Famous Temples in World: भारत के सबसे खूबसूरत मंदिरो ने लिखा इतिहास, दुनिया भर में फेमस
Famous Temples in World: दुनिया के प्राचीन, प्रतिष्ठित और भव्य स्मारको में कुछ मंदिर शामिल हैं जो दुनिया भर में लोगों के लिए अध्यात्म और आकर्षण दोनों का बड़ा केंद्र हैं। आइये जानते हैं दुनिया के सबसे विशाल और्व प्रसिद्द मंदिरो के बारे में।
Famous Temples in World: दुनिया भर में मंदिर प्राचीन काल से संस्कृति और धर्म दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण अंग रहे हैं। मंदिर एक शहर या देश की वास्तुकला, वहां का इतिहास और सुंदरता का भी प्रतीक होते हैं। दुनिया के प्राचीन, प्रतिष्ठित और भव्य स्मारको में कुछ मंदिर शामिल हैं जो दुनिया भर में लोगों के लिए अध्यात्म और आकर्षण दोनों का बड़ा केंद्र हैं। आइये जानते हैं दुनिया के सबसे विशाल और्व प्रसिद्द मंदिरो के बारे में।
1) पशुपतिनाथ मंदिर, काठमांडू:
पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल के काठमांडू शहर में स्थित है और यह हिन्दू धर्म का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। यह मंदिर पशुपतिनाथ महादेव को समर्पित है, जो हिन्दू धर्म में विष्णु, शिव और ब्रह्मा के रूप माने जाते हैं।
पशुपतिनाथ मंदिर नेपालियों द्वारा एक संरक्षित प्रमुख स्मारक स्थल है और इसे विश्व धरोहर स्थल कीसूची में भी शामिल किया गया है। यह मंदिर घाटी के पशुपतिनाथ नदी के किनारे स्थित है। पशुपतिनाथ मंदिर का इतिहास काफी पुराना है और इसका निर्माण 5वीं शताब्दी में हुआ था। मंदिर का मुख्य भव्य गोपुरम रंगीन लकड़ी का निर्माण है और यह मंदिर की पहचानीयता है।
यहां प्रतिदिन कई हजार श्रद्धालु आते हैं और पशुपतिनाथ को अर्चना करते हैं। मंदिर में अनेक प्रकार के शिवलिंग हैं और विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। यहां एक ज्योतिर्लिंग भी स्थित है, जिसे पशुपतिनाथ महादेव का महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाता है। यह देश- विदेश में एक प्रसिद्द मंदिर है। इसकी एक भव्य ईमारत है।
2) अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली:
अक्षरधाम मंदिर दिल्ली, भारत में स्थित एक भव्य हिन्दू मंदिर समूह है। यह दुनिया में सबसे बड़े और प्रसिद्ध हिन्दू मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है, जो स्वामीनारायण धर्म के मुख्य देवता के रूप में पूजे जाते हैं।
अक्षरधाम मंदिर का उद्घाटन 2005 में हुआ था और इसे बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामिनारायण संस्था (बीएएपीएस) ने बनाया है। यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रदर्शन करता है और पारंपरिक मूल्यों, आध्यात्मिकता और शांति को प्रोत्साहित करने का उद्देश्य रखता है। मंदिर की संरचना एक बड़े क्षेत्र पर फैली हुई है और इसमें पत्थरों से नक्काशी वाले स्तंभ, सुंदर मूर्तियां और सजीव गुंबद शामिल हैं।
3) अंग्कोर वाट, कंबोडिया:
अंग्कोर वाट मंदिर एक महान धार्मिक स्मारक है जो कंबोडिया के सियेम राज्य के सीमा क्षेत्र में स्थित है। यह एक विश्व धरोहर स्थल है और कंबोडिया के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। अंग्कोर वाट कंबोडिया की संस्कृति, कला और वास्तुकला का प्रतीक है। अंग्कोर वाट मंदिर को महाराजा सूर्यवर्मन द्वितीय ने ख़ुदाई कराकर बनवाया था और यह 12वीं और 13वीं शताब्दी में निर्मित हुआ। यह विशाल मंदिर कंबोडिया की ख़ुशनुमा वास्तुकला की उत्कृष्टता का प्रतीक है और उदाहरणीय दक्षिण-पूर्वी एशियाई वास्तुकला की मिसाल है।
अंग्कोर वाट मंदिर की शैली विश्व भर में मशहूर है। यह वाणारस्त्राल योजना के अनुसार बनाया गया है, जिसमें प्रमुख प्रांगण (वाणारस्त्राल) के चारों ओर छोटे प्रांगण हैं, और यह मंदिर के मध्य में स्थित हैं। मंदिर की स्वर्णिम सिखरें और कंबोडिया की परंपरागत वास्तुकला उसकी सुंदरता का प्रतीक है।
4) श्री रंगनाथस्वामी मंदिर, तिरुच्चापल्ली:
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर, तिरुच्चापल्ली के श्रीरंगम द्वीप में स्तिथ है। इस मंदिर को भू-लोक बैकुन्द्ठ कहा जाता है। यह हिंदुओ का एक प्रमुख तीर्थयात्रा स्थल है और सबसे भव्य मंदिरो में से एक है। ३ नवम्बर २०१७ को इसका पुनर्निर्माण हुआ था। इसके पुनर्निर्माण के बाद इसे यूनेस्को एशिया-पसिफ़िक अवार्ड ऑफ़ मेरिट २०१७ से नवाज़ा गया था। यह मंदिर भदवान विष्णु को समर्पित है। यह अनोखा मंदिर है जहाँ प्रसाद में सोना दिया जाता है। दिसंबर-जनवरी माह में आयोजित २१ दिन का वासरशिक त्यौहार लाखों लोगों को आकर्षित करता है।
5) जम्बुकेश्वर मंदिर, तमिलनाडु:
जम्बुकेश्वर मंदिर भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। यह शिव को समर्पित है जो ज्ञान क्षेत्र के देवता माने जाते हैं। जम्बुकेश्वर शिवलिंग को अपनी मुख्य देवता के रूप में स्थानीय भाषा में "अप्पु" कहा जाता है।
यह मंदिर नीलगिरी जिले के पर्यटन स्थल ओट्टाचात्रम के निकट स्थित है और आस-पास के पहाड़ी क्षेत्रों की खूबसूरती के बीच स्थित है। इस मंदिर को ब्रिटिश शासनकाल में बहुत उच्च मान्यता दी गई थी और इसे "मालूर महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थल" के रूप में घोषित किया गया था।
इस मंदिर का निर्माण महाराजा रजेन्द्र चोल द्वारा किया गया था और इसका निर्माण काल 12वीं शताब्दी माना जाता है। मंदिर का मुख्यालय भवन चालुक्य वास्तुकला के शैली में निर्मित है और मंदिर के चारों ओर कई छोटे मंदिर, कुंड, और सुंदर वृक्ष विराजमान हैं।
6) नेल्लियप्पर मंदिर, तमिलनाडु:
नेल्लियप्पर मंदिर भारत के तमिलनाडु राज्य के तिरुनेलवेली जिले में स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर मार्गदर्शक शिव के लिए समर्पित है और उत्तराकोसी नदी के किनारे स्थित है। नेल्लियप्पर मंदिर को तमिलनाडु के चार धामों में से एक माना जाता है।
यह मंदिर ब्रहदीश्वर मंदिर के साथ तिरुनेलवेली नगर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण पाण्ड्य राजवंश के शासक चेन्ना राजन द्वारा किया गया था और इसका निर्माण काल 7वीं शताब्दी ईसा पूर्व माना जाता है।
नेल्लियप्पर मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला के एक अद्वितीय उदाहरण के रूप में जाना जाता है। इसकी मुख्य गोपुरम् (विमानम) ने इसके सुंदर आकार और अद्वितीय नक्काशी के कारण पर्यटकों का आकर्षण बनाया है। मंदिर में भगवान शिव और देवी पर्वती को नेल्लियप्पर एप्पर और नेल्लियप्पर अम्बाल के रूप में पूजा जाता है।
7) बोरोबुदुर मंदिर, इंडोनेशिया:
बोरोबुदुर मंदिर इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर एक प्रमुख बौद्ध मंदिर है। यह विश्व धरोहर स्थल के रूप में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त कर चुका है। बोरोबुदुर मंदिर बौद्ध धर्म के प्रमुख स्थलों में से एक है और इसे बौद्ध संगीतागम का प्रतीक माना जाता है।
यह मंदिर मध्ययुगीन काल में बनाया गया था और इसका निर्माण मात्रा और पत्थर के उपयोग के कारण इसे शिल्पी और स्थापत्य कला के अद्वितीय उदाहरण के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण महायान बौद्ध धर्म की प्रभावशाली संस्कृति के लिए एक मंगलकामना के रूप में किया गया था।
बोरोबुदुर मंदिर में 9 चरणों में बांटे गए हैं, जिनमें 504 बौद्ध स्तूप और 2,672 बौद्ध विमान प्रतिमाएं स्थापित हैं। इसकी दीवारों पर काव्यात्मक कविताएं और भगवान बुद्ध के जीवन के प्रमुख कथानक चित्रित हैं। यह मंदिर प्रमुख बौद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है।
8)कर्णाक मंदिर, इजिप्ट:
कर्णाक मंदिर, इजिप्ट के लुकसोर शहर में स्थित है। यह एक प्रमुख पवित्र स्थल है और पुरातन मिस्र सभ्यता की महत्वपूर्ण स्मारिका है। कर्णाक मंदिर को एक समृद्ध और विस्तृत मंदिर परिसर में स्थापित किया गया है, जिसमें कई मंदिर और स्मारक स्थल हैं।
कर्णाक मंदिर भगवान अमन रा के लिए एक प्रमुख केंद्र था, जिन्होंने प्राचीन मिस्र में सबसे अधिक पूजित देवता माने जाते थे। यह मंदिर मिस्र सम्राटों ने लगभग 2000 वर्षों तक बनाए रखा, और इसे निरंतर विस्तार और पुनर्निर्माण किया गया। इसका निर्माण कार्य प्रमुखतः फिरअउन और रामसेस द्वितीय जैसे सम्राटों ने किया।
कर्णाक मंदिर का निर्माण पत्थर और मार्बल का है, जिसमें कई प्रमुख स्तम्भ, मुख्य गोपुरम्, शिखर, सन्दर्भ स्तंभ, गुफाएं और उपासना कक्षें शामिल हैं। इसके भीतर चंद्रवर्ति महल, उत्कृष्ट प्रांगण, रामसेस द्वितीय का संग्रहालय, और कई अन्य परिसर स्थल हैं।