आपका बच्चा भी है गैजेट्स का आदी तो इन टिप्स की मदद से बनाएं उसे बुक फ्रेंडली
जयपुर: कम्प्यूटर गेम्स और गैजेट्स के इस दौर में बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत ख़त्म हो रही है। इसका असर उनके व्यवहार, बात करने के ढंग और भाषा सीखने की क्षमता पर दिखाई देता है। व्यक्तित्व विकास और अच्छे भविष्य के लिए बच्चों की किताबों से दोस्ती ज़रूरी है। यहां कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं जो बच्चों की किताबों से दोस्ती में मददगार हो सकते हैं।
*अगर आपका बच्चा अभी छोटा है तो तस्वीरों, ग्राफ़िक्स और रंगों से भरपूर किताबें उनके पढ़ने के लिए लाएं। रंगों और तस्वीरों वाली किताबें बच्चों को अपनी ओर खींचती हैं।
*बच्चे के साथ आप भी बोल-बोल कर किताब पढ़ें। इससे आपको पता चलेगा कि किताब पढ़ते समय बच्चा कौन-कौन सी गलतियां कर रहा है। किन शब्दों पर अटक रहा। उसका उच्चारण सही है या नहीं। उसकी गलतियां सुधरवाने में आपको मदद मिलेगी।
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*समय-समय पर किताब के बारे में बच्चे से उसकी राय पूछती रहें। इसके दो फायदे होंगे। एक तो बच्चे में आपके साथ अपनी पसंद-नापसंद शेयर करने की आदत पड़ेगी, दूसरे उसकी पसंद की किताबें खरीदने में आपको सहूलियत होगी।
* जन्मदिन या किसी त्यौहार पर बच्चे को उपहार में अन्य चीजों के साथ किताबें भी दें। वीडियो गेम्स या मोबाइल भूल कर भी न दें।
*जब भी समय मिले बच्चे के साथ लाइब्रेरी जाएं। वहां का माहौल उन्हें नया अनुभव देगा। पढ़ने में मन भी लगेगा।
* बच्चे में अख़बार, कॉमिक्स, मैग्ज़ीन्स आदि सभी पढ़ने की आदत डालें। बाजार से जो भी सामान लाएं उसकी पैकेजिंग पर छपा कॉन्टेंट पढ़ने के लिए भी उससे कहें। उसका अभ्यास और जानकारियां बढ़ेंगी।