Manikaran Shiv Temple: भगवान् शिव के इस मंदिर में दूर हो जाते हैं सभी कष्ट, जानिए कहाँ स्थित है ये और क्या है इसका इतिहास
Manikaran Shiv Temple: आज हम आपको भगवान् शिव के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ पहुंचकर आपके सभी कष्ट दूर हो जायेंगें। आइये जानते हैं कहाँ स्थित है ये मंदिर और क्या है इसका इतिहास।
Manikaran Shiv Temple: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में ब्यास और पार्वती नदियों के बीच पार्वती घाटी के पास स्थित है मणिकरण शिव मंदिर। जो समुद्र तल से 1760 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर की विशेष मान्यता है और इसका इतिहास भी काफी रोचक है आइये जानते हैं कैसे भक्तों के सभी शरीरिक कष्टों को दूर कर देता है ये मंदिर और क्या है इसका इतिहास।
भक्तों के सभी कष्ट हर लेता है भगवान् शिव का ये मंदिर
मणिकरण शिव मंदिर अपने गर्म पानी के झरनों और शानदार सुरम्यता के लिए बेहद प्रसिद्ध है। अगर आप कुल्लू जा रहे हैं तो आपको महदेव के इस के दर्शन ज़रूर करने चाहिए। आपको बता दें भगवान शिव के नाम पर बना ये मंदिर साल 1905 में आए भूकंप के कारण थोड़ा क्षतिग्रस्त और झुक गया था। ऐसा कहा जाता है कि कुल्लू के देवता इस मंदिर में नियमित रूप से आते हैं।
मणिकरण भगवान् शिव और माता पार्वती से जुड़ा हुआ मंदिर है जिसकी भक्तों को काफी मान्यता है। यहाँ का गर्म पानी का झरना बेहद प्रसिद्ध है। ये मंदिर पूरे साल पर्यटकों की भीड़ से भरा रहता है। लोग इसका चमत्कार अपनी आँखों से देखते हैं। दरअसल इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि आपका किसी तरह का कोई शारीरिक रोग जैसे गठिया,कमर का दर्द, किसी भी तरह का चर्म रोग सब कुछ यहाँ के गर्म पानी के झरने में नहाने से दूर हो जाता है।
यहाँ का पानी खौलता हुआ आपको नज़र आएगा साथ ही यहाँ आपको कच्चे चावल की पोटली मिल जाएगी जिसे जब आप यहाँ के पानी के अंदर डालते हैं तो बस कुछ ही पलों में ये चावल पक जाते हैं।
मणिकरण का इतिहास
ऐसी मान्यता है कि एक बार महादेव और पार्वती जी ने भ्रमण करने की सोची तो घूमते-घूमते पार्वती जी की मणि पानी में गिर गई। इसके बाद शिव जी ने शेषनाग को फुफकारने को कहा जिससे उबलते पानी का प्रवाह उत्पन्न हुआ जिसके बाद पानी पूरे क्षेत्र में फ़ैल गया और इससे पार्वती जी की कीमती मणि निकल आई। इसके बाद से ही इस मंदिर का नाम मणिकरण शिव मंदिर पड़ा।