जयपुर: आइब्रो को घना दिखाना चाहती हैं, तो इसका भी पर्मानेंट तरीका है माइक्रोब्लैडिंग। लड़कियां आइब्रो को सुंदर दिखाने के लिए आई पेंसिल या क्रीम का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन इसके लिए माइक्रोब्लैडिंग तकनीक बेहतर है। अन्य दूसरे टैटू की तरह ही माइक्रोब्लैडिंग भी एक तरह से टैटू आर्ट ही है, जिसमें बाल से मिलते रंगों को एक मशीन के द्वारा स्किन के अंदर इम्प्लांट कर दिया जाता है।
यह भी पढ़ें...आपको भी दिखना है हिना खान जैसी खूबसूरत तो जानिए उनके BEAUTY सीक्रेट
इस प्रक्रिया में नेचुरल हेयर को स्किन के अंदर डाला जाता है, जिसके लिए एक मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। इस विधि से आइब्रो को सुंदर आकार और पसंदीदा रंग दिया जाता है, ताकि यह पानी या पसीना से धुंधली न हो जाए। इस तकनीक का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। इस प्रक्रिया के पूरा होने पर त्वचा लाल पड़ सकती है, लेकिन यह 15-20 मिनट के बाद ठीक हो जाती है।
आइब्रो की बनावट, प्राकृतिक बाल से मेल खाते सही रंग का चुनाव और चेहरे के अनुसार आइब्रो का आकार तय करने के बाद इस प्रक्रिया को शुरू किया जाता है। इस दौरान हल्का-सा बेहोश किया जाता है, ताकि सुई का दर्द कम से कम महसूस हो। प्रारंभिक प्रक्रिया के बाद आइब्रो को छूने की मनाही होती है और न ही उन्हें 10 दिनों के लिए गीला कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें...ये नन्हें स्टार, जिनकी एक्टिंग से सब होते हैं कायल, उनकी कमाई कर देगी हैरान
इस प्रक्रिया के दौरान नारियल के तेल को आइब्रो पर लगाने की सलाह देते हैं। इससे यह जल्दी ठीक हो जाती है। आइब्रो में रंग को पूरी तरह से सेट करने के लिए लगभग एक महीने का समय लगता है।