इन हरे पत्तों को देखते ही होता है कूल-कूल एहसास, इसके सेवन से हेल्थ भी रहती है कमाल

Update:2017-04-24 13:45 IST

लखनऊ: गर्मी आते ही ज्यादातर घरों से पुदीने की खुशबू आने लगती है। वैसे तो इन दिनों पुदीने का इस्तेमाल ज्यादातर चटनी के लिए किया जाता है। आम और पुदीने की चटनी की बात ही क्या है। पुदीना एक सुगंधित और औषधीय गुणों वाला पौधा है। पुदीना को इंग्लिश में मिंट(Mint) और साइंस में मेंथा कहते हैंं। पुदीना माउथ फ्रेशनर और इन्हेलर का भी काम करता है।

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पुदीना, स्वादिष्ट पचने में हलका, तीक्ष्ण, तीखा, कड़वा, पाचनकर्ता, उल्टी मिटाने वाला, हृदय को उत्तेजित करने वाला, शक्ति बढ़ानेवाला, वायुनाशक, विकृत कफ को बाहर लाने वाला, गर्भाशय-संकोचक, चित्त को प्रसन्न करने वाला, जख्मों को भरने वाला, कृमि, ज्वर, विष, अरुचि, मंदाग्नि, अफरा, दस्त, खाँसी, श्वास, निम्न रक्तचाप, मूत्राल्पता, त्वचा के दोष, हैजा, अजीर्ण, सर्दी-जुकाम आदि को मिटाने वाला है। पुदीने का रस पीने से खांसी, उलटी, अतिसार, हैजे आदि बीमारियों में लाभ होता है।

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पुदीने के बीज से निकलने वाला तेल स्थानिक एनेस्थटिक, पीड़ानाशक एवं जंतुनाशक होता है। यह दंतपीड़ा एवं दंतकृमिनाशक है। इसके तेल की सुगंध से मच्छर भाग जाते हैं।

पुदीने में विटामिन ए अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसके सेवन से भूख खुलकर लगती है। पुदीना, तुलसी, काली मिर्च, अदरक आदि का काढ़ा पीने से वायु दूर होता है व भूख खुलकर लगती है।

पेट दर्द: पुदीने की पत्तियां, भुना हुआ जीरा, लहसुन, सौंठ, काली मिर्च, कला नमक और धनिया इन सबको समान मात्रा में लेकर चूर्ण तैयार करे तथा गुनगुने पानी के साथ सेवन करें।पेट दर्द में आराम मिलेगा। इसके अतिरिक्त पुदीने की चाय भी पेट दर्द में लाभकारी होती है।

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पाचन तंत्र: पुदीने में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्व के कारण इसका सेवन जलन व अपच में लाभ मिलता है। यह लार ग्रंथियों को उत्तेजित करता है जो की भोजन पचाने में सहायक हैं।

लू लगना: गर्मियों के दिनों में लगने वाले लू से बचाता है। पुदीने का पना लू से बचने के लिए बड़ा ही कारगर उपाय है! पुदीने का पना बनाने के लिए पुदीने की पतियों में थोड़ा पानी ब्लड प्रेशर : पुदीने का रस उच्च रक्त चाप को नियंत्रित करने में सहायता करता है तथा निम्न रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए इस रस में काली मिर्च, नमक तथा थोड़ी शक्कर मिला कर सेवन करें!

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सर्दी: खासी-पुदीने में उपस्थित एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटी- बैक्टीरियल तत्वों के कारण यह श्वाश नली में ठंडक प्रदान करता है! सर्दी खासी से बचने के लिए गर्म पानी में पुदीने क एरस की कुछ बूंदे डेल और उंसकी भाप को मुह से लेते हुए नाक से छोड़ें! श्वास दुर्गन्ध दाँतों और जीभ की अच्छी तरह सफाई करके पुदीने की कुछ पत्तियां मुह में चबाने से मुह से आने वाली दुर्गन्ध से छुटकारा पाया जा सकता है !

चहरे के धब्बों के लिए: पुदीने की ६ पत्तियां लेक उसे एक अंडे की सफेदी में झाग आने तक मिलाये! उसके बाद इसमें आधा चम्मच पिसा हुआ खीरा मिलाये! अब इस लेप को १५ मिनट तक चहरे पर लगाये बाद में ताजे पानी से चेहरा धो लें.

वजन कम करने मददगार: पुदीना शरीर में जमा अतिरिक्त वसा को नहीं जमने देता है। खाने में इसका सेवन कर अतिरिक्त वजन से छुटकारा पाया जा सकता है।

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दाने का इलाज: पुदीने में एंटी बैक्टीरियल एवं एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिसके कारण पुदीने की पत्तियों का लेप बनाकर फुंसियों पर लगाने से वो जल्दी ठीक हो जाती हैं और उनमें होने वाली जलन में भी राहत मिलती है।

इन बातों का ध्यान दें...

पुदीने के सेवन से उल्टी अथवा जी मिचलाने में राहत मिलती है , पुदीने का सेवन अत्यधिक मात्रा में न करें, क्योंकि अन्यथा यह त्वचा में जलन एवं सांस सम्बंधित परेशानी खड़ी कर सकता है।

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