगह जाने का रास्ता और गाड़ियों की पार्किंग के स्थान ट्रैफिक पुलिस ने तय किए हुए हैं। इन नियमों का पालन करेंगे तो आप जाम और भीड़भाड़ से बचे रहेंगें।
  • अपना सामान लावारिस ना छोड़े कीमती सामान जैसे मोबाइल पर्स और गहने संभाल कर रखें। बैग या सामान सुरक्षित स्थान पर ही रखें।

प्रयागराज में लगने वाला महाकुंभ इस बार बेहद खास होने वाला है काफी दिव्य और भव्य भी है ऐसे में आप अगर प्रयागराज जा रहे हैं तो यहां पर कई ऐसी जगह भी है जहां पर आप घूम सकते हैं। आइये जानते हैं कौन-कौन सी हैं यह जगहें।

लेटे हुए हनुमान जी

लेटे हुए हनुमान जी गंगा घाट संगम मार्ग पर स्थित है यहां जाने का समय सुबह 5:30 से दोपहर के 2:00 तकहै। उसके बाद शाम को 4:30 से रात के 8:00 तक है। मंदिर की खासियत यह है कि यह 700 साल पुराना है और ऐसा भी कहा जाता है कि हर साल गंगा मैया हनुमान जी को स्नान करने आती हैं। इसकी संगम से दूरी 900 मीटर है।

वेणी माधव मंदिर

प्रयागराज में स्थित वेणी माधव मंदिर निराला मार्ग दारागंज में स्थित है। संगम से इसकी दूरी 2.1 किलोमीटर है। यहां जाने के लिए सबसे उचित मंदिर के खुलने का समय यहां सुबह 5:00 से दोपहर 12:00 तक और शाम को 4:00 बजे से रात के 10:00 तक है। इस मंदिर की खासियत की बात करें तो यह मंदिर 12 प्रमुख मंदिरों में से एक है। इसमें भगवान वेणी माधव अपने चतुर्भुज स्वरूप में भक्तों को दर्शन देते हैं।

भारद्वाज आश्रम

प्रयागराज में स्थित भारद्वाज आश्रम कर्नलगंज में स्थित है। संगम से इसकी दूरी 5 किलोमीटर है। यहां जाने के लिए आप सुबह 7:30 से लेकर के रात के 10:30 तक जा सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि त्रेता युग में यहां भगवान् राम, माता सीता और लक्ष्मण आए थे। यहीं महर्षि भारद्वाज ने उन्हें चित्रकूट जाने का रास्ता बताया था। इसका उल्लेख रामायण में भी मिल जाता है।

नाग वासुकी

प्रयागराज में स्थित नाग वासुकी दारागंज में स्थित है। संगम से इसकी दूरी 3.4 किलोमीटर है यहां जाने का समय सुबह 5:30 से रात के 10:00 बजे तक है ऐसी मान्यता है कि प्रयागराज आने वालों की यात्रा नाग वासुकी के दर्शन के बिना अधूरी रह जाती है। यहां नागों के राजा वासुकी विराजमान है ऐसे में अगर आप प्रयागराज जा रहे हैं तो नाग वासुकी के दर्शन करना आपके लिए बेहद सुखद अनुभव हो सकता है।

मनकामेश्वर मंदिर

प्रयागराज में स्थित मनकामेश्वर मंदिर फोर्ट रोड कायड़ गंज में स्थित है। संगम से इसकी दूरी 2.1 किलोमीटर है। यहां आप सुबह 8:00 बजे से रात के 11:00 तक शिव जी के दर्शन कर सकते हैं। प्रयागराज किले के पास ही यह मनकामेश्वर मंदिर स्थित है। ऐसी मान्यता है की रामायण काल में मंदिर की स्थापना श्री राम ने सीता जी के कहने पर की थी।

अक्षय वट वृक्ष

प्रयागराज में स्थित अक्षय वट वृक्ष संगम मार्ग अकबर किला के पास है। संगम से इसकी दूरी महज़ 1 किलोमीटर है। यहां जाने के लिए आप सुबह 8:00 बजे से रात के 8:00 तक जा सकते हैं। यह प्राचीन बरगद का पेड़ है पौराणिक मान्यता के अनुसार यहां पर भगवान् राम लक्ष्मण और सीता मां ने वनवास के दौरान विश्राम किया था।

अलोपी माता मंदिर

प्रयागराज में अलोपी बाग मटियारा रोड पर स्थित है। यह संगम से 2.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां जाने के लिए आप सुबह 8:00 बजे से रात के 8:00 तक जा सकते हैं। आपको बता दें यह मंदिर भारत के प्रतिष्ठित शक्तिपीठों में से एक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवी सती के दाहिने हाथ का पंजा यहीं पर गिरा था।

सरस्वती कूप

प्रयागराज में स्थित सरस्वती कूप संगम मार्ग अकबर किला के पास है। संगम से इसकी दूरी 3.1 किलोमीटर है। यहां जाने के लिए आप सुबह 8:00 बजे से रात के 8:00 बजे तक जा सकते हैं। सरस्वती कूप एक पवित्र कुआं है ऐसी मान्यता है कि कोई इस कुएं में जल से स्नान करें या यह जल ग्रहण करें तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

सोमेश्वर महादेव

प्रयागराज में स्थित सोमेश्वर महादेव मित्र नगर झलवा में स्थित है। संगम से इसकी दूरी 12.1 किलोमीटर है। पौराणिक कथाओं की माने तो मंदिर की स्थापना चंद्रदेव ने क्षय रोग के श्राप से मुक्त होने के लिए की थी। आपको बता दें कि यहां लोग गंभीर बीमारियों से निजात पाने के लिए आते हैं।

आनंद भवन

एक समय यह नेहरू परिवार का निवास स्थान हुआ करता था। पंडित नेहरू के जीवन से जुड़े कई फोटो और साक्ष्य यहां देखने को मिलते हैं। याद रखिएगा यह भवन सोमवार को बंद रहता है।

अकबर का किला

प्रयागराज में स्थित अकबर का किला संगम तट पर स्थित है संगम से इसकी दूरी 3 किलोमीटर है। ऐसे में अगर आप यहां जाने का प्लान बनाते हैं तो आपको बता दें कि सुबह 10:00 बजे खुल जाता है और शाम को 6:00 बजे तक आप यहां रह सकते हैं। किला अकबर ने 1575 में बनवाया था। इसे अकबर ने 1575 में बनवाया था इसके निर्माण में 45 साल लगे थे। फिलहाल यह सेना की संपत्ति है। अक्षय वट और सरस्वती कूप समेत कई टूरिस्ट आकर्षण किले के अंदर मौजूद हैं।

आजाद पार्क

आजाद पार्क प्रयागराज में जॉर्ज टाउन पर स्थित है। संगम से इसकी दूरी 5 किलोमीटर है। आप यहां पर सुबह 5:00 बजे से रात के 9:00 तक रह सकते हैं। आजाद पार्क को पहले अल्फ्रेड पार्क कहा जाता था। यहीं पर स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद ने खुद को गोली मारी थी उनके नाम पर ही इस पार्क को आजाद पार्क कहा जाता है।

अगर आप महाकुंभ जा रहे हैं और प्रयागराज में घूमने की भी प्लानिंग कर रहे हैं तो आज हम आपको प्रयागराज के कुछ खास व्यंजनों के बारे में भी बताने जा रहे हैं। वहीँ अगर आप प्रयागराज जाएं तो यहां के इन व्यंजनों को टेस्ट करना न भूले।

देहाती रसगुल्ला

देहाती रसगुल्ला अपने स्वाद और अपने नाम के लिए काफी प्रसिद्ध है। दरअसल यहां के मालिक को लोग देहाती बुलाते थे। तभी से इस दुकान का नाम और देहाती रसगुल्ला पड़ गया। आपको बता दें प्रयागराज में बैरहना पर यह दुकान स्थित है। आपको यहां पर एक रसगुल्ला ₹20 का मिल जाएगा।

राजा राम लस्सी वाले

अगर आप प्रयागराज जा रहे हैं तो राजा राम की लस्सी पीना न भूले। इनकी दुकान 1897 से चल रही है। यहां पर रबड़ी जलेबी और काली गाजर का हलवा काफी लोकप्रिय है। यह प्रयागराज में मालवीय नगर पर स्थित है और आपको लस्सी 50 से ₹70 प्रति ग्लास मिल जाएगी।

नेतराम कचौड़ी

प्रयागराज के कटरा चौराहे पर स्थित है नेतराम कचौड़ी। यह दुकान 168 साल पुरानी है। इसकी खासियत है कि यहां के सभी व्यंजन देसी घी में पकाए जाते हैं। यहां की दही जलेबी, समोसे और पकोड़े भी लोगों को खूब पसंद आते हैं। आपको बता दे कि नेतराम कचौड़ी की एक प्लेट आपको ₹120 में मिल जाएगी इसमें पांच कचौड़ी परोसी जाती है।

जयसवाल डोसा

मेडिकल चौराहे पर स्थित जयसवाल डोसा लोगों को खूब पसंद आता है साउथ इंडियन फूड के लिए यह दुकान बेहद प्रसिद्ध है। यहां अलग-अलग तरीके के डोसा, इडली और और डेजर्ट आपको मिल जाएंगे। यहां पर डोसा का रेट 120 रुपए से शुरू होता है।

चौरसिया समोसा

50 साल से भी ज्यादा पुरानी चौरसिया समोसे की दुकान पर आपको काफी अच्छे और स्वादिष्ट समोसे मिल जाएंगे। इनकी मीठी चटनी भी लोगों को खूब पसंद आती है. साथ ही साथ यहां की गुझिया भी काफी प्रसिद्ध है। प्रयागराज में यह नैनी पर स्थित है। चौरसिया समोसा आपको ₹8 का एक पीस मिल जाएगा।

मसाला चुरमुरा

मसाला चुरमुरा सिविल लाइंस प्रयागराज में स्थित है। ये आपको ₹20 से यह मिलने शुरू हो जाते हैं। यह हल्का नाश्ता है जो आपकी छोटी-मोटी भूख के लिए बेस्ट है।

कामधेनु स्वीट्स

प्रयागराज की सबसे प्रसिद्ध मिठाई की दुकानों में से एक है कामधेनु स्वीट्स यहां आपको ₹300 किलो से मिठाइयां मिलनी शुरू हो जाती हैं। यह दुकान अपनी क्वालिटी और स्वाद के लिए प्रयागराज में लोगों की पहली पसंद है। यह सिविल लाइंस पर स्थित है।

कॉफी हाउस

प्रयागराज का कॉफी हाउस 1957 से चल रहा है। चाय कॉफी के शौकीन लोगों का यहां आपको हुजूम अक्सर नजर आ जाएगा। इसके साथ ही साथ यहां पर आपको डोसा सैंडविच जैसी कई तरह के स्नैक्स और डिशेस भी मिल जाएगी। यह सिविल लाइंस पर स्थित है और यहां कॉफ़ी का एक कप की कीमत ₹70 है।

पंडित जी की चाट

कर्नलगंज प्रयागराज में स्थित पंडित जी की चाट 1945 से चल रही है। यहां पर आपको आलू की टिक्की, फुल्की, दही बड़ा, धनिया मिक्स, हरा आलू और गुलाब जामुन मिल जाएंगे। आलू की टिक्की की एक प्लेट यहां पर ₹40 की है। 

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