Mystical Faces Of Unakoti: बहुत रहस्यमई है उनाकोटी का ये तीर्थस्थल
Unakoti Tirth Sthal Ka Rahasya: उनाकोटी एक ऐसी जगह है जिसे भारत के सबसे रहस्यमयी जगहों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि इस जगह का नाम उनाकोटी इन मूर्तियों की वजह से ही पड़ा है।
Unakoti Tirth Sthal Ka Rahasya: इस दुनिया में एक से बढ़कर एक पर्यटक स्थल मौजूद है जिनमें से कुछ तो बहुत ही हैरान कर देने वाले हैं। आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जो घने जंगल और ऊंचे पहाड़ों के बीच चट्टानों को काटकर बनाई गई रहस्यमई मूर्तियां है। यह जगह उनाकोटी के नाम से प्रसिद्ध है। दरअसल यह एक बंगाली शब्द है जिसका अर्थ एक करोड़ से एक कम होता है। यानी यहां पर तराशी गई मूर्तियां 99 करोड़ 99999 है।
उनाकोटी में देवी देवताओं की है मूर्तियां
उनाकोटी एक ऐसी जगह है जिसे भारत के सबसे रहस्यमयी जगहों में से एक माना जाता है। उनाकोटी का अर्थ होता है करोड़ों में एक। कहा जाता है कि इस जगह का नाम उनाकोटी इन मूर्तियों की वजह से ही पड़ा है। ये सभी मूर्तियां हिंदू देवी देवताओं की हैं। पहाड़ों और जंगलों से घिरे इस जगह पर किसी ने इतनी मूर्तियां कैसे और क्यों बनाईं ये आज भी रहस्य है। इस जगह से भगवान शिव की भी कहानी जुड़ी है।
भगवान शिव से जुड़ी है कथा
इस जगह को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। उनमें से ही एक है भगवान शिव की। कहा जाता है कि एक बार भगवान शिव एक करोड़ देवी देवताओं के साथ कहीं जा रहे थे। जब ये सभी लोग उनाकोटी के पास पहुंचे तो तमाम देवी देवताओं ने कहा कि यहीं रुक कर विश्राम कर लेते हैं। भगवान शिव मान गए। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने एक शर्त रखी कि सभी को सुर्योदय होने से पहले उठना होगा। दूसरे दिन सूर्योदय से पहले सिर्फ भगवान शिव उठे। बाकी के देवी देवता सोये रह गए। इससे क्रोधित हुए भगवान शिव ने सभी को वहीं पत्थर बने रहने का श्राप दे दिया।
वहीं दूसरी कहानी भी भगवान शिव से ही जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि एक कालू नाम का शिल्पकार था, जो भगवान शिव और माता पार्वती के साथ कैलाश में रहना चाहता था। जब उसने तप करके भगवान शिव से ये वरदान मांगा तो भोले शंकर ने कहा कि अगर तुम एक रात में एक करोड़ मूर्तियां बना लोगे तो कैलाश जा सकते हो। कालू मूर्तियां बनाने में लग गया। लेकिन जब उसने सुबह मूर्तियां गिनीं तो उनमें एक मूर्ती कम थी औऱ इस वजह से वो कैलाश पर्वत नहीं जा सका। यही वजह है कि इस जगह को आज भी उनाकोटी कहते हैं।