बागपत: इन दिनों बागपत में एक फूल दो माली की कहानी हकीकत बन गई है।चार माह की नन्ही गुड़िया की ममता दो मांओं के दिलों में धड़क रही है, और विवाद थाने तक पहुंच गया है। गुड़िया को एक परिवार ने फेसबुक के माध्यम से गोद लिया था। लेकिन गोद देने वाली मां अब अपनी बच्ची वापस चाहती है, और नई मां उसे वापस नहीं करना चाहती। मामला अब कानून की दहलीज पर है, जो तय करेगा कि गुड़िया की ममता किस मां का आंचल भरेगी
फेसबुक, गुडिया और गोदनामा
-बागपत के खेकड़ा गांव के ललित की शादी छह साल पहले हुई थी। लेकिन उनकी कोई संतान नहीं है।
-दिल्ली के दिलशाद गार्डेन में नौकरी करने वाले ललित एक बच्चे को गोद लेना चाहते थे। उन्होंने इसके लिए फेसबुक पर एक पोस्ट डाली।
-इस पर दिल्ली के जहांगीरपुरी की पूजा ने रिस्पांस दिया, और फेसबुक के बाद महीने भर तक दोनों के बीच व्हाट्सऐप पर चैटिंग होती रही।
-पूजा की तीन बेटियां और एक बेटा है। उसके पति की कुछ महीने पहले मौत हो गई। वह एक बच्ची गोद देकर अपना बोझ कम करना चाहती थी।
-सब कुछ तय होने के बाद पूजा और ललित के परिवार ने 18 अप्रैल को गोदनामे की प्रक्रिया भी पूरी कर ली।
-4 माह की नन्ही गुड़िया के आने से ललित के परिवार में खुशियां आ गईं
फिर जागी मां की ममता
-लेकिन कुछ ही दिन बाद बच्ची को देने वाली मां की ममता जाग गई और उसने अपनी बच्ची की वापसी के लिए ललित के परिवार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया।
-ललित के परिवार ने बच्ची वापस करने से इनकार कर दिया।
-पूजा ने बच्ची की वापसी के लिए ललित के परिवार पर कई आरोप लगाए और खेकड़ा थाने में शिकायत भी दर्ज करा दी।
कानून करेगा ममता का फैसला
-चूंकि बच्ची कानूनी तौर पर गोद ली गई है, इसलिए पुलिस किसी तरह की कार्र्वाई से बच रही है।
-अब अदालत में तय होगा कि गुड़िया किसके आंचल में पलेगी।