Yamraj Temple in Himachal: हिमाचल प्रदेश में यमराज का एक मंदिर, जहां जाने से भी डरते हैं लोग

Yamraj Temple Himachal Pradesh : हिमाचल प्रदेश में यमराज मंदिर कुल्लू जिले के एक छोटे से गाँव बागशेर में स्थित है। यहां पर यमराज को पूजा जाता है।

Update: 2024-05-24 02:30 GMT

Yamraj Temple Himachal Pradesh (Photos - Social Media)

हिमाचल प्रदेश, भारत का उत्तरी भाग में स्थित एक राज्य है जिसे "हिमाचल" के नाम से भी जाना जाता है। इसका अर्थ होता है "हिम" (बर्फ) और "आचल" (पर्वत)। यहां की खूबसूरत वादियां, ऊंचे पर्वत, घास के मैदानों और धर्मनगर, शिमला, मनाली, धरमशाला और बिलासपुर जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों के लिए मशहूर है। गर्मी में यहां का मौसम ठंडा रहता है, जबकि सर्दियों में बर्फबारी होती है। हिमाचल प्रदेश की स्थापना 25 जनवरी 1971 में हुई थी। यहां की जनसंख्या लगभग 70 लाख है और इसकी राजधानी शिमला है। हिमाचल की खुबसूरत सी वादियो में यमराज जी का एकमात्रा मंदिर भी स्थित है, आज आपको उसी मंदिर के बारे में बताते हैं। भारत में कई अनोखे मंदिर हैं और यमराज का मंदिर भी उनमें से एक है। हिमाचल प्रदेश में यमराज मंदिर कुल्लू जिले के एक छोटे से गाँव बागशेर में स्थित है। यहां पर यमराज को पूजा जाता है और लोग इसे अपने जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति के लिए यात्रा करते हैं।

मंदिर में जाने से डरते हैं लोग (People Are Afraid Of Going To The Temple)

मृत्यु के देवता यमराज के नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं। और राही इस मंदिर में जाने की बात तो कहा जाता है कि लोग यहां के इस मंदिर में जाने से डरते हैं, क्योंकि यह अनोखा मंदिर बहुत सारे रहस्य से जुड़ा हुआ है। ऐसा मन जाता है कि मरने के बाद सबसे पहले आत्मा यहां आती है। और इसी मंदिर में फैसला किया जाता है कि मरने वाले इंसान को स्वर्ग भेजा जाएगा या नरक।

Yamraj Temple Himachal Pradesh


यमराज मंदिर की मान्यताएं (Beliefs of Yamraj Temple
)

जैसे कि हम सभी को पता है कि यमराज के नाम से लोगों में डर पैदा होता है क्योंकि उन्हें हिन्दू धर्म में मृत्यु के देवता माना जाता है। यह अनोखा मंदिर हिमाचल के चंबा जिले के भरमौर में स्थित है | इस मंदिर से जुड़ी कई मान्यताएं हैं। माना जाता है कि इसी मंदिर में चित्रगुप्त जी अदामी के पाप और पुण्य का पूरा ब्यौरा देखकर तय करते हैं कि उसे स्वर्ग मिलेगा या नर्क। कई लोग तो इससे कोसों दूर ही भागते हैं। यही नहीं, लोग मंदिर को देखकर बाहर से ही यम देवता के हाथ जोड़ लेते हैं।

चंबा में स्थित है यमराज का मंदिर (Yamraj Temple Is Situated in Chamba)

यमराज का यह अनोखा मंदिर हिमाचल के चंबा जिले के भरमौर में स्थित है। बता दें कि यह मंदिर दिखने में छोटा घर जैसा है। धर्मराज मंदिर हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के भरमौर में स्थित है। यहां का आश्रय लेने वाले अनेक श्रद्धालु और पर्यटक यमराज की पूजा-अर्चना करने आते हैं। इसका आकार छोटा होने के बावजूद यह एक महत्वपूर्ण और अनूठा स्थल है जो यमराज के पूज्य रूप को मानता है। इस मंदिर का जीर्णोद्धार छठी शताब्दी में चंबा के राजा ने करवाया था। यह जीर्णोद्धार उस समय की स्थापत्यकला और संस्कृति के प्रमुख उदाहरणों में से एक है। 

Yamraj Temple Himachal Pradesh


मंदिर परिसर में है महादेव मंदिर भी (Mahadev Temple is Also There) 

यमराज मंदिर परिसर में धर्मेश्वर महादेव मंदिर भी है, जिसके साथ एक अनोखा गवाह बॉक्स जैसा मंदिर भी है, जहां कहा जाता है कि मृत्यु के बाद आत्माएं खड़ी रहती हैं। इसके निकट ही धर्मेश्वर महादेव का मंदिर है, जिसके बारे में माना जाता है कि इसकी सुरक्षा अलग-अलग धातुओं से बने चार अदृश्य दरवाजे करते हैं। माना जाता है कि ये दरवाजे आत्माओं को उनके कर्मों के आधार पर पहुंच प्रदान करते हैं। पास में ही एक बंद दरवाजा एक गुप्त गुफा की ओर जाता है। किंवदंती है कि अतीत में जो भी व्यक्ति इस गुफा में गया, वह कभी वापस नहीं लौटा। नतीजतन, मंदिर के अधिकारी अब हर समय प्रवेश द्वार को बंद रखते हैं। स्थानीय लोग इस मंदिर परिसर में आधी रात के आसपास रहस्यमय आवाजें सुनने का दावा करते हैं।

कंगना राणावत ने भी किए हैं दर्शन (Kangana Ranaut Has Also Visited)

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना राणावत जो हिमाचल के एक छोटे से गांव मंडी में रहने वाली हैं, वहां यमराज मंदिर के दर्शन कर चुकी हैं अपनी यात्रा के दौरान, कंगना ने चंबा की पारंपरिक पोशाक पहनी, जिसे लुआंचारी के नाम से जाना जाता है, जिसमें एक ब्लाउज और चांदी के आभूषणों से सजी एक लंबी स्कर्ट शामिल थी। 

Yamraj Temple Himachal Pradesh


चित्रगुप्त का कमरा (Chitragupta's Room)

मंदिर के अंदर एक खाली कमरा है जिसे चित्रगुप्त जी का कमरा भी कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो यम दूत उसे चित्रगुप्त के कमरे में ले जाते हैं, और यहीं चित्रगुप्त जी आत्मा के कर्मो का लेखा जोखा लिखते हैं। इसके बाद चित्रगुप्त जी उन्हें यमराज की अदालत में ले जाते हैं। यहां कार्यवाही के बाद तय किया जाता है कि आत्मा स्वर्ग जाएगी या नरक। इस मंदिर में चार द्वार हैं, जो तांबा, लोहा, सोना और चांदी के बने हैं।

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