UP ECO Tourism Board: और सुंदर होगा UP का नजारा, इको टूरिज्म जगह बनाने पर सरकार ने जारी किया नया प्लान

UP ECO Tourism Board: तराई इलाकों के जंगलों से लेकर बुंदेलखंड की पहाड़ियां तक हरियाली का स्त्रोत कही जाती हैं। जिन्हे नए इको टूरिज्म के तौर पर खोलने का विचार किया जा रहा है। बताया गया है कि यह नए ठिकाने बनाने के लिए गोमतीनगर स्थित पर्यटन भवन में यूपी इको टूरिज्म बोर्ड का दफ्तर खोला जाएगा।

Report :  Kajal Sharma
Update:2023-03-06 20:45 IST

ECO tourism(Social media)

UP ECO Tourism Board: उत्तर प्रदेश में पर्यटकों लिए कई स्थान हैं जहां रोजाना लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। ऐसी कई हरियाली भरी जगहें हैं जिन्हे इको टूरिज्म के तौर पर प्रस्तूत किया जा सकता है। तराई इलाकों के जंगलों से लेकर बुंदेलखंड की पहाड़ियां तक हरियाली का स्त्रोत कही जाती हैं। जिन्हे नए इको टूरिज्म के तौर पर खोलने का विचार किया जा रहा है। बताया गया है कि यह नए ठिकाने बनाने के लिए गोमतीनगर स्थित पर्यटन भवन में यूपी इको टूरिज्म बोर्ड का दफ्तर खोला जाएगा। जो केवल इन पर्यटक स्थलों को बनाने तथा इनकी रखवाली के लिए ही काम करेगा।

यूपी सरकार ने पेश किया बजट

इस नए प्रोजेक्ट को बनाने के लिए यूपी सरकार की ओर से 2.5 करोड़ का बजट भी जारी किया गया है। जिसके साथ कुकरैल में नाइट सफारी के लिए भी 50 करोड़ का प्रावधान पेश किया गया है। इको टूरिज्म बोर्ड के लिए बनाए जा रहे इस के नए दफ्तर के लिए पर्यटन भवन के ऊपर ही एक और मंजिल पर निर्माण किया जाएगा। यह दफ्तर प्रदेश में इटो टूरिज्म बढ़ाने का खाचा तैयार करेगा। इस बारे में जानकारी देते हुए पर्यटक विभाग के मुख्य सचिव की ओर से बताया गया है कि यूपी इको टूरिज्म बोर्ड का गठन किया जा चुका है। जिसके लिए प्रखर मिश्रा को निदेशक के तौर पर चुना गया है। इसके लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति होगी जो डेस्टिनेशन डिवेलपमेंट प्लान तैयार करेंगे।

इको टूरिज्म बोर्ड निभाएगा अहम भूमिका

प्रदेश में नया पर्यटन हब बनाने के लिए बनाया जा रहा यह इको टूरिज्म बोर्ड अहम भूमिका निभाएगा। जो पर्यटकों को लुभाने के लिए बर्ड फेस्टिवल और वॉटर फेस्टिवल समेत कई सांस्कृतिक का समय-समय पर आयोजन करने का काम भी करेगा। इसके अंर्तगत आईलैंड पर टेंट सिटी बनाए जाने पर भी विचार किया जाएगा। ताकि पर्यटको को यूपी की ओर आकर्षित किया जा सके।


गंगा के दोनों किनारों पर होगा इको टूरिज्म

इस नए प्रावधान के अंर्तगत गंगा नदी के दोनों किनारों को इको टूरिज्म बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। बिजनौर से बलिया तक प्रदेश के 27 जिलों से होते हुए जाती है, इसके दोनों किनारों पर इको टूरिज्म की प्लानिंग है। बोर्ड कृषि आधारित टूरिज्म पर भी फोकस कर रहा है। यह सिर्फ गंगा नदी ही नहीं बल्कि गोमती समेत कई नदियों में यह काम किया जाएगा।

कई इलाकों में किया जाएगा बदलाव

अपने इस नए प्लान में सरकार कई तराई इलाकों के दुधवा, कतर्नियाघाट, चूका बीच, किशनपुर, अमानगढ़, महोबा, समेत कई जिलों में स्थित जंगली इलाकों में बदलाव करेगी। झीलों के किनारे 24 बर्ड सैंक्युअरी बनाने पर फोकस किया जाएगा। वॉटरफाल के ऊपर ग्लास ब्रिज तैयार करने पर भी विचार किया जाएगा। इसके साथ ही और भी कई इलाकों को इको टूरिज्म बनाने पर सरकार का खास फोकस रहेगा। जिससे न सिर्फ प्रदेश की सुंदरता को ओर निखारा जाएगा, बल्कि पर्यटकों को लुभाने पर भी खास फोकस रहेगा।

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