Noida Tourism History: ऐसे बसा नोएडा शहर, आइये जाने यहां की खूबसूरती और फ़ेमस जगह
Noida Tourism History: आज के आर्टिकल में हम आपको नोएडा की कहानी बताते हैं इसका इतिहास लगभग 50 साल पुराना है।
Noida Tourism History: हम सभी नोएडा शहर के बारे में बखूबी जानते हैं जो की दिल्ली के पास का सटा हुआ शहर है बता दें कि बहुत ही कम समय में यह शहर बहुत ज्यादा डेवलप हुआ उत्तर प्रदेश के नोएडा को बसाया गया है यहां सेक्टर वाइस टाउन को पहले से प्लानिंग किया गया था अब नोएडा की खासियत या बन चुकी है कि या पूरे देश भर में अपनी एक अलग पहचान बन चुका है इसे अधिकतर लोग राजनीति के लिए भी जानते हैं लेकिन इसके अलावा भी यहां बहुत कुछ है तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको नोएडा की कहानी बताते हैं इसका इतिहास लगभग 50 साल पुराना है।
नोएडा का 50 साल पूराना है इतिहास
दरअसल इस शहर को बसाने के पीछे का कारण यह रहा है कि दिल्ली में जनसंख्या काफी ज्यादा बढ़ने लगी थी जिस कारण यह चिंता का विषय बन चुका था आखिर इस बढ़ते खतरे को कम करने के लिए उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकार ने मिलकर एक अलग शहर बसाने की योजना बनाई इसके बाद 50 गांव को यमुना हिंडन दिल्ली बॉर्डर रेगुलेटेड एरिया घोषित कर दिया गया जिसकी योजना मार्च में ही हुई थी और फिर दिल्ली के आसपास के गांव धीरे-धीरे डेवलप होने लगे।
इंमरजेंसी के समय आई ये दिक्कत
इसके बाद साल 1975 में इमरजेंसी का दौर आया तब सियासी उठा पटक के बीच यमुना हिंडन दिल्ली बॉर्डर रेगुलेटेड एरिया को ओखला इंडस्ट्रियल एरिया बना दिया गया अब वहां आसपास इलाके में काम करने वाले लोग रहने लगे थे तो उन्हें शहर और बेसिक सुविधाओं की जरूरत भी पड़ती थी उसे समय नोएडा जिसका पूरा नाम न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी है की स्थापना की गई इसके बाद इसे नोएडा का नाम दिया गया।
36 गांवों की जमीन जब्त
साल 1975 से 1 साल तक का समय लगा जब नोएडा का ब्लूप्रिंट बनकर तैयार हुआ उसे वक्त नोएडा अथॉरिटी के सीईओ दम धीरेंद्र मोहन मिश्रा थे जब नोएडा बनाने की घोषणा हुई उसके बाद 36 गांव की जमीन जप्त करने की नोटिस जारी हुई इस शहर की प्लानिंग करते समय कई बार ऑफिस भी बदले गए अब भी नोएडा पूरी तरह से डेवलप नहीं हो पाया है बता दे कि इसे काफी सिस्टमैटिक तरीके से बनाया गया है।