History Of Shivneri Fort: महाराष्ट्र के गौरव का प्रतीक है शिवनेरी किला, जानें इस ऐतिहासिक किले की खासियत

History Of Shivneri Fort: महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित ऐतिहासिक शिवनेरी किले में ही छत्रपति शिवजी महाराज का जन्म हुआ था। बताया जाता है कि किले के अंदर देवी शिवाई को समर्पित एक छोटा सा मंदिर है, जिनके नाम पर शिवाजी का नाम रखा गया था।;

Written By :  Shivani Jawanjal
Update:2025-01-07 09:15 IST

Shivneri Fort (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

History Of Shivneri Fort: ‘शिवनेरी किला’ (Shivneri Fort) महाराष्ट्र के ऐतिहासिक धरोहर (Historical Heritage Of Maharashtra) में से एक है। महाराष्ट्र के पुणे जिले (Pune) में स्थित यह ऐतिहासिक किला, साहसी मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी (Shivaji Maharaj) महाराज के जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है। पहाड़ी पर स्थित यह किला 16वीं शताब्दी की वास्तुकला का अद्भुत प्रदर्शन करता है। शिवनेरी किला (Shivneri Kila) न केवल अपनी रणनीतिक स्थिति और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है बल्कि यह कई ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है।

शिवनेरी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (Shivneri Fort Historical Background)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
  • महाराष्ट्र के पुणे जिले से लगभग 100 किलोमीटर दूरी पर जुन्नर गांव की पहाड़ी पर स्थित है। यह किला प्रारंभ में राष्ट्रकूटों और चालुक्यों शासन के अधीन था। 17वीं शताब्दी में, लगभग 1170 से 1308 ईस्वी के बीच, यादव वंश के शासकों ने इस किले का निर्माण करवाया।
  • दिल्ली सल्तनत के कमजोर पड़ने के बाद 15वीं शताब्दी में यह किला बहमनी सल्तनत के अधिकार में आ गया और फिर 16वीं शताब्दी में अहमदनगर सल्तनत ने इस पर कब्ज़ा कर लिया।
  • अहमदनगर के सुल्तान बहादुर निज़ाम शाह ने 1595 में शिवाजी महाराज के दादा, मराठा सरदार मालोजी भोसले (Maloji Bhosle), को शिवनेरी और चाकन उपहार के तौर पर प्रदान किये।
  • 19 फरवरी 1630 यह किला भारत की सबसे बड़ी ऐतिहासिक घटना का साक्षी बना। 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी पर छत्रपति शिवजी महाराज का जन्म हुआ। इसी किले पर शिवाजी का बचपन गुजरा तथा माता जीजाबाई ने यहीं पर उन्हें साहस, नेतृत्व और देशभक्ति की शिक्षा दी।
  • 1673 ईस्वी में, एक अंग्रेज यात्री ने इस किले का दौरा किया और इसे अजेय पाया। अंततः तीसरे आंग्ल-मराठा युद्ध के पश्चात, 1820 ईस्वी में शिवनेरी किला ब्रिटिश शासन के अधिकार में चला गया।
  • 2021 में, शिवनेरी को "महाराष्ट्र में मराठा सैन्य वास्तुकला की अनुक्रमिक नामांकन" के हिस्से के रूप में यूनेस्को विश्व धरोहर समिति की अस्थायी सूची में स्थान मिला |

किले में मौजूद मंदिर के नाम से रखा गया शिवाजी का नाम

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

किले के अंदर देवी शिवाई को समर्पित एक छोटा सा मंदिर है, जिनके नाम पर शिवाजी का नाम रखा गया था। कुछ लेखों में यह जानकारी दी जाती है कि शिवाजी का नाम किले के नाम 'शिवनेरी' से लिया गया था। लेकिन अधिकांश इतिहासकारों का मानना है कि यह नाम देवी शिवाई के मंदिर और उनकी पूजा से जुड़ा हुआ है |

शिवनेरी की वास्तुकला (Architecture of Shivneri)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

• शिवनेरी किला (Shivneri Fort) महाराष्ट्र के पुणे जिले में नानेघाट पहाड़ी पर दक्षिण-पश्चिम दिशा में लगभग 3500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह किला अपनी त्रिकोणीय आकृति के लिए प्रसिद्ध है। इसे रणनीतिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण किला माना जाता है।

• किले का मुख्य प्रवेश द्वार दक्षिण-पश्चिम की ओर है। लेकिन इसके अलावा भी किले के चारों ओर अन्य प्रवेश द्वार भी मौजूद हैं, जिन्हें चेन गेट के नाम से जाना जाता है।इस गेट के माध्यम से चढ़ाई के लिए चेन का सहारा लिया जाता है, जो किले की सुरक्षा को और मजबूत बनाता है। तथा किले की बाहरी दीवारे मजबूत मिट्टी से बनी है जो इसे सुरक्षित रखती है।

• किले की सुरक्षा के लिए कई दरवाजे बनाए गए हैं, जिनमें से मुख्य दरवाजे को मन दरवाजा कहा जाता है।

• शिवनेरी किले के मध्य भाग में स्थित एक स्वच्छ पानी का तालाब है, जिसे ‘बादामी तालाब’ के नाम से जाना जाता है। इस तालाब के दक्षिण भाग में छत्रपति शिवाजी महाराज और उनकी माता जीजाबाई की मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं।

• शिवनेरी किले से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लेन्यांद्री गुफा एक प्रमुख स्थल है, जो महाराष्ट्र के प्रमुख मंदिरों में से एक मानी जाती है। इस गुफा को ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के कारण संरक्षित स्मारक के रूप में घोषित किया गया है।

• शिवनेरी किले में इमारतें, मकबरे, प्रार्थना कक्ष और एक मस्जिद भी स्थित हैं, जो किले की ऐतिहासिक और धार्मिक विविधता को दर्शाते हैं। किले के अंतिम भाग में ओवर हैंगिंग नामक एक स्थल है।

• शिवनेरी किले में दो प्रमुख झरने हैं जिन्हें ‘गंगा’ और ‘यमुना’ के नाम से जाना जाता है। इन झरनों का रहस्य यह है कि इन झरनों में हर मौसम में पानी भरा रहता है , जिससे पर्यटकों के लिए यह एक प्रमुख आकर्षण बन गए हैं।

शिवनेरी किला न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इस किले की गिनती महाराष्ट्र के प्रमुख पर्यटन स्थलों में की जाती है। इसकी ऐतिहासिक पृष्ठिभूमि इसे पर्यटकों में लोकप्रिय बनाती है।

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