Varanasi Mysterious Mandir: वाराणसी में जड़ी बूटी वाला कुआं, जिससे सब बीमारी होती है दूर
Varanasi Mysterious Mahadev Mandir: वाराणसी में प्रसिद्ध मंदिर मृत्युंजय महादेव के प्रांगण में एक चमत्कारिक 'कूप' है।
Varanasi Mysterious Mahadev Mandir: प्राचीन नगरी वाराणसी में ज्यादातर मंदिर ऐतिहासिक और अपने अद्वितीय चमत्कारों के लिए जाने जाते है। ऐसे ही आज हम एक चमत्कारी कुआं के बारे में बताने जा रहे है। वाराणसी में प्रसिद्ध मंदिर मृत्युंजय महादेव के प्रांगण में एक चमत्कारिक 'कूप' है। जिसका जल पीने के लिए दूर-दूर से यहां श्रद्धालु आते हैं। ऐसा माना जाता है कि काशी में स्थित इस कूप में औषधियां समाहित है। इसलिए इसको 'धन्वन्तरि कूप' के नाम से जाना जाता है। इसके नाम के साथ इसका रहस्य भी कई मान्यताओं से प्रसिद्ध है।
बीमारियों के प्रकोप से दिलाता है निजात
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवताओं के वैध माने जाने वाले गुरु, भगवान धन्वंतरि ने एक समय मे एक घटना के कारण अपनी सारी औषधियों को इस कूप में छिपा दी थी। कई लोग अपने परिवार को लेकर काशी के धन्वंतरि कुआं का पूजन करने आते हैं। महादेव के दर्शन करने के बाद यहां के कुएं के जल पीने की परंपरा है। वैद्यराज धन्वंतरि से प्रसिद्ध इस कुएं के प्रति उनका विश्वास प्रमाणिक है। इस कुएं के खारे जल का नियमित सेवन करने से कई प्रकार के गंभीर उदर रोग से का निवारण होता है। लोगों को नया जीवन मिला है। बीमारियों से निराश हो चुके व्यक्ति को यहां पर उम्मीदों का सहारा मिला है।
लोकेशन: K54/89, दारानगर, कोतवाली, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
नगर के मध्यमेश्वर क्षेत्र में स्थित विख्यात महामृत्युंजयेश्वर मंदिर के तीसरे खंड परिसर में प्राचीन कूप है। जहां दर्जनों श्रद्धालु रोगों को खत्म करने की कामना से यहां आते हैं और कूप का जल प्रसाद रूप में ग्रहण करते हैं।
आठ घाटों के पानी से सुशोभित है कूप
यह मंदिर और धनवंतरी कूप दोनो ही अति प्राचीन है। यहां पर लोग रोग मुक्ति के बाद आभार व्यक्त करने वापस आते है। लोग बाबा मृत्युंजय का दर्शन करके कुएं के पानी को अपने साथ लेकर जाते हैं। इस अष्टकोणीय कूप में आठ घिर्रियों का पानी पिलाया जाता हैं, आठों घाटों के जल के खारेपन का फर्क महसूस यहां के पानी में साफ प्रकट होता है। मृत्युंजय महादेव बाबा का भोर में दर्शन करने के बाद रात आठ बजे तक कूप पर एक व्यक्ति लोगों को पानी पिलाने के लिए खड़ा रहता है। दक्षिण दिशा के इस घाट कूप में आठ घाटों का संगम है, को की एक अविश्वसनीय घटना है।
श्रद्धा और आस्था का है विश्वास
मंदिर के पुजारी और देख रेख करने वाले स्थानीय लोग बताते है कि, कूप के जल के गुणधर्म की मान्यता कोई शास्त्र में प्रामाणिक नहीं है। यह पूरी तरह श्रद्धालुओं के आस्था और विश्वास पर आधारित है। जो लोग राहत पाते हैं वे लोग दूसरों को भी बताते हैं। किंवदंतियों की मान्यताओं के अनुसार, देवताओं के वैध कहे जाने वाले भगवान धन्वंतरि ने तक्षक सांप के आक्रमण करने के दौरान अपनी सारी विशेष औषधिया, जड़ी बूटी इस कूप में छिपा दी थी। यही वजह है कि इस कूप के जल का सेवन करने मात्र से ही पेट और त्वचा के साथ कई दूसरे गंभीर बीमारियों से भी लोगों को निजात मिल जाती है।