एंटी रोमियो स्क्वॉयड ने जब प्रेमी को कूटा तो प्रेमिका ने लिखा, ई यूपी का धरती प्रेम के लिए हराम है

Update:2017-03-29 21:33 IST

एक प्रेमिका का प्रेमी जब एंटी रोमियो स्क्वॉयड के चंगुल में फंसा, तो देखिए कैसे उसने पत्र लिख अपने दिल की भड़ास निकाली।

डियर जी,

अब कहें त कहें का?

बस इतना समझिये कि आपकी दुर्दशा देख के मेरा करेजा सूख गया है। जब से घर आये हैं मन करता है कि अपने को मुक्का मार-मार के परान दे दें। तभिये से सोच रहे हैं कि कौन महूरत में हम आपको लोहिया पार्क में बुलाये..., अरे, जब मिलना ही था तो किसी मटर के खेत के डांड़ पर बैठ के होरहा चबाते हुए भी दु:ख सुख बतिया लेते। अगर हम लोहिया पार्क में नही गये होते तो जोगी का पुलिस आपका चमड़ी नही उधेड़ता।

बताइये तो, कहीं एतना अनेत होता है? अभी तो आपने "आई लभ यू" में का खाली "आई" ही बोला था कि पुलिस आ गया, और फिर आपका हवाई उड़ गया। आपको तो नहीं पता चला, पर हमने देखा कि आपका जवन मुंह हम को देख कर मोदी हुआ था उ पुलिस को देखते ही मायावती हो गया। मुझे आपको देख कर इतना न मोह लगा कि का कहें, बाकी मुझे लगता है कि आप जब पुलिस को देखते ही भागने लगे वहीं बेजांय (गलत) हो गया। आप जब भाग रहे थे तो लगता था कि कुक्कुर के डर से बिलार भाग रही हो। बाकी जदि आप भागे नही होते तो आपका अइसा कुटान नही हुआ होता।

का कहें ये डार्लिंग, जब एंटी रोमियो वाला सिपाही जी आपका बोखार झार रहा था तो हमको अइसा बुझा रहा था कि लाठी आपके पीठ पर नहीं बल्कि हमारे दिल पर गिर रहा है। बूझ जाइये कि हमारे दिल का चटनी पिसा गया है। मन करता था कि सिपाही का मूड़ी मड़ोर के चूल्ही में झोंक दें, लेकिन का करें मजबूर थे। पता नहीं मुंहफुकउना कउन कॉलेज में रोमियो लोग के थुरने का कोर्स किया था कि आपको इतना सफाई से थूर रहा था। आप तो दु:ख से बेहाल थे, बाकि हम धेयान से देखे थे कि सिपहिया का हर लाठी आपके बाएं पाकिस्तान पर ही गिर रहा था। हरामखोर जरूर दक्षिणपंथी होगा, तभी बामपंथ पर लाठी गिरा रहा था।

बाकि जो भी हो पर एकठो बात तो मानना ही पड़ेगा कि आप हैं कलाकार आदमी। जब आप पुलिस का लाठी खा कर इधर-उधर कूद रहे थे तो लगता था जैसे मिथुन"पिया मेंहदी लिया द मोतीझील से" गाना पर डांस कर रहे हों। और जब पूरी तरह कुटा जाने के बाद आपने सिपहिया से गिड़गिड़ा कर कहा कि "हे फट्ठाधारी! हे कटि-कुटक! हे कुविचारी!

लो चार सहस्त्र मुद्राएं लो और निज गृह जा आनंद करो!"

तो आपकी काव्य शक्ति देख कर मन किया कि आपको जोर से आई लभ यू कह दें। बाकि क्या करती, तब तो आपका "लभ" कहीं और निकल गया था, "आई" कहीं और देख रहा था, और "यू" तो कब का यू टर्न मार गया था।

ओही बेरा से जोगिया को सराप रहे हैं कि हे राम जी! इस जोगिया का अगिले जनम में बियाह मत हो। पूरे राज्य भर के प्रेमियों का लभ ब्रेक कय देने वाले इस लभ-तोड़ मुख्यमंत्री का कब्भो भला न हो।

अच्छा छोड़िये ई कूल्ह। जहां जहां ज्यादा दुखा रहा है वहां ठीक से हरदी-चुना छाप लीजियेगा। आ कमर में तनी कडुआ तेल में लहसुन पका के मलवा लीजियेगा। और ज्यादा चिंता मत करियेगा, गाय कौन जे खाये ना? बाभन कौन जे नहाये ना? भौजाई कौन जे गरियाये ना? नेता कौन जे चोराये ना? और प्रेमी कवन जे कुटाये ना। और एक चीज का भरोसा रखियेगा कि भले पुलिस मार के आपका गर्दन-पीठ तोड़ दे, बाकिर हमरा परेम नही टूटेगा। हम अभियो आपही से परेम करते हैं।

ढेर का लिखें, अगिला बेर मिलना होगा तो झारखंड में मिलेंगे। ई यूपी का धरती प्रेम के लिए हराम है।

अच्छा बाय।

आपकी

फूलमती कुमारी उर्फ़ फूलमतिया

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