Lucknow One Day Trip: काम से एक दिन का ऑफ लेकर यहां मनाए छुट्टी, बहुत ही खास और पवित्र है जगह
Lucknow One Day Trip: लखनऊ के पास एक खूबसूरत जगह है। जहां आप एक ही दिन के ऑफ में जाकर वापस आ सकते है। जहां आपको बनारस जैसा सुकून और शांति मिलेगा।
Lucknow One Day Trip: लखनऊ में अपने डेली रूटीन शेड्यूल से उब चुके है। ब्रेक लेना है लेकिन ऑफिस से लंबी छुट्टी नहीं मिल पा रही। मन को शांति और ब्रेक दोनो चाहिए? तो हम आपके लिए लेकर आए है लखनऊ के पास एक खूबसूरत जगह। जहां आप एक ही दिन के ऑफ में जाकर वापस आ सकते है। जहां आपको बनारस जैसा सुकून और शांति मिले, तो चलिए हम आपको बताते है लखनऊ और सीतापुर के रोड पर स्थित ये खास जगह की। जिसका जिक्र कई पौराणिक कथाओं में भी किया गया है। हम बात कर रहे है पवित्र चक्र तीर्थ स्थल की। जिसे नैमिषारण्य के नाम से भी जाना जाता है।
राजधानी के करीब ये जगह है खास
नैमिषारण्य भारत में उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी के पास स्थित है। आप लखनऊ से सिंधौली पहुंच सकते हैं जो कि सीतापुर रोड पर स्थित है। चक्रतीर्थ उत्तर प्रदेश में सबसे लोकप्रिय हिंदू तीर्थ स्थलों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि यह वह स्थान है जहां 8000 ऋषियों ने एक ही समय में भगवान की पूजा की और तपस्या की थी। जिसका प्रमाण ये गोलकार कुंड है। इसी जगह पर महर्षि दधीचि ने लोक कल्याण के लिए इंद्र को अपनी अस्थियां दान में दे दी थी। इसका नाम नैमिष से रखा गया है, जिसका अर्थ वन होता है। इसे खुद ब्रह्मा जी ने ऋषि की तपस्या के लिए सबसे उपयुक्त स्थान बताया था।
पौराणिक कथाओं में है जिक्र
एक पौराणिक कथा के अनुसार, यह वही स्थान है जहां भगवान ब्रह्मा के चक्र ने पृथ्वी में एक छेद बनाया था, जिसके परिणामस्वरूप जल का विशाल भंडार तैयार हुआ था। ऐसा माना जाता है कि इस तालाब के पानी में पवित्र डुबकी व्यक्ति के मन, शरीर और आत्मा को पवित्र करती है।
लोककथाओं के अनुसार, एक बार ऋषि-मुनि तपस्या करते समय असुरों (राक्षसों) से परेशान हो गए थे। इसके परिणामस्वरूप, ऋषियों ने भगवान ब्रह्मा से संपर्क किया, जिन्होंने सूर्य की किरणों से एक चक्र बनाया। उन्होंने ऋषियों से चक्र का तब तक पीछा करने को कहा जब तक कि वह रुक न जाए। भगवान ब्रह्मा के अनुसार, जहां भी चक्र उतरा, ऋषि वहां शांति से रह सकते थे। कहा जाता है कि चक्रतीर्थ वह स्थान है जहां पवित्र चक्र विश्राम करता था और पानी का एक बड़ा स्रोत विकसित हुआ था। हालाँकि, पानी का प्रवाह बहुत अधिक था, और इसलिए, ऋषियों ने उनकी मदद के लिए फिर से भगवान ब्रह्मा से संपर्क किया। उन्होंने उनसे देवी ललिता देवी के पास जाने के लिए कहा, जिन्होंने जल प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए चक्र को फिर से स्थापित किया था। इस प्रकार उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध पवित्र स्थल चक्रतीर्थ का निर्माण हुआ।
लोकेशन: श्री महाकाली मनसा देवी मंदिर, ललिता देवी मंदिर के पास चक्रतीर्थ रोड नैमिषारण्य, उत्तर प्रदेश
समय: चक्रतीर्थ का पवित्र स्थल रविवार से शनिवार तक यानि सप्ताह के सभी दिन खुला रहता है। पर्यटक यहां सुबह से शाम तक किसी भी दिन आ सकते हैं। सुबह 5 से रात 8 बजे तक खुलने और बंद होने का समय है।
अन्य पवित्र स्थल भी है यहां
चक्रतीर्थ परिसर के आसपास, अन्य पवित्र स्थल भी हैं जो उत्तर प्रदेश में शीर्ष पर्यटक आकर्षण हैं। चक्र तीर्थ का हिंदू पौराणिक कथाओं में एक विशेष महत्व है और यह स्थान उसी का अहसास कराता है। एक गोलाकार तालाब जिसके चारों ओर मंदिर हैं। आसपास के कुछ अन्य महत्वपूर्ण मंदिर जैसे अहोबिला मठ, ललिता देवी मंदिर, व्यास कुंड, आदि।
घूमने का सबसे अच्छा समय
चक्रतीर्थ की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय सर्दियों का मौसम है, जो अक्टूबर से शुरू होता है और मार्च में समाप्त होता है। ठंडा, शांत और सुहावना मौसम नैमिषारण्य में दर्शनीय स्थलों की यात्रा को बहुत रोमांचक बनाता है।
प्रवेश शुल्क
कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।
ऐसे पहुंच सकते है चक्र तीर्थ
यदि आपके पास अपनी खुद को गाड़ी है तो यह सर्वोत्तम है। यदि आपके पास कोई नहीं है तो आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह स्थान टैक्सी, ट्रेन या बस द्वारा भी आसानी से पहुंचा जा सकता है क्योंकि यह उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में स्थित है। नैमिषारण्यम उत्तर प्रदेश में लखनऊ से 45 किलोमीटर उत्तर में , सीतापुर से 32 किलोमीटर और संडीला रेलवे स्टेशन से 42 किलोमीटर दूर, सीतापुर और खैराबाद की सड़कों के पास स्थित है।