पुलिस की प्रताड़ना से तंग होकर ड्राइवर ने दी जान, मांगे थे 10 हजार रुपए

Update:2017-11-15 09:17 IST

लखनऊ: पुलिस और मुखबिर की प्रताड़ना से तंग आकर अजय निषाद ने फांसी लगाकर जान दे दी। परिजनों का आरोप है कि मुखबिर के इशारे पर सिपाहियों ने अजय को जेल भेजने की धमकी देते हुए दस हजार रुपए मांगे थे। इससे परेशान होकर उसने खुदकुशी कर ली। इससे नाराज लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जम कर हंगामा काटा है। इससे पहले बेटे के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे श्रवण साहू की हत्या मुखबिर-पुलिस गठजोड़ तंत्र का ही नतीजा थी। क्राइम ब्रांच में तैनात पुलिसकर्मियों ने उनके मुखबिर रहे अकील के इशारे पर ही श्रवण को झूठे केस में फंसाने की साजिश को अंजाम दिया था। बाद में श्रवण साहू की हत्या कर दी गई थी।

अजय निषाद पेशे से ड्राइवर है। उस की गाड़ी से हादसा हो गया था। इस हादसे के बाद से पुलिस अजय को तलाश कर रही थी। पुलिस और एक स्थानीय मुख़बिर से तंग आकर अजय निषाद ने कुंडे में रस्सी के सहारे फांसी लगा कर ख़ुदकुशी कर ली। अजय की बहन सुशीला ने ठाकुरगंज थाने के सिपाहियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

गऊघाट चौकी में तैनात सिपाही मुखबिर सलीम व पप्पू के कहने पर अजय को धमका रहे थे। सड़क हादसे के बाद पुलिस और मुख़बिर के गठजोड़ ने अजय से 10 हज़ार रूपए की मांग रख दी। इसी बात से अजय परेशान बताया जा रहा था और फिर ख़ुदकुशी कर ली।

अजय के भाई ओमकार के मुताबिक मुखबिर सलीम के साथ पुलिसकर्मियों ने तीन बार घर में दबिश दी थी। वहीं, मुखबिर ने परिवार से कहा था कि अगर अजय को बचाना चाहते हो तो दस हजार रुपए की व्यवस्था करो। मैं सिफारिश कर दूंगा तो पुलिस अजय को जेल नहीं भेजेगी। वहीं, परिवार ने रुपए देने में असमर्थता जाहिर की तो मुखबिर सलीम ने कहा कि रुपए तो देने ही पड़ेंगे।

पुलिस-मुखबिर के जाल में फंसे अजय की खुदकुशी की खबर मिलते ही परिजनों के साथ स्थानीय लोगों ने गऊघाट चौकी घेर ली। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुये आक्रोशित भीड़ ने पुलिस चौकी में तोड़फोड़ करने की कोशिश की।

हंगामे और पुलिस चौकी घेरे जाने की खबर मिलते ही एएसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी, सीओ चौक दुर्गा प्रसाद तिवारी, इंस्पेक्टर ठाकुरगंज दीपक दूबे समेत आसपास के थानों से भारी पुलिस बल मौके पहुंच गया।

एसपी सिटी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि अजय के परिवार ने तहरीर दी है। जिसके आधार पर जांच के आदेश दिये गये हैं। अगर आरोप साबित हुए तो दोषी सिपाहियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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