श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश): भारत ने स्वदेशी स्पेस शटल का सफल परीक्षण कर अंतरिक्ष में एक और कामयाबी हासिल कर ली है। यह भारत का अपना अंतरिक्ष यान है। आइए जानते हैं इस यान में क्या है खास।
यह भी पढ़ें... PM के मेक इन इंडिया का सपना साकार, इसरो ने लॉन्च किया अपना स्पेस शटल
स्पेस क्राफ्ट की दस खास बातें
1.साढे़ छह मीटर लंबे इस स्पेस क्राफ्ट का वजन 1. 75 टन है।
2.ये एक रियूजेबल लॉन्च व्हीकल है ।
3 ऐसा पहली बार हुआ है, जब इसरो ने अपना स्पेस क्राफ्ट लॉन्च किया है।
4.लॉन्च के बाद ये स्पेस क्राफ्ट बंगाल की खाड़ी में वापस उतर आएगा।
यह भी पढ़ें... जानिए TECHNOLOGY में किस नंबर पर है INDIA और कौन से देश हैं टॉप पर
5 स्पेस क्राफ्ट के बनने में 5 साल का समय लगा और 95 करोड़ रुपए का खर्च आया।
6.इस स्पेस क्राफ्ट को बनाने में 600 वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने दिन-रात मेहनत की है।
7 . इस एक्सपेरिमेंट के बाद इस स्केल मॉडल को बंगाल की खाड़ी से रिकवर नहीं किया जा सकेगा, क्योंकि इसे पानी में तैरने लायक नहीं बनाया गया है।
8.एक्सपेरिमेंट के दौरान इस बात की पड़ताल की गई कि ये स्पेस क्राफ्ट ध्वनि की गति से 5 गुना तेज गति पर ग्लाइड और नेविगेट करने में सक्षम है या नहीं।
9.इसरो के साइंटिस्टों का मानना है कि वे इस स्पेस क्राफ्ट के लॉन्च और सफल होने के बाद सैटेलाइट्स आदि को स्पेस में लॉन्च करने में होने वाले खर्च को गुना कम कर लिया जाएगा।
10.इसके बाद प्रति किलोग्राम भार पर 2000 अमेरिकी डॉलर खर्च होगा।