सावधान! कहीं आपका बच्चा भी तो नहीं बैठता है इस पोजीशन में, रखें इसका हरदम ध्यान
लखनऊ: कहा जाता है कि जिस घर में बच्चे होते हैं उनकी रौनक दोगुनी हो जाती है। उन्हें खेलता देख किसी के भी चेहरे पर मुस्कान आ सकती है। बच्चे वो ही करते हैं जो अकसर अपने बड़ों को करते देखते हैं। वही बोलने की कोशिश करते हैं, जो वो सुनते हैं। बच्चों को दौड़ना, खेलना, हरदम एक्टिव रहना अच्छा लगता है। लेकिन इन आदतों के साथ कई बार वो कुछ ऐसा कर जाते हैं, जिस पर हमें ध्यान देना चाहिए। लेकिन हम उनका बचपना समझ कर नजर अंदाज करते हैं और ऐसी चीजें आगे चल कर हमारे बच्चों के लिए ही घातक होती हैं। इन्हीं कई चीजों में से एक है बच्चों के बैठने का तरीका।
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ये उनकी हेल्थ और उनकी हड्डियों की ताकत बताती हैं। ऐसे में हमें उनके बैठने के तरीके पर ध्यान देना बहुत जरूरी हो जाता है। ध्यान देने वाली बात ये है कि अगर आपका बच्चा डब्लयू( 'W' ) आकार से अपने पैरों को मोड़ सकता है या वो अकसर वैसे ही बैठता है, तो ये चिंता का विषय है। इसे नजरअंदाज करने की वजह से बच्चों की हड्डियां कमजोर हो सकती है। उनके जोड़ जो बढ़ रहे होते हैं, उन पर गलत असर पड़ता है। ज्यादा वक्त तक ऐसे बैठने पर या तो उनकी ग्रोथ रुक सकती है या फिर वो गलत तरीके से बढ़ जाते हैं। दोनों ही मामलों में बच्चे की हेल्थ पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
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अमेरिका ( american Pediatrician’s Association ) में हुए रिसर्च से साबित हुआ है कि गलत बैठने का तरीका बच्चे घरों में अपने खिलौनों से खेलते हुए सीखते हैं। अकसर खिलौनों को मोड़-तोड़ कर बच्चे देखते हैं। इसी कारण वो अपने शरीर को भी कई बार ऐसी ही पोजिशन में बैठने की आदत डालते हैं। बचपन की हड्डियां आसानी से इस पोजिशन को अपना लेती हैं और यहीं से शुरू होती है परेशानियां। दौड़भाग करने वाले बच्चे अपने शरीर को बेहतर ग्रो करते हैं। उनकी हड्डिया और मांसपेशियां बेहतर तरीके से बढ़ती हैं और वो घर में खेलने वाले बच्चों से कहीं ज्यादा मजबूत होते हैं।
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डब्लयू(W ) पोजिशन में बैठने वाले बच्चों में बीमारियां आम
पैर शरीर के मुकाबले कमजोर होता है। हड्डियां गलत तरीके से जुड़ जाती है। मांसपेशियां कड़ी हो जाती है। बच्चों में मानसिक और शारीरिक ग्रोथ का धीरे होने लगता है।तो ये जानने के बाद आप इस बात पर जरुर ध्यान दें कि अगर आप किसी भी बच्चे को 'W' पोजिशन में बैठा देखें, तो तुरंत उसे सही तरीके से बैठना बताएं, साथ ही उस बच्चे के माता-पिता को आगाह करें।