पटना : आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव आजकल तलाक के लिए मन बना चुके हैं। पटना सिविल कोर्ट में आवेदन भी कर दिया है। लेकिन अभी ये नहीं पता कि वो किस बात को आधार बना तलाक लेने वाले हैं। ऐश्वर्या ने इस तलाक पर अपनी सहमति नहीं दी तो उन्हें कानूनी तौर पर आधार बताना होगा कि वह क्यों तलाक चाहते हैं। इसके लिए उन्हें साक्ष्य भी जुटाने होंगे। आइए जानते हैं इंडिया में तलाक कैसे होते हैं।
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कोर्ट में जब तलाक के मामले आते हैं, तो कुछ तलाक सहमति से होते हैं। जबकि अधिकतर में एक तो तलाक चाहता है लेकिन दूसरा इसके खिलाफ होता है।
हिंदू विवाह कानून की धारा 13ए के मुताबिक पति या पत्नी में से कोई एक तलाक मांग सकता है। 13बी के तहत सहमति से तलाक होता है। सहमति से तलाक में ज्यादा समय नहीं लगता है लेकिन दूसरे मामले में ये लंबा खिंचता है।
तलाक की अर्जी देने के बाद कोर्ट 6 महीने से लेकर 18 माह तक इंतजार करता है। यदि फिर भी पति पत्नी अर्जी वापस नहीं लेते तो कोर्ट जांच के बाद डिक्री दे देता है।
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तलाक का आधार क्या हो सकता है
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शारीरिक और मानसिक क्रूरता आती है। लगातार दुर्व्यवहार, दहेज के लिए परेशान करना और यौन विकृति क्रूरता में शामिल है। इसके साथ ही गैर-सहवास घमंडी व्यवहार भी इसमें शामिल हैं।
यदि पति या पत्नी में से कोई एक भी कम से कम दो साल तक अपने साथी से अलग रहता है।
यदि पति या पत्नी में से कोई एक मानसिक विकार से ग्रस्त है।
यदि पति या पत्नी में से कोई एक एड्स, कुष्ठ रोग और सिफलिस से ग्रस्त है।
यदि पति या पत्नी में से कोई एक धर्म परिवर्तन कर लेता है।
यदि पति या पत्नी के जीवित होने की जानकारी नहीं है।
यदि पति या पत्नी में से कोई एक संन्यास लेता है।
यदि पति या पत्नी में से किस एक ने दूसरी शादी कर ली हो।