Varanasi Fair: बनारस में लगेगा साल का सबसे बड़ा मेला, यहां देखें

Varanasi Sawan Mela: सावन का महीना, जिसे श्रावण के नाम से भी जाना जाता है, हिंदुओं के लिए एक खास महत्व रखता है। यह भगवान शिव को समर्पित भक्ति, व्रत और उत्सव का समय है।

Written By :  Yachana Jaiswal
Update: 2024-07-26 15:08 GMT

Varanasi Famous Sawan Mela (Pic Credit-Social Media)

Sawan Mela in Banaras: सावन, जो आमतौर पर जुलाई और अगस्त के बीच पड़ता है, भगवान शिव को समर्पित पूजा, व्रत और तीर्थयात्रा का एक महत्वपूर्ण समय है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने के दौरान, शिव ने ब्रह्मांड को बचाने के लिए समुद्र मंथन से निकले विष को पिया था, जिससे भक्तों के लिए उनका आशीर्वाद लेने का समय बन गया। सावन की ठंडी बारिश को शिव की करुणा और परोपकार के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

यूपी सरकार की खास तैयारी 

उत्तर प्रदेश सरकार ने सावन के पवित्र महीने के दौरान वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए सुगम दर्शन और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्था की है। इस साल सावन 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त को समाप्त होगा, जो कुल 29 दिनों तक चलेगा। सावन के दौरान, बड़ी संख्या में भक्त भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए दूर-दूर से कांवड़ लेकर बनारस आते हैं।

काशी में लगेगा खास मेला 

बनारस में पहली बार समंदर के अंदर का मजा मिलने वाला है 25 जुलाई से संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी के ग्राउंड में मेला लगने वाला है। जो काशी वासियों के लिए बहुत खास होगा। आपको बता दें कि हर वर्ष सावन के उपलक्ष्य में एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। जहां कई तरह के झूले , खाने पीने के दुकान, और खरीदारी के भी विकल्प होते है। इस बार भी मेले का आयोजन किया जा रहा है। लेकिन यह मेला इस बार 3डी होगा, जहां आपको समुद्र के अंदर रहने का लुत्फ मिलेगा।

काशी वासियों के लिए ख़ास व्यवस्था 

काशीवासियों के लिए सावन सोमवार और त्योहार के दिनों को छोड़कर प्रतिदिन सुबह 4 से 5 बजे तक दर्शन की सुविधा और गेट 4बी (काशी द्वार) से सुबह 4 से शाम 5 बजे तक झांकी दर्शन की सुविधा उपलब्ध रहेगी। सामान्य दिनों में यह द्वार सभी काशीवासियों और नियमित आगंतुकों के लिए खुला रहेगा, विशेष दिनों को छोड़कर। गेट 4बी से प्रवेश वैध पहचान पत्र जैसे काशी के पते वाला आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ईपीआईसी कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर होगा। भुगतान आधारित प्रवेश पास की आवश्यकता नहीं होगी। 

पहली बार मंदिर से लाइव होगा दर्शन 

 पहली बार काशी विश्वनाथ महादेव के पूजन का लाइव दर्शन ऑनलाइन उपलब्ध होगा। मंदिर ट्रस्ट की वेबसाइट, इसके आधिकारिक यूट्यूब चैनल और टाटा स्काई के प्लेटफॉर्म के माध्यम से लाइव स्ट्रीम उपलब्ध होगी।

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