Maharashtra Bhadrawati Temples: भद्रावती का प्रसिद्ध मंदिर, जहां देवी स्वरूप में विराजित हैं 3 बहने

Maharashtra Bhadrawati Temples: इसी कड़ी में लोग भद्रावती में स्थित इन तीन मंदिरों के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। नवरात्र के पावन अवसर पर शहर में हर्षो उल्लास का माहौल बना रहता है।

Update:2024-04-14 19:06 IST

Maharashtra Bhadrawati Temples

Maharashtra Bhadrawati Temples: नवरात्रि का त्यौहार चल रहा है। माता दुर्गा की मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की काफी ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है। ऐसे में लोग विधि विधान पूर्वक उनकी पूजा अर्चना करते हैं। साथ ही 9 दिन व्रत रखकर अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं। इसी कड़ी में लोग भद्रावती में स्थित इन तीन मंदिरों के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। नवरात्र के पावन अवसर पर शहर में हर्षो उल्लास का माहौल बना रहता है। ऐसे में इन मंदिरों को फूलों से सजा दिया जाता है तो चलिए उन तीन मंदिरों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

भद्रावती इतिहास

भद्रावती, महाराष्ट्र के चंद्रपुर ज़िले में स्थित एक शहर और नगरपालिका परिषद है. यह चंद्रपुर शहर से 26 किलोमीटर दूर है. पहले इसका नाम भंडक था. भद्रावती का पिन कोड 442902 है. भद्रावती में कई धार्मिक स्थल हैं, जिनमें भद्रावती जैन मंदिर और महाकाली मंदिर शामिल हैं. भद्रावती जैन मंदिर, भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है. यह मंदिर वास्तुकला के लिए जाना जाता है. मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ की काले रंग की मूर्ति है. मंदिर के पास एक खूबसूरत बगीचा भी है. 

Bhadrawati Maharashtra

भद्रावती का प्रसिद्ध मंदिर

भद्रावती में स्थित पुरानी सरकारी अस्पताल परिसर में भवानी माता का प्राचीन मंदिर गुफा है। जिसमें 4 फीट ऊंची भवानी माता की आकर्षण मूर्ति रखी गई है। इसकी संरचना सभागार और तीन गर्भ ग्रह जैसी है पहले गर्भगृह में भवानी माता मंदिर दूसरे गर्भगृह में चंडिका माता की मूर्ति रखी गई है। जो की 6 फुट ऊंची है। वही निसर्ग में भोंगिरी पर्वत पर महिषासुर मर्दानी माता का पुरातन मंदिर है जो की 3 फीट ऊंची मूर्ति है। इन तीनों बहनों की आकर्षण मूर्ति श्रद्धालुओं का ध्यान अपनी और आकर्षित करती है।

Bhadrawati Maharashtra

रहती है बहुत भीड़

नवरात्रि के समय इन तीनों बहनों की मंदिर में काफी ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है। मंदिर परिसर द्वारा इस सजावट दी जाती हैयहां केवल शहर भर से ही नहीं बल्कि पूरे राज्य से भक्तगण पहुंचते हैं। इसके अलावा यहां पर हर साल महाप्रसाद वितरण का आयोजन किया जाता है।

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