Sree Peralassery Subramanya Temple: केरल के इस मंदिर का है भगवान राम से है सम्बन्ध, अंडे होते हैं मुख्य प्रसाद

Sree Peralassery Subramanya Temple: इस मंदिर में साँप की पूजा की जाती है। साथ ही श्री पेरालास्सेरी मंदिर में मुर्गी के अंडे प्रसाद के रूप में चढ़ाये जाते हैं। श्री पेरालास्सेरी मंदिर में साल भर में एक बार होने वाला कोडियेट्टम उत्सव यहाँ का एक प्रमुख आकर्षण होता है।

Written By :  Preeti Mishra
Update:2023-12-07 07:45 IST

Sree Peralassery Subramanya Temple Kerala (Image: Social Media)

Sree Peralassery Subramanya Temple Kerala: केरल के उत्तरी मालाबार क्षेत्र में प्रसिद्ध तीर्थस्थल श्री पेरालास्सेरी मंदिर कन्नूर के पेरालास्सेरी में स्थित है। यहां पूजे जाने वाले मुख्य देवता भगवान सुब्रमण्यम हैं। इस मंदिर की उत्पत्ति त्रेता युग में मानी जाती है।

रामायण से है श्री पेरालास्सेरी मंदिर का कनेक्शन

श्री पेरालास्सेरी मंदिर का रामायण से है सीधा कनेक्शन। किवदंती के अनुसार, भगवान श्री राम, लक्ष्मण और हनुमान के साथ, माता सीता की तलाश में लंका जाते समय इस स्थान पर पहुंचे। भगवान अयप्पा की स्वीकृति पर श्री राम ने इस स्थान पर भगवान सुब्रमण्यम की मूर्ति की प्रतिष्ठा करने का निर्णय लिया। उन्होंने हनुमान को स्थापित करने के लिए एक मूर्ति ढूंढने के लिए भेजा। जब हनुमान मूर्ति के अभिषेक के लिए सही समय पर नहीं लौटे तो भगवान श्री राम ने अपना पेरुवला (हाथ का चूड़ा) उतार दिया और उसे पवित्र कर स्थापित कर दिया। इसीलिए इस स्थान का नाम पेरुवलस्सेरी पड़ा। बाद में हनुमान जब मूर्ति लेकर आये और उसको प्रतिष्ठित करने के लिए भगवान राम द्वारा स्थापित चूड़ा को हटाने का प्रयास किये तो एक नागिन ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया।


मुर्गी के अंडे होते हैं मंदिर का मुख्य प्रसाद

इस मंदिर में साँप की पूजा की जाती है। साथ ही श्री पेरालास्सेरी मंदिर में मुर्गी के अंडे प्रसाद के रूप में चढ़ाये जाते हैं। मुर्गी के अंडे होते हैं श्री पेरालास्सेरी मंदिर में साल भर में एक बार होने वाला कोडियेट्टम उत्सव यहाँ का एक प्रमुख आकर्षण है। यह पर्व आमतौर पर दिसंबर के महीने में पड़ता है। इस समय यहाँ का मौसम अच्छा होने के नाते और उत्तर भारत में ज्यादा ठण्ड होने के नाते नार्थ इंडिया से बहुत सारे भक्त यहाँ दर्शन करने आते हैं। इस त्योहार के दौरान मंदिर में पारंपरिक मंदिर कला रूपों जैसे थायंबका, इरत्तथायंबका, चक्यारकुथु, पट्टकम ओट्टन थुल्लल और कथकली का प्रदर्शन किया जाता है। इस दौरान मंदिर की यात्रा आपको उत्साहित और आध्यात्मिक रूप से ऊर्जावान बनाएगी।


मंदिर का तालाब है नेशनल वाटर हेरिटेज साइट

श्री पेरालास्सेरी मंदिर के तालाब में डुबकी लगाना पवित्र माना जाता है। इस आयताकार तालाब की वास्तुकला प्रभावशाली है, जिसके चारों तरफ से तालाब में जाने के लिए अनगिनत सीढ़ियाँ हैं। स्थानीय मान्यता है कि थुलम संक्रमम के दिन, कावेरी का पानी मंदिर के तालाब के कुएं तक पहुंचेगा। कन्नूर में पेरलास्सेरी सुब्रह्मण्य मंदिर तालाब, जिसमें सदियों पुरानी सीढ़ियाँ हैं, ने नेशनल वाटर हेरिटेज स्थल का प्रतिष्ठित पदनाम अर्जित किया है। स्थानीय रूप से 'अयनिवायल कुलम' के नाम से जाना जाने वाला मंदिर की बावड़ी अब भारत के 75 मान्यता प्राप्त जल विरासत स्थलों में से एक है।

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