उत्तराखंड में इन पहाड़ों पर है परियों का देश, दूर दूर से पहुंचते हैं लोग

Beautiful Mountain Of Uttarakhand : बचपन से ही हमारे बीच में परियों की कहानियां प्रचलित रही है। चलिए आज हम आपको परियों के देश के बारे में बताते हैं।

Update: 2024-04-19 12:30 GMT

Beautiful Mountain Of Uttarakhand (Photos - Social Media)

Beautiful Mountain Of Uttarakhand : हम सभी ने अपने बचपन में परियों की कहानी जरूर सुनी है। टीवी में या फिर फिल्मों में हमने परियों की दुनिया भी देखी है। परियों की यह दुनिया हमेशा से ही हमें आकर्षित करती आई है। जब बच्चे होते हैं तो वह हमेशा यही सोचते हैं कि कार्टून ने भी कोई परी मिल जाए जो छड़ी घुमा कर उनके विश पूरी कर दे। आज हम आपको भारत में मौजूद एक ऐसी जगह के बारे में बताते हैं जिसे परियों का देश कहा जाता है। कई लोगों का कहना है कि यहां आसमान से परियां करती है जिन्हें देखकर कोई भी हैरान हो जाता है। अगर आप भी परियों की इस जगह को एक्सप्लोरर करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको उत्तराखंड जाना होगा।

यहां है परियों का देश

उत्तराखंड के खैट पर्वत को परियों का देश कहा जाता है। यहां की लोकल गढ़वाली भाषा में कहा जाता है कि यहां पर आंछरी रहती है। यहां पर परियों को आंछरी कहा जाता है।

गांव की रक्षा करती हैं पारियां

इस पर्वत की सबसे नजदीक थात गांव मौजूद है। यहां रहने वाले लोगों का मानना है कि यहां रहने वाली परियां हजारों सालों से उनकी रक्षा करती आ रही है। कुछ लोगों ने तो यह दावा भी किया है कि यहां पर रहने वाली परियों के उन्होंने दर्शन किए हैं।

Khait Parvat


रहती हैं 9 परियां

ऐसा बताया जाता है कि यहां पर नौ पर या निवास करती हैं। आमतौर पर हम सभी ने ओखली अच्छी है जिसके बारे में हमें यह पता होता है कि यह जमीन पर बनी होती है लेकिन इस गांव की खासियत है कि यहां की ओखलियां दीवारों पर बनी हुई है।

Khait Parvat


प्रचलित है कहानी

परियों को लेकर एक कहानी खूब प्रचलित है। सदियों पहले टिहरी गढ़वाल के चौदाण गांव में राजा आशा रावत रहते थे। राजा की छह पत्नियां थी, लेकिन उनका कोई पुत्र नहीं था। राजा को दुखी देखकर पहली पत्नी ने कहा कि आप राजा हो तो आप 7वां विवाह कर लो। इसके बाद राजा का विवाह देवा से हो गया। इसके कुछ समय बाद रानी देवा ने एक के बाद एक पूरे 9 बच्चों को जन्म दिया, जिनका नाम राजा ने कमला रौतेली, देवी रौतेली, आशा रौतेली, वासदेइ रौतेली, इगुला रौतेली, बिगुल रौतेली, सदेइ रौतेली, गरादुआ रौतेली और वरदेइ रौतेली रखा गया।

12 साल की उम्र तक सभी बेहद सुंदर दिखने लगी थीं। कहा जाता है कि एक रात सभी बहनें गहरी नींद में सोई हुई थीं इस दौरान उनके सपने में सेम नागराज आए और उन्होंने सभी बहनों को अपनी रानी बना लिया। लेकिन सुबह उठते ही सभी बहनों ने देखा कि उनके गांव में अंधेरा पसरा पड़ा है जबकि ऊंचे पर्वतों पर धूप खिली हुई है। सूरज की इसी तलाश में जब सभी बहनें खैट पर्वत पहुंचीं तो आंछरी बन गईं। लोगों की मान्यता है कि ये आज भी खैट पर्वत पर परियां बनकर घूमती हैं।

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