Vaishno Devi Mandir Dehradun: अब माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जम्मू जाने की ज़रूरत नहीं, यहीं करिये उनके दर्शन

Vaishno Devi Mandir Dehradun: अगर आप भी माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जम्मू जाने की हर बार प्लानिंग करते हैं और नहीं जा पाते हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे बना जम्मू गए माता रानी के दर्शन कर सकते हैं।

Update:2024-11-08 17:30 IST

Vaishno Devi Mandir Dehradun (Image Credit-Social Media)

Vaishno Devi Mandir Dehradun: माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए हर साल लाखों लोग जम्मू पहुँचते हैं लेकिन वहीँ कुछ लोग ऐसे भी हैं जो यहाँ तक नहीं पहुंच पाए हैं और अभी तक माता रानी के दर्शन नहीं कर पाए हैं तो आपको बता दें कि अब आप उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में ही माता वैष्णो देवी के दर्शन कर सकते हैं। आइये जानते हैं कैसे।

अब माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जम्मू जाने की ज़रूरत नहीं

माता वैष्णो देवी मंदिर में हिन्दुओं की अपार आस्था है वहीँ कुछ लोग माँ के दर्शन करना तो चाहते हैं लेकिन किसी न किसी कारणवश वो वहां तक पहुंच नहीं पाते हैं ऐसे में आप उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में माता वैष्णो देवी के दर्शन कर सकते हैं। दरअसल यहाँ गढ़ी कैंट में मां वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर स्थित है। इसे माता वैष्णो देवी मंदिर की ही तरह बनाया गया है। जिसमे झुककर आप संकरी गुफा से गुज़रेंगें और माँ के दर्शन कर पायेंगें। वहीँ आपको बता दें कि माँ के इस मंदिर में लोग अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए माँ से विनती करते हैं और माता रानी उसे पूरा भी कर देतीं हैं। लोग यहां माता रानी के पास संतान प्राप्ति से लेकर गृह कलेश की शान्ति तक की मनोकामना लेकर आते हैं और माँ उन्हें पूरा भी कर देतीं हैं।

कहते हैं कि देहरादून के कौलागढ़ स्थित मां वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर की बनावट मूल रूप से जम्मू के वैष्णो माता मंदिर की तरह ही हुई है। वहीँ जब आप इस गुफा में प्रवेश करेंगें तो आपको भी लगेगा जैसे आप जम्मू के मां वैष्णो मंदिर में जा रहे हैं।

इस मंदिर की भी काफी मान्यता है और लोग भी यहाँ भारी तादात में माँ के दर्शन करने आते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि जब भक्त माँ के दरबार पहुंचते हैं तो गुफा की सकंरी गलियां उसे झुककर चलने पर मजबूर कर देतीं हैं जिसका मतलब है कि उसका अहंकार ख़त्म कर देतीं हैं। आपको बता दें ये गुफ़ा काफी प्राचीन समय से यहाँ स्थित है। पहले के समय में ऋषि-मुनि यहीं तपस्या किया करते थे। इस मंदिर के दर्शन के लिए न सिर्फ देहरादूर निवासी पहुंचते हैं बल्कि और जगहों से भी लोग यहाँ आते हैं। इस मंदिर को लगभग 30 साल पहले ही आम लोगों के लिए खोला गया है।

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