9/11: ओसामा तो हुआ ढेर, लेकिन आतंक का खात्मा करने में छूट रहे पसीने

Update:2016-09-11 03:50 IST

वॉशिंगटनः दुनिया को हिला देने वाली उस घटना को 15 साल हो गए हैं। वह घटना, जिसे हम सब 9/11 के नाम से जानते हैं। साल 2001 की 11 सितंबर को ही अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ था। वो हमला, जिसने दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका को सन्न कर दिया था। उस घटना के बाद से आज तक अमेरिका और दुनिया के ज्यादातर देश आतंकवाद के खिलाफ अभियान चला रहे हैं, लेकिन आए दिन कहीं बगदादी खड़ा हो जाता है, तो कहीं बोको हरम स्कूली बच्चियों को अगवा कर दहशत और बढ़ा देते हैं।

11 सितंबर 2001 को क्या हुआ था?

अमेरिका के न्यूयॉर्क में सुबह का वक्त था। लोग कामकाज पर निकल चुके थे। तमाम लोग दफ्तरों में थे। उसी वक्त एक विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के एक टावर से आ टकराया। पहले इसे हादसा समझा गया, लेकिन कुछ ही वक्त में एक और विमान दूसरे टावर से टकराया। दोनों टावर आग से घिर गए थे।

इसी बीच, खबर आई कि एक विमान अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन से टकराया है और चौथा विमान अमेरिकी राष्ट्रपति के आवास व्हाइट हाउस की ओर बढ़ रहा था। उसके पैसेंजर्स ने दिलेरी दिखाई और आतंकियों से भिड़ गए। नतीजे में विमान पेंसिलवेनिया के एक मैदान में गिर गया। कुल मिलाकर इस आतंकी हमले में 2700 से ज्यादा लोगों की जान गई।

10 साल बाद मारा गया ओसामा

9/11 को हुए इस हमले का ताना-बाना अल-कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन ने रचा था। उसे मार गिराने के लिए अमेरिका ने अफगानिस्तान में लंबी जंग लड़ी। बावजूद इसके ओसामा को पकड़ा नहीं जा सका। वह छिपता रहा और वक्त-वक्त पर अमेरिका के खिलाफ ऑडियो और वीडियो संदेश जारी करता रहा, लेकिन आखिरकार 10 साल बाद अमेरिका ने उसे पाकिस्तान में खोज निकाला और 2 मई 2011 को ऐबटाबाद में ओसामा ढेर कर दिया गया।

ओसामा खत्म लेकिन बगदादी का खौफ

ओसामा बिन लादेन को भले ही अमेरिका ने मार गिराया हो, लेकिन उससे भी बड़ा कातिल आजकल दुनियाभर में दहशत का चेहरा बना हुआ है। नाम है अबू उमर अल-बगदादी। इराकी मूल के बगदादी ने आईएसआईएस नाम का संगठन बनाया है और सीरिया और इराक के कई इलाकों पर उसके आतंकी संगठन का कब्जा है। अमेरिका और उसके सहयोगी देश उसे मार गिराने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। बीच-बीच में बगदादी के घायल होने की खबरें आती हैं, लेकिन उसकी मौत पर अभी भी अमेरिका और कई देश टकटकी लगाए हुए हैं।

यूरोप से एशिया तक आतंक ही आतंक

अरब मुल्कों में बगदादी का खौफ था, लेकिन पेरिस और बेल्जियम में हुए हमलों के बाद उसका खौफ यूरोपीय देशों में भी फैल गया है। वहीं, अफ्रीका में बगदादी को खलीफा मानने वाले संगठन बोको हरम ने आतंक बरपा रखा है। भारत के पड़ोस से लश्कर और जैश जैसे संगठन खून बहा रहे हैं। वहीं, बांग्लादेश में हूजी आतंकियों ने सरकार की नाक में दम कर रखा है। कुल मिलाकर एक ओसामा मारा गया, लेकिन उसके जैसे तमाम आतंकी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं।

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