METRO सेहत के लिए तू तो हानिकारक है, तुझसे सफर है मजबूरी, पर तू नुकसानदायक है

Update:2017-01-25 12:11 IST

लखनऊ: ट्रेनों को इंडिया की लाइफलाइन कहा जाता है मुंबई हो या दिल्ली, बिना ट्रेनों के तो जैसे जिंदगी पॉसिबल ही नहीं है। अगर एक दिन के लिए इन जगहों पर ट्रेनें रुक जाएं, तो ना जाने कितना नुकसान हो जाता है। कितने ही लोग अपने काम पर नहीं पहुंच पाते हैं। दिल्ली में हर रोज लाखों लोग मेट्रो ट्रेन से सफर करते हैं। अगर आप कभी दिल्ली जाएंगे, तो देखेंगे कि किस तरह लोग मेट्रो में ठसाठस भरे रहते हैं। भेड़-बकरियों के झुंड की तरह लोग एकसाथ मेट्रो में घुसने की कोशिश करते हैं। अब कुछ लोगों की मजबूरी भी है। हर रोज मेट्रो से सफर करना क्योंकि उनके पास कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है।

अगर कभी आप दिल्ली के राजीव चौक पहुंच जाएं, तो हो सकता है कि वहां की भीड़ देखकर ही परेशान हो जाएं। लेकिन जल्द ही यह नजारा आपको लखनऊ में भी देखने को मिलेगा। जल्द ही लखनऊ में भी मेट्रो आने वाली है। इसके आने से भले ही लोगों की परेशानियां कम हो जाएं, ट्रैफिक की समस्या कम हो जाए, पर इसकी वजह से लोगों की सेहत पर भी काफी असर पड़ेगा। अब आप सोच रहे होंगे कि मेट्रो का सेहत पर बुरा असर कैसे? तो आपको हम बताएंगे कि मेट्रो किस तरह सेहत के लिए हानिकारक होती है?

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आपने देखा होगा कि मेट्रो ट्रेन के कोच बंद रहते हैं और इसके दरवाजे केवल स्टेशन आने पर खुलते हैं। जिसकी वजह से कुछ लोगों को घुटन महसूस होने लगती है। अच्छी बात यह रहती है कि मेट्रो में शीशे ट्रांसपैरेंट होते हैं, जिसकी वजह से लोगों को दिमाग इधर-उधर रहता है। नहीं तो बंद कोच में लोगों को मानसिक थकान सी हो जाती है।

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अगर आपको बंद मेट्रो ट्रेन में असहजता महसूस हो रही है, तो इसके लिए आप लंबी सांसें लें और छोड़ें मेट्रो में सफर करते टाइम केवल खड़े होकर अपना टाइम खराब ना करें, कोई गाना सुन लें या कोई अखबार पढ़ लें। इससे अच्छा फील होगा। अगर साइड में कोई तंग का इंसान है, तो बातचीत भी कर सकते हैं।

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दिल्ली जैसे शहरों की आबादी काफी ज्यादा है। इसलिए मेट्रो में जाने के लिए लोगों को भयंकर भीड़ के साथ चलना होता है। जिन लोगों को सीट मिल जाती है, वह तो बैठ जाते हैं, पर ज्यादातर लोगों को खड़े-खड़े ही सफ़र करना पड़ता है। ऐसे में लोगों को गर्दन दर्द, पीठ दर्द, मांसपेशियों में सूजन, जॉइंट में दर्द, एड़ियों और बॉडी में भी दर्द होने लगता है।

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अगर आपको बैठने के लिए सीट नहीं मिली है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है ऐसे में आप अपनी पोजीशन पर एक ही जगह खड़ी होकर मूवमेंट कर सकते हैं। मूवमेंट का मतलब यह नहीं है कि आप कोच में चलने लगे बल्कि एक ही जगह पर खडी होकर आप अपने पैरों को ऊपर-नीचे कर सकते हैं। अपने पैर की ऊंगलियों पर खड़े होने की कोशिश करें कोच के अंदर पिलर का सहारा लेकर खड़े होकर पीठ को थोड़ा आराम दें। हर रोज हील्स पहनकर सफ़र ना करें।

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जब आप मेट्रो में सफ़र करते हैं, तो आपके साथ कई लोग सफ़र करते हैं। ऐसे में आपको इन्फेक्शन का खतरा भी रहता है। मेट्रो में सफ़र करने से सर्दी से लेकर टीबी होने तक का खतरा है। सीजनल बीमारियां भी जल्दी फैलती हैं।

मेट्रो में सफ़र करने वाले यूं रखें सेहत का ख्याल

मेट्रो में कभी भी खाली पेट सफ़र नही करें मेट्रो में हर रोज सफ़र करने वाले कोच से निकलने के बाद अपने हाथों और चेहरे को साफ़ करें। घर पहुंचकर अगर नहा लेंगे, तो और भी अच्छा रहेगा।

 

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