Wagheshwar Temple : 8 महीने तक पानी में डूबा रहता है ये मंदिर, साल में सिर्फ एक बार होते हैं दर्शन

भारत में घूमने करने के लिए एक से बढ़कर एक जगह मौजूद है। इनमें से कुछ जगह ऐसी भी है जो लोगों को हैरान करने का काम करती है। चलिए आज आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताते हैं जो 8 महीने तक पानी में डूबा रहता है।

Update:2023-12-25 07:05 IST

wagheshwar temple in pune (Photos - Social Media)

Wagheshwar Temple : दुनिया में एक से बढ़कर एक अनोखी जगह मौजूद है जो लोगों को अपनी और आकर्षित करने का काम करती है। कुछ जगह तो ऐसी है जो चमत्कारों से घिरी हुई बताई जाती है। महाराष्ट्र के पुणे के मावल तालुका में एक खूबसूरत पर्यटक केंद्र है जिसका नाम पवना डैम है। इस डैम के पास वाघेश्वर मंदिर भी मौजूद है जिसके दर्शन साल भर में सिर्फ गर्मी के दिनों में ही करने को मिलते हैं। बता दें कि यह मंदिर 8 महीने पानी में डूबा रहता है और सिर्फ गर्मी के चार महीना में ही यहां के दर्शन किए जा सकते हैं। मानसून और अन्य मौसम में यह डैम के पानी की वजह से डूब जाता है। इस डैम का निर्माण 1965 में किया गया था और 1971 में इसमें पानी भंडारण का काम शुरू किया गया। इसी के बाद से यह मंदिर पानी में डूबा हुआ रहता है। गर्मी के दिनों में जब डैम के पानी का स्तर नीचे आता है तभी मंदिर दिखाई देने लगता है। मार्च के अंत तक यह पूरी तरह से पानी से बाहर आ जाता है।

कब बना था मंदिर

मंदिर से जुड़ी जानकारी के मुताबिक इसका निर्माण 700 से 800 साल पहले हेमाडपंथी शैली में किया गया था। इतिहासकारों का कहना है कि यह 11वीं से 12वीं शताब्दी के बीच का है क्योंकि मंदिर निर्माण में पत्थर आपस में जुड़े हुए हैं और यहां पर कुछ शिलालेख भी मौजूद है जिन पर लिखी हुई जानकारी साफ तरीके से नहीं दिखाई देती। 8 महीने तक मंदिर पानी में पूरी तरह से डूबा रहता है और तीन-चार महीने के लिए ही बाहर निकलता है। इसका निर्माण पुराने पत्थरों से किया गया है और वर्तमान में केवल इसका खोल दिखाई देता है क्योंकि अधिकांश भाग जर्जर हो चुका है।

wagheshwar temple in pune

मंदिर का शिकार नष्ट हो गया है और केवल सभा भवन बचा हुआ है। चारों ओर दरारें पड़ चुकी है और आसपास दीवारों के निशान अभी भी दिखाई देते हैं। ऐसा बताया जाता है कि कोकण सिंधु दुर्ग अभियान को पूरा करने के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज ने इस मंदिर का दौरा किया था। जब से लोगों को इस मंदिर के बारे में पता चला है तब से इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं। पुरातत्व विभाग द्वारा इसे अब तक संरक्षित नहीं किया गया है। हालांकि इसके बारे में पता करने के बाद यह पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध जरूर हो गया है। लेकिन फिर भी इसे गर्मी के दिनों में ही देखा जा सकता है बाकी समय यह डूबा रहता है।

Tags:    

Similar News