अनुच्छेद 35ए को चुनौती पर कश्मीर में उबाल, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

Update: 2018-08-06 05:47 GMT

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर को विशेष शक्तियां देने वाले संविधान के आर्टिकल 35-A की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। कश्मीर घाटी में इसको लेकर तनाव है। अलगाववादियों ने 35-A के समर्थन में बंद बुलाया है। सुरक्षा के मद्देनजर अमरनाथ यात्रा को रोक दिया गया है। करीब छह दशक से जारी आर्टिकल 35-A को संवेदनशील मसला समझा जाता है और इस पर सुप्रीम कोर्ट में जो भी फैसला आए, इसके दूरगामी राजनीतिक नतीजे देखे जा रहे हैं। बता दें कि आर्टिकल को भेदभावपूर्ण बताते हुए दिल्ली के एनजीओ 'वी द सिटिजन' ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

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घाटी में तनाव

कश्मीर घाटी में सुनवाई से एक दिन पहले ही रविवार को अनुच्छेद 35-A के समर्थन में कई जिलों में प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने इसके विरोध में दो दिन के बंद का आह्वान भी किया है। इसके मद्देनजर प्रशासन ने भारी सुरक्षाबल की तैनाती की है। आर्टिकल को कायम रखने के पक्ष में अलगाववादियों की संस्था JRL (जॉइंट रजिस्टेंट लीडरशिप) ने सोमवार को भी घाटी बंद रखने का ऐलान किया है। बंद को कारोबारियों और बार असोसिएशन का भी पूरा समर्थन है। प्रदर्शन के मद्देनजर अमरनाथ यात्रा को दो दिन के लिए रोका गया है। सूत्रों के मुताबिक, खुफिया विभाग ने राज्यपाल प्रशासन को अगाह किया है कि सोमवार को अगर सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 35ए पर कोई 'विपरीत' फैसला देता है, तो राज्य की पुलिस में ही 'विद्रोह' हो सकता है।

अमरनाथ यात्रा रोकी गई

दो दिन की हड़ताल के चलते रविवार को जम्मू से अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई। चेनाब घाटी के जिलों रामवन, डोडा और किश्तवाड़ से अनुच्छेद 35 ए के समर्थन में आंशिक हड़ताल और शांतिपूर्ण रैलियों की खबर है। विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने अनुच्छेद 35 ए को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दिए जाने के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया है। अधिकारियों ने बताया कि अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू में डेरा डाले तीर्थयात्रियों को रविवार सुबह भगवती नगर आधार शिविर से आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई।

फैसल शाह का ट्वीट, रद्द करेंगे तो रिश्ता खत्म

सोशल मीडिया पर अपनी एक टिप्पणी के कारण पूर्व में अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना कर चुके आईएएस अफसर शाह फैसल ने रविवार को संविधान के अनुच्छेद 35-ए की तुलना निकाहनामे (विवाह दस्तावेज) से की। फैसल ने ट्वीट किया, 'आप इसे रद्द करेंगे और रिश्ता खत्म हो जाएगा। बाद में बात करने के लिए कुछ नहीं बचेगा।' पूर्व मंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता नईम अख्तर ने फैसल के ट्वीट को रिट्वीट किया और अपने विचार भी जोड़े। उन्होंने ट्वीट किया, 'इसे रद्द किया जाना वैवाहिक दुष्कर्म जैसा होगा। एक संवैधानिक संबंध को यह कब्जे में बदल देगा।'



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क्या है आर्टिकल 35-A

आर्टिकल 35-A को वर्ष 1954 राष्ट्रपति आदेश के जरिए संविधान में जोड़ा गया अनुच्छेद 35-ए जम्मू कश्मीर के स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार देता है और राज्य से बाहर के किसी व्यक्ति से शादी करने वाली महिला से संपत्ति का अधिकार छीनता है। साथ ही, कोई बाहरी शख्स राज्य सरकार की योजनाओं का फायदा भी नहीं उठा सकता है और न ही वहां सरकारी नौकरी पा सकता है।

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