गुस्ताखी माफ! लेकिन टट्टी करने वाले 90% भारतीय नहीं जानते होंगे ये 3 बातें

Update: 2019-07-19 07:37 GMT
गुस्ताखी माफ! लेकिन टट्टी करने वाले 90% भारतीय नहीं जानते होंगे ये 3 बातें

लखनऊ: इंडियन टॉयलेट सिस्टम और वेस्टर्न टॉयलेट सिस्टम के बारे में पिछले कुछ समय से काफी बातें चल रही हैं। लोगों का मानना है कि वेस्टर्न टॉयलेट सिस्टम इंडियन टॉयलेट सिस्टम से बेहतर होता है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। अपना वाला जो सिस्टम है वो सिर्फ बेहतर तरीके से प्रेशर ही रिलीज़ नहीं करता बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक है।

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  • जो लोग इंडियन टॉयलेट सिस्टम इस्तेमाल करते हैं वो लोग अपने हाथों को साबुन से धोते हैं। मगर वेस्टर्न टॉयलेट सिस्टम का प्रयोग करने वाले लोग अपने हाथों को धोने के लिए टॉयलेट पेपर का प्रयोग करते हैं। इससे हाथों में बैक्टीरिया रहने का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है।

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  • इंडियन टॉयलेट सिस्टम का इस्तेमाल करने वाले लोगों को बार-बार उठना और बैठना पड़ता है। इससे शरीर की बहुत अच्छी तरह से एक्सरसाइज हो जाती है। इस वजह से शरीर का विकास तेजी से होता है। हमारी हड्डियां और मांसपेशियां ताकतवर बन जाती है। मगर जब हम वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करते हैं तो फिर हमें ज्यादा उठना बैठना नहीं पड़ता।

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  • इंडियन टॉयलेट सिस्टम का उपयोग करने वाले लोगों का पाचन तंत्र बहुत ही स्वस्थ रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है। इससे हमारा पेट पूरी तरह से साफ हो जाता है। इस वजह से गैस, कब्ज, एसिडिटी जैसी समस्या होने का खतरा नहीं रहता। इसके विपरीत वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करने से हमारा पेट पूरी तरह से साफ नहीं होता है और गंदगी पेट में ही जमी रहती है।

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