Vivekananda Rock Memorial: यहां साधना के लिए पहुंचे PM मोदी, जानें रॉक मेमोरियल का इतिहास
Vivekananda Rock Memorial History: अगर आप तमिलनाडु घूमने जा रहे हैं तो विवेकानन्द स्मारक शिला जरूर जाएं। ये तमिलनाडु का खास टूरिस्ट प्लेस है। जानिए यहां क्या है खास है।;
Vivekananda Rock Memorial PM Modi Sadhana in Kanyakumari
Vivekananda Rock Memorial History: लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है। सातवें चरण के लिए चुनाव प्रचार तेज है। वहीं चुनाव प्रचार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साधना में लीन होने पहुंचे हैं। पीएम मोदी चुनाव प्रचार के बाद एक दिन के लिए और एक रात के लिए ध्यान लगाने पहुंचे हैं। पीएम कन्याकुमारी स्थित रॉक मेमोरियल पहुंचे। जहां के ध्यान मंडपम में वे ध्यान करेंगे। जानकारी अनुसार ध्यान मंडपम में 30 मई की शाम से 1 जून की शाम तक ध्यान लगाएंगे।
पीएम मोदी यहां लगाएंगे ध्यान (PM Modi Meditation Place)
पीएम मोदी जहां ध्यान लगाएंगे वो स्थान कई मायनों में प्रसिद्ध है। यहां स्वामी विवेकानंद तपस्या में लीन हुए थे और कहा जाता है कि यहीं उन्हें भारत के दर्शन हुए थे। यहां साधना करने के बाद स्वामी विवेकानंद की जिंदगी में क्रांतिकारी परिवर्तन आया था। मान्यता है कि जैसे सारनाथ का गौतम बुद्ध की जिंदगी में स्थान था, वैसा ही स्थान रॉक मेमोरियल का स्वामी विवेकानंद की लाइफ में रहा है। वह पूरे देश में भ्रमण करने के बाद यहां आए थे और तीन दिन तक यहां साधना की थी।
Vivekanand Rock Memorial
कहां है विवेकानंद रॉक मेमोरियल (Vivekananda Rock Memorial Location )
विवेकानंद रॉक मेमोरियल वैसे तो कन्याकुमारी का एक छोटा सा द्वीप है। उसकी पृष्ठभूमि में सुरम्य हिंद महासागर है। यह लक्षद्वीप सागर से निकलने वाली दो आसन्न चट्टानों में से एक पर स्थित है। उसमे श्रीपाद मंडपम और विवेकानंद मंडपम शामिल हैं। विवेकानंद रॉक मेमोरियल कन्याकुमारी में वावथुरई की भूमि के पूर्व में 500 मीटर दूर स्थित है। वहाँ जाने के लिए कुछ घाटों का उपयोग किया जाता है। विवेकानंद को ज्ञान की प्राप्ति हुई वही स्थान पर प्रतिमा का निर्माण 1970 में वावथुरई में किया गया था। श्रीपाद मंडपम में एक अध्ययन कक्ष और एक संग्रहालय है। जहां आप विवेकानंद के जीवन और कार्यों को गहराई से देख सकते हैं। ध्यान करने के लिए आगंतुकों के लिए ध्यान कक्ष के रूप में कार्य करता है। और यहां की वास्तुकला की शैली विशिष्ट है। किंवदंतियों के मुताबिक देवी कुमारी ने यह चट्टान पर तपस्या की थी।
Vivekanand Rock Memorial
ऐसा है इतिहास (Vivekananda Rock Memorial History)
1962 के जनवरी में यहाँ स्वामीजी को समर्पित एक स्मारक उनकी जन्म शताब्दी के लक्ष्य में बनाया गया था। हिंदेव सेवा संघ के अध्यक्ष श्री वेलुयुधन ने उसका नेतृत्व किया और उसी के लिए एक समिति बनाई गई थी। श्री राम कृष्ण मिशन की अध्यक्षता में एक बैठक हुई और सभी ने स्मारक बनाने की पुष्टि की थी। कुछ शुरुआती कमियों पर काबू करने के पश्यात यहाँ स्मारक की अद्भुत प्रतिमा बनाने की आखिरकार मंजूरी दे दी गई थी।
उसके अलावा स्थानीय लोगों के लिए विवेकानंद की चट्टान का धार्मिक महत्व भी है। मान्यता के मुताबिक यहाँ देवी कुमारी ने तपस्या करते हुए चट्टान को आशीर्वाद दिया था। विवेकानंद रॉक मेमोरियल स्मारक का निर्माण देश भर से विभिन्न मंदिर निर्माण शैलियों का एक बहुत ही उत्कृष्ट संयोजन है। उसमे सभी वास्तु शैली का प्रयोग किया गया है। एक बहुत ही शांत आभा प्रदान करता है।
Vivekanand Rock Memorial
बदल गया था विवेकानंद का जीवन (Vivekananda Life Had Changed)
सन 1892 में स्वामी विवेकानंद कन्याकुमारी आए थे। एक दिन वे तैर कर इस विशाल शिला पर पहुंच गए। इस निर्जन स्थान पर साधना के बाद उन्हें जीवन का लक्ष्य एवं लक्ष्य प्राप्ति हेतु मार्ग दर्शन प्राप्त हुआ था। विवेकानंद के उस अनुभव का लाभ पूरे विश्व को हुआ, क्योंकि इसके कुछ समय बाद ही वे शिकागो सम्मेलन में भाग लेने गए थे। इस सम्मेलन में भाग लेकर उन्होंने भारत का नाम ऊंचा किया था। स्वामी विवेकानंद के अमर संदेशों को साकार रूप देने के लिए ही 1970 में उस विशाल शिला पर एक भव्य स्मृति भवन का निर्माण किया गया। समुद्र की लहरों से घिरी इस शिला तक पहुंचना भी एक अलग अनुभव है। स्मारक भवन का मुख्य द्वार अत्यंत सुंदर है। इसका वास्तुशिल्प अजंता-एलोरा की गुफाओं के प्रस्तर शिल्पों से लिया गया लगता है। लाल रंग के पत्थर से निर्मित स्मारक पर 70 फुट ऊंचा गुंबद है। भवन के अंदर चार फुट से ऊंचे प्लेटफॉर्म पर परिव्राजक संत स्वामी विवेकानंद की प्रभावशाली मूर्ति है। यह मूर्ति कांसे की बनी है, जिसकी ऊंचाई साढ़े आठ फुट है। यह मूर्ति इतनी प्रभावशाली है कि इसमें स्वामी जी का व्यक्तित्व एकदम सजीव प्रतीत होता है।
Vivekanand Rock Memorial
कब जाएं (Vivekananda Rock Memorial Visit Timing)
कन्याकुमारी में घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च है। समुद्र तट पर दर्शनीय स्थलों और पानी एक्टिविटी का आनंद लेने अक्टूबर को कन्याकुमारी जाने के लिए एक सही समय है। उस समय हवा में कुछ नमी होती है। मगर शाम के ठंडी समुद्री हवा एक महान सूर्यास्त के दृश्य को मनोरम बनाती हैं। अप्रैल से मई तक गर्मी के महीनों में तापमान 35 डिग्री होता है। कन्याकुमारी में जुलाई और अगस्त के महीनों में भारी वर्षा होती है।मानसून सीजन में पर्यटक हरे-भरे प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं।
Vivekanand Rock Memorial
कितनी है फीस
विवेकानंद मेमोरियल रॉक का प्रवेश शुल्क 20 रुपये प्रति व्यक्ति रखा गया है। उसके अलावा चट्टानों की फेरी लगाने का शुल्क 50 रुपये प्रति व्यक्ति है। अगर आप फेरी बुकिंग पर कतार से बचना चाहते हैं। तो आप एक विशेष टिकट खरीद सकते हैं। 200 प्रति व्यक्ति जहां कोई प्रतीक्षा समय नहीं है। आपको बतादे की विवेकानंद रॉक मेमोरियल सुबह 8 बजे से खुलता है। और शाम 4 बजे बंद होता है।