Ramanathaswamy Temple: दक्षिण भारत के इस मंदिर में पूरी होती है भक्तों की हर मुराद
Shri Rameshwaram Temple History: दक्षिण भारत अपनी खूबसूरती के लिए दुनिया भर में पहचाना जाता है। चलिए आज आपके यहां के मंदिर के बारे में बताते हैं।
Ramanathaswamy Temple : भारत अपनी खूबसूरत जगहों के लिए सारे जगत में प्रसिद्ध है। देश के हर हिस्से में कोई ना कोई प्राकृतिक सौंदर्य, अनोखे रीति-रिवाज और धार्मिक स्थल मौजूद है, जो हिंदुस्तान की सुंदरता में चार चाँद लगाते है। भारत को धार्मिक स्थलों का आवास भी कहा जा सकता है। पूरी दुनिया में सबसे अधिक मंदिर या धार्मिक स्थान इसी मुल्क में मौजूद है। आज हम इन्हीं में से एक मंदिर की बात करेंगे। यह मंदिर दक्षिण भारत के तमिलनाडु में स्तिथ रामनाथस्वामी मंदिर है। इस मंदिर का महत्व भगवान शिव को समर्पित होने के कारण है। माना जाता है कि यहां हर शिव भक्त की मुराद संपूर्ण होती है।
रामनाथस्वामी मंदिर का इतिहास
हमारे ग्रंथों में रामनाथस्वामी मंदिर को लेकर कई पौराणिक गथाएं है। यह मंदिर भारतीय सांस्कृतिक विरासत का एक अहम हिस्सा है। इसका इतिहास भी काफी पुराना और रोचक है। इस मंदिर का इतिहास करीब 1 हज़ार साल पुराना है। इस मंदिर का निर्माण करीब 12वीं सदी में किया गया था। यह महाकाल के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
रामनाथस्वामी मंदिर एक छोटे द्वीप पर है स्थित
रामनाथस्वामी मंदिर, तमिलनाडु के रामेश्वरम नामक एक छोटे से द्वीप पर स्थित है। यह द्वीप भारतीय महासागर में स्तिथ है। इस मंदिर का सबसे महत्वपूर्ण भाग शिवलिंग है, जिसे भगवान शिव का प्रतिनिधित्व माना जाता है। यह मंदिर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों में से एक है। यहाँ साल के हर महीने में भक्तों की भीड़ देखी जाती है।
रामनाथस्वामी मंदिर की पौराणिक कथा
इस मंदिर से जुड़ी कई महत्वपूर्ण पौराणिक कथाएं है। जिनमे से एक मुख्य कथा मानी जाती है, इस कथा के अनुसार पुरातन काल यानी रामायण के युग में जब भगवान राम ने लंका में युद्ध के दौरान सभी राक्षस वध कर दिए गए, तो भगवान राम ने भारत के तट पर आकर शिवलिंग का पूजन किया।
कथा के अनुसार, भगवान राम के पूजन के दौरान, भगवान शिव ने उन्हें अपने आशीर्वाद से विशेष भाग्य दिया और उन्हें बताया कि वे यहां आयोजित जगह को स्थापित करें और वहां उनका शिवलिंग स्थापित करें। इस प्रेरणा के बाद, भगवान राम ने रामनाथस्वामी मंदिर का निर्माण किया और यहां शिवलिंग स्थापित किया।
महाशिवरात्रि, कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगती भक्तों की कतार
रामनाथस्वामी मंदिर, भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव का प्रतिक है। इस मंदिर में साल भर काफी भक्तों की भीड़ देखी जाती है। मगर, खासतौर पर महाशिवरात्रि, कार्तिक पूर्णिमा और अन्य पवित्र त्योहारों के दौरान भक्तों का भरमार होता है। भक्त यहां शिव की पूजा और अर्चना करने के लिए आते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।