Yam Yamuna Temple Mathura: मथुरा के यम यमुना मंदिर का अलग ही है स्थान, भाई दूज के दिन होता है ज्यादा महत्व

Yam Yamuna Temple Mathura:ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण लगभग 4,900 साल पहले भगवान कृष्ण के पोते वज्रनाभ ने किया था। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यम और यमुना भाई-बहन हैं। यम मृत्यु के देवता हैं तो वहीँ यमुना नदी की देवी।

Written By :  Preeti Mishra
Update:2023-11-14 13:19 IST

Yam Yamuna Temple Mathura (Image: Social Media)

Yam Yamuna Temple Mathura: मथुरा के सबसे पुराने और सबसे शुभ मंदिरों में से एक यम-यमुना मंदिर का बहुत ही ज्यादा महत्व है। इस मंदिर में भाई-बहन एक साथ दर्शन करते हैं। यह मंदिर मथुरा के प्रसिद्ध विश्राम घाट से थोड़ी दूरी पर स्थित है।

यम यमुना मंदिर का इतिहास

ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण लगभग 4,900 साल पहले भगवान कृष्ण के पोते वज्रनाभ ने किया था। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यम और यमुना भाई-बहन हैं। यम मृत्यु के देवता हैं तो वहीँ यमुना नदी की देवी। किंवदंती है कि, देवी यमुना ने भाई दूज के अवसर पर अपने भाई को आमंत्रित किया था। भोजन के अंत में, भगवान यम ने उससे पूछा कि वह उससे क्या चाहती है, जैसा कि इस दिन प्रथा है। कोई भौतिक इच्छा न होने पर, देवी यमुना ने उनसे अपने शाश्वत आशीर्वाद के लिए अनुरोध किया, यही कारण है कि आज भी, भाई दूज पर उनके घाट रोशन किए जाते हैं, और लोग आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर में आते हैं।

कैसा है यह मंदिर

मंदिर में भित्तिचित्र हैं, लेकिन मुख्य प्रार्थना कक्ष काफी साधारण है, जिसमें काले पत्थर से बनी भगवान यम और देवी यमुना की मूर्तियां हैं, जो आशीर्वाद में हाथ उठाए बैठे हैं। चांदी की परत चढ़े इस मंदिर का प्रवेश द्वार एक छोटे दरवाजे से होता है। यहाँ से आप सीधे खड़े होकर मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते हैं। मंदिर के मुख्य कक्ष में जाने के लिए झुकना पड़ सकता है। मंदिर का मुख्य कक्ष बहुत ही साधारण हैं। यहाँ चुकि दिये जलते रहते हैं इसलिए बाहर के मुकाबले आपको अंदर गर्मी का एहसास होगा। कमरे के मध्य में काले पत्थर में यम और यमुना की मूर्तियाँ हैं।

भैया-दूज पर मथुरा के विश्राम घाट में स्नान से मिलता है मोक्ष

माना जाता है कि भैया-दूज के अवसर पर मथुरा के विश्राम घाट में स्नान से मोक्ष मिलता है। भैया-दूज के अवसर पर यहाँ भारी भीड़ होती है। यहाँ बहन और भाई एक दूसरे के हतः पकड़ कर एक साथ यमुना नदी में डुबकी लगाते हैं। भाई दूज के दिन यहाँ पर यम-द्वितीया स्नान का आयोजन किया जाता है। भाई-बहन एक साथ स्नान करके मोक्ष की कामना करते हैं।

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