Sawan Somwar 2024: बहुत अनोखा है भारत में मौजूद यह शिव मंदिर, नहीं दिखती इसकी परछाई
Brihadeeswara Shiv Temple Thanjavur : देशभर में भगवान शिव के कई सारे मंदिर मौजूद हैं। आज हम आपको तमिलनाडु के एक प्रसिद्ध मंदिर के बारे में बताते हैं।
Brihadeeswara Shiv Temple Thanjavur : 22 जुलाई 2014 से सावन के महीने की शुरुआत हो गई है। सावन के महीने में लोगों को विशेष तौर पर भगवान शिव की आराधना करते हुए देखा जाता है। इस दौरान भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग शिव मंदिरों में जाते हैं और पूजन अर्चन कर अपनी मनोकामना मांगते हैं। देशभर में कई सारे शिव मंदिर है जिनकी अपनी-अपनी मान्यता और चमत्कार है। आपने कहीं शिव मंदिरों के बारे में सुना होगा और इन्हें देख भी होगा लेकिन आज हम आपको तमिलनाडु के एक शिव मंदिर के बारे में बताते हैं। हम बात कर रहे हैं थंजावुर के बृहदेश्वर मंदिर की। यह मंदिर बहुत ही खास है और इसे देखकर लोग हैरान रह जाते हैं। चलिए आज इसके दिलचस्प तथ्यों के बारे में जानते हैं।
जमीन पर नहीं आती मंदिर की परछाई (Shadow Of The Temple Not Fall On Ground)
यह मंदिर कई कर्म से बहुत मशहूर है। यह बहुत ऊंचा है लेकिन इसके बावजूद भी इसकी परछाई कभी भी जमीन पर नहीं पड़ती। इसका कारण मंदिर की संरचना बताया जाता है। यहां पर पत्थर कुछ इस तरह से लगाए गए हैं कि मंदिर की परछाई जमीन पर आते-आते रुक जाती है।
20टन का है भगवान शिव लिंगम (Lord Shiva Lingam Is 20 Tons)
बृहदेश्वर मंदिर में स्थित लिंगम एक बड़ा पत्थर है जो भगवान शिव की दिव्य शक्ति का प्रतीक है। बता दें कि यह एक ही पत्थर के टुकड़े से बना हुआ है और इसका वजन 20 टन है। इसे भारत के सबसे बड़े लिंगम में से एक माना जाता है।
मंदिर की दीवारों पर नक्काशी में भारतनाट्यम देखने को मिलता है। (Bharatanatyam Can Be Seen In The Walls Of The Temple)
बृहदेश्वर मंदिर की बाहरी दीवार देखने लायक है। यहां की दीवारों पर जटिल नक्काशी है जो भरतनाट्यम की 81 मुद्राओं को दर्शाती है। भरतनाट्यम दक्षिण भारत का एक शास्त्रीय नृत्य है जो यहां के नक्काशी में देखने को मिलता है।
प्राकृतिक रंगों की दीवार हैं मंदिर की ( Walls Of The Temple are Made By Natural Colors)
इस मंदिर की जो दीवारें हैं उन पर मसाले और पत्तियों से बने प्राकृतिक रंगों का उपयोग करके पेंटिंग बनाई गई है। एक तरह से यह इको फ्रेंडली है जो मंदिर के भव्यता और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ाता है।
मंदिर में है 80 टन का चौंका देने वाला गुंबद (Temple Has a Stunning Dome Weighing 80 Tons)
इस मंदिर की सबसे हैरान कर देने वाली चीज इसका चौक का देने वाला गुंबद है जो 80 टन का है। यह ग्रेनाइट से बना हुआ है और इसके निर्माण में किसी भी आधुनिक इंजीनियरिंग उपकरण का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
मंदिर के निर्माण में नहीं हुआ सीमेंट मिट्टी का इस्तेमाल (Cement & soil Not Used For Construction of The Temple.)
हैरान कर देने वाली बात यह है कि आधुनिक इमारत के विपरीत इस मंदिर के निर्माण में किसी भी तरह से सीमेंट बाइंडिंग एजेंट या मिट्टी का इस्तेमाल नहीं किया गया है। यह मंदिर आपस में जुड़े हुए पत्थरों से तैयार हुआ है।