जयपुर: ज्यादातर बच्चे स्कूल जाने के नाम से कतराते हैं पैरेंट्स उनके रोज़ के ना-नुकुर से परेशान होते हैं। कई बार तो वे समझ ही नहीं पाते कि बच्चा ऐसा व्यवहार क्यों कर रहा है। बच्चे के मन में क्या चल रहा है ये जानने के लिए कुछ बातों समझनी जरूरी हैं। कुछ ऐसी बातें, जो शायद बच्चे की ना का कारण हो।
*अधिकतर छोटे बच्चे ही स्कूल में रोते हैं, वे अपने परिवार को और अपने घर के आसपास के माहौल को याद करते हैं। असहज होकर रोने लगते हैं।
*कितनी ही बार बच्चा अपनी टीचर के पसंद ना किए जाने पर भी स्कूल जाने से कतराने लगता है. दरअसल जब बच्चा स्कूल जाने से डरता है तभी वह स्कूल जाते ही रोने लगता है।
*कुछ बच्चे जो कि अन्य बच्चों से बहुत तेज होते है अपनी किसी गलती को छिपाने के लिए या फिर दूसरों का ध्यान अपनी और आकर्षित करने के लिए भी रोना शुरू कर देते हैं।
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*कई बार बच्चे को कोई बीमारी या तकलीफ होती है या फिर स्कूल की किसी एक्टिविटी से परेशानी होते हैं लेकिन टीचर के डर से कह नहीं पाते. ऐसे में बच्चे स्कूल जाते ही रोने लगते हैं।
*कई बच्चों को सुबह-सुबह जल्दी उठने या नींद खराब होने से भी रोना आता है जिससे वे स्कूल जाने से कतराने लगते हैं।
*कुछ बच्चे किसी दूसरे बच्चे के कारण स्कूल जाने में आना-कानी करते हैं। हो सकता है कोई उसे सता रहा हो और बच्चा उसका ठीक से मुकाबला नहीं कर पाता हो।
*कई बार बच्चे स्कूल से माहौल से भागने लगते हैं या फिर बच्चे को स्कूल का माहौल रास नहीं आता तो वे स्कूल जाने से रोने लगते हैं।
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*कुछ बच्चों में आत्मविश्वास की कमी होती है इसलिए वे टीचर के किसी भी सवाल का जवाब देने से घबराते हैं, रोने लगते हैं।
*कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो बहुत जिद्दी प्रवृत्ति के होते हैं और किसी की बात सुनने पर भी उन्हें अपनी ही मनमानी करनी होती है, लेकिन जब बच्चों को जबरन वह काम करवाया जाता है जिसको करने में उन्हें मजा नहीं आता तो वे बात-बात पर रोने लगते हैं।