Vadodara Nilkanth Dham History: भव्य महल की तरह नजर आता है गुजरात का नीलकंठ धाम, बहुत खूबसूरत है यहां का सरोवर
Vadodara Nilkanth Dham History: गुजरात भारत का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। वैसे तो यहां कई सारे पर्यटक स्थल मौजूद है लेकिन यहां के नीलकंठ धाम की बात कुछ अलग है।
Nilkanth Dham Swaminarayan Temple: गुजरात में यूं तो कई प्रसिद्ध मंदिर हैं लेकिन पॉइचा गांव में स्थित नीलकंठ धाम स्वामीनारायण मंदिर पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है। यह स्थान भरूच से 80 किलोमीटर और वडोदरा से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नर्मदा नदी के किनारे बना यह मंदिर तकरीबन 105 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है।
प्रसिद्ध है नीलकंठ धाम
नीलकंठ धाम स्वामीनारायण मंदिर एक हिंदू मंदिर है , और भारत के गुजरात में नर्मदा नदी के तट के पास पोइचा में स्थित आध्यात्मिक-सांस्कृतिक परिसर है । इस मंदिर को नीलकंठधाम पोइचा या पोइचा स्वामीनारायण मंदिर भी कहा जाता है । नीलकंठधाम मंदिर सड़क मार्ग से भरूच से लगभग 80 किमी और वडोदरा से 60 किमी दूर है , निकटतम रेलवे स्टेशन वडोदरा है जो लगभग 61.9 किमी दूर है और निकटतम हवाई अड्डा वडोदरा है जो लगभग 65.8 किमी दूर है।
नीलकंठधाम मंदिर का कैसे हुआ निर्माण
नीलकंठधाम एक सुंदर हिंदू मंदिर है जिसका निर्माण अद्भुत पारंपरिक भारतीय वास्तुकला और मूर्तिकला के साथ बड़े क्षेत्र में स्वामीनारायण गुरुकुल राजकोट संस्थान द्वारा गुरुवर्य श्री देवकृष्णदासजी स्वामी और शास्त्री महाराज श्री धर्मजीवनदासजी स्वामी से प्रेरित श्री धर्मवल्लभदासजी स्वामी के मार्गदर्शन में किया गया है । मंदिर आधिकारिक तौर पर 28 अक्टूबर 2013 को गुरुवर्य श्री देवकृष्णदासजी स्वामी द्वारा खोला गया था और मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा हिंदू स्वामीनारायण संप्रदाय के संतों और अनुयायियों की उपस्थिति में लक्ष्मी नारायण देव गादी के आचार्य श्री राकेशप्रसादजी महाराज द्वारा की गई थी ।
नीलकंठधाम मंदिर में नजर आता है भव्य महल
ये मंदिर ना सिर्फ बेहद भव्य और आकर्षक है बल्कि मंदिर परिसर में मौजूद सरोवर इसकी भव्यता में चार चांद लगाता है। सरोवर में भगवान गणेश, शिवलिंग और हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की गई हैं और इसके अलावा मंदिर में परिसर के अंदर ही कई छोटे-छोटे मंदिरों का भी निर्माण किया गया है। ये नीलकंठ धाम पहली नजर में कोई मंदिर ना होकर एक भव्य महल की तरह दिखता है। मंदिर नर्मदा नदी के किनारे पर बसा है और यहां घाट पर स्नान के बाद श्रद्धालु मंदिर में दर्शनों के लिए जाते हैं।
नीलकंठधाम मंदिर दर्शन का समय
सुबह 9:30 बजे शुरू होता है और दर्शनों का सिलसिला रात 8:00 बजे तक चलता है।
सुबह की आरती 5 बजे से 6 बजे के बीच होती है और सुबह 5:30 बजे से 6 बजे के बीच भगवान का अभिषेक किया जाता है।
नीलकंठधाम मंदिर की खासियत
नीलकंठधाम 105 एकड़ में फैला हुआ है। जिसमें स्वामीनारायण मंदिर, सहजानंद यूनिवर्स (हिंदू संस्कृति प्रदर्शनी), गौ धाम (गौशाला), और नर्मदा नदी तट शामिल हैं। यह लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास स्थित है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी मंदिर परिसर से केवल कुछ किमी की दूरी पर है, जिससे यात्रियों के लिए एक ही यात्रा में दोनों दृश्य देखना आसान हो जाता है। नीलकंठधाम परिसर पारंपरिक हिंदू संस्कृति, हिंदू वैदिक तरीके से भगवान को दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं को प्रदर्शित करता है जो आध्यात्मिक संतुष्टि देता है।