Places to Visit in Gorakhpur: गोरखपुर में घूमने के लिए ये 10 जगहें भी हैं बेस्ट, मजा आ जाएगा

Places to Visit in Gorakhpur: उत्तर प्रदेश में स्थित गोरखपुर शहर देशभर में पॉपुलर है। गोरखपुर शहर अन्य शहरों के मुकाबले छोटा है लेकिन यहां घूमने और समय बिताने के लिए कई स्थान हैं।

Report :  Anupma Raj
Update: 2022-11-24 01:14 GMT

Places to visit in Gorakhpur (Image: Social Media)

Places to Visit in Gorakhpur: उत्तर प्रदेश में स्थित गोरखपुर शहर देशभर में पॉपुलर है। यूपी का गोरखपुर शहर अन्य शहरों के मुकाबले थोड़ा छोटा जरूर है लेकिन यहां घूमने और समय बिताने के लिए कई ऐसे स्थान हैं, जहां आप घंटो अपना समय आराम से बाज सकते हैं। तो आइए जानते हैं गोरखपुर में घूमने के लिए ये 10 बेस्ट जगहों के बारे में:

सूर्य कुंड मंदिर (Surya Kund Temple)

गोरखपुर का सूर्य कुंड मंदिर रेलवे स्टेशन से महज 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित है और इस जगह पर 1 साल बना हुआ है।

Surya Kund Temple 

पुराणों के अनुसार यह बात सामने आई कि इस जगह पर भगवान श्री राम ने वनवास के समय विश्राम किया था। यह कुंड लगभग 10 एकड़ में फैला हुआ हैं। गोरखपुर घूमने आने पर आप इस जगह पर जरूर घूमें।

गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple)

गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मंदिर भारत में बहुत मशहूर है। यहां भगवान शिव की प्रतिमा के साथ कई अन्य देवी देवताओं की भी प्रतिमा है। दरअसल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से गोरखनाथ मंदिर पर्यटन का प्रमुख केंद्र है।


यूपी, बिहार, उत्तराखंड सहित कई कई राज्यों के लोग गोरखनाथ मंदिर आते हैं। बता दें नेपाल में भी गुरु गोरखनाथ पूजे जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि ज्वालादेवी के स्थान से परिभ्रमण करते हुए 'गुरु गोरखनाथ' ने आकर भगवती राप्ती के तटवर्ती क्षेत्र में तपस्या की थी और उसी स्थान पर अपनी दिव्य समाधि लगाई थी। इसलिए वहीं गोरखनाथ मंदिर बना है। इसकी भव्यता दूर से ही दिखती है। भीम सरोवर के साथ लाइट एंड साउंड शो आकर्षण का प्रमुख आकर्षण केंद्र है।

विष्णु मंदिर (Vishnu Temple)

गोरखपुर का विष्णु मंदिर गोरखपुर रेलवे स्टेशन से सिर्फ 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप गोरखपुर में घूमने के लिए आएं, तो इस मंदिर में जाना ना भूले।


विष्णु मंदिर का निर्माण 12 वीं शताब्दी में हुआ था और इस मंदिर के अंदर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित हैं। इस मंदिर के अंदर स्थित भगवान विष्णु की मूर्ति काले कसौटी पत्थर के द्वारा बनी हुई हैं। दरअसल स्थानीय लोगों के अनुसार पहले इस जगह पर एक पत्थर हुआ करता था, जिसे लोग इस पत्थर पर अपने औजारों को ध्यान लगाने के लिए प्रयोग किया करते थे। लेकिन एक दिन यह पत्थर अपनी जगह से हट गया और पत्थर के नीचे से भगवान विष्णु की प्रतिमा दिखाई पड़ी। तब इस तरह विष्णु मंदिर की स्थापना हुई।

इमामबाड़ा (Imambada)

दरअसल बहुत से लोग लखनऊ के इमामबाड़ा के बारे में जानते होंगे लेकिन आपको बता दें कि गोरखपुर में भी इमामबाड़ा बना हुआ है जो कि रेलवे स्टेशन से सिर्फ 2 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद हैं।

Imambada

इमामबाड़े का निर्माण साल 1717 में बाबा हजरत ने करवाया था। बता दें कि यहां पर दो तजिए रखे हुआ हैं, जो की एक सोने का है और दूसरा चांदी का हैं।

गीता प्रेस (Geeta press)

दरअसल हिंदू धार्मिक ग्रंथों और पुस्तकों को प्रकाशित करने का दुनिया का प्रमुख केंद्र है गीता प्रेस। साल 1923 में जया दयाल गोयंदका और घनश्याम दास जालान ने गीता प्रेस की नींव रखी थी।


जानकारी के लिए बता दें पवित्र गीता और इसकी व्याख्याओं, पवित्र महाकाव्य रामायण, महाभारत, पुराण, उपनिषद, विभिन्न संतों और गुरुओं की रचनाओं को प्रकाशित किया। साथ ही इन सभी का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद भी किया गया है। यहां कल्याण और कल्पतरू जैसी मासिक पत्रिकाएं भी प्रकाशित की जा रही हैं। 

कुसम्ही वन (Kusmahi Forest)

कुसम्ही एक घना जंगल है, जो गोरखपुर रेलवे स्टेशन से तकरीबन नौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।


घने जंगल के बीच यहां प्रसिद्ध बुढ़िया माई मंदिर है। इस मंदिर की ख्याति दूर दराज तक में है।


यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अक्सर मंदिर में पूजा-पाठ करने जाते हैं। इस प्राकृतिक, धार्मिक लिहाज से महत्वपूर्ण स्थल पर बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। जंगल के अंदर ही एक आकर्षण विनोद वन पार्क और एक छोटा सा चिड़ियाघर भी है। 

रामगढ़ताल (Ramgadhtal)

गोरखपुर शहर के दक्षिण-पूर्वी छोर पर 1700 एकड़ क्षेत्र में फैला रामगढ़ताल की खूबसूरती देखने लायक है। बता दें ईसा पूर्व छठी शताब्दी में गोरखपुर का नाम रामग्राम था और यहां कोलीय गणराज्य स्थापित था।


उस समय राप्ती नदी आज के रामगढ़ताल से ही होकर गुजरती थी। फिर बाद में जब राप्ती नदी की दिशा बदली तो उसके अवशेष से रामगढ़ताल अस्तित्व में आ गया। अब रामगढ़ ताल पूर्वांचल का मरीन ड्राइव बन चुका है। यहां पर्यटक बोटिंग और वाटर स्पोर्ट्स का मजा ले सकते हैं।

तारामंडल 

अगर आप ब्रह्मांड के बारे में दिलचस्पी रखते हैं और अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप गोरखपुर के तारामंडल में जा सकते हैं क्योंकि इस जगह पर तारे और ब्रह्मांड के बारे में सारी जानकारी दी जाती हैं।


यह तारामंडल की दूरी गोरखपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 6 किलोमीटर है।

विंध्यवासिनी पार्क (Vindhyavasini Park)

गोरखपुर रेलवे स्टेशन से विंध्यवासिनी पार्क की दूरी करीब 3 किलोमीटर हैं। इस पार्क की स्थापना साल 1952 में हुई थी। विंध्यवासिनी पार्क लगभग 35 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ हैं।


यहां के स्थानीय लोग पार्क में सुबह योगा और टहलने के लिए आते हैं। पार्क में कई प्रकार के पौधे लगे हुए हैं। 

राजकीय बौद्ध संग्रहालय (Rajkiya Buddha Museum)

रामगढ़ ताल क्षेत्र में स्थित राजकीय बौद्ध संग्रहालय पर्यटकों के लिए खास और प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। इस संग्रहालय की स्थापना साल 1987 में विविध तत्वों के संरक्षण के लिए की गई थी।


यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें पाषाण काल से लेकर मध्य काल तक की पुरातात्विक वस्तुएं हैं। इनमें आप पत्थर की वस्तुओं, कांस्य की मूर्तियां, धातु की वस्तुएं, टेराकोटा, मिट्टी के बर्तन, पांडुलिपियां, हाथी दांत, लघु चित्र, पंचमार्क सिक्के, धन्यवाद और कई अन्य चीजें देख सकते हैं।

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