लखनऊ: फाल्गुन का महीना आते ही सब पर रंगों का खुमार चढ़ने लगता है, होली होती ही ऐसी हैं कि सबको अपने रंग में रंग लें। इस त्योहार का मजा तो हर कोई लेना चाहता है, लेकिन रंगों के साइडिफेक्ट से सब बचना चाहते है, क्योंकि होली में जिन रंगों का इस्तेमाल होता है वो सूखे गुलाल या गीले रंगों से नहीं बनाया जाता, बल्कि इन रंगों में माइका, लेड जैसे केमिकल मिले होते है। इससे त्वचा में जलन होती है। हम आपको बता रहे है कैसे इस त्योहार में त्वचा और बालों को सुरक्षित रखा जा सकता हैं।
त्वचा में साइडिफेक्ट
ज्यादातर होली खुली जगह या यूं कहें खुले आसामान में खेलते है। इससे सूर्य की हानिकारक यूवी किरणें त्वचा पर पड़ती है और त्वचा के रंग में कालापन आने लगता है। त्वचा बेजान हो जाती है।इसलिए रंग खेलने के पहले एस.पी.एफ. 20 सनस्क्रीन लोशन पूरे बॉडी पर लगा लेना चाहिए। खेलने से पहले बाजू और सभी खुले अंगों पर माइस्चराइजर लोशन या क्रीम का उपयोग करें।
बालों की देखभाल
होली खेलने से पहले बालों पर हेयर सीरम या कंडीशनर का उपयोग करें। इससे बालों को गुलाल के रंगों की वजह से पहुंचने वाले सूखेपन से सुरक्षा मिलती है।आजकल बाजार में सनस्क्रीन सहित हेयर क्रीम आसानी से मिल जाते है। इसके अलावा नारियल तेल से भी बालों की मालिश कर सकते है।
चेहरे और नेल पर लगाए तेल
होली के रंगों से नाखूनों को बचानें के लिए उनपर पहले ही नेल वार्निश की मालिश करनी चाहिए। इससे जमे रंगों को हटाना आसान होता है। रंग खेलने से पहले चेहरे को बार-बार साफ पानी से धोएं और इसके बाद क्लीजिंग क्रीम या लोशन लगा लें और जब होली खेलने के बाद सफाई करेंगी तो आसानी से रंग छुट जाएंगे। आंखों के आस-पास हल्के हाथों से सफाई करें।
इसके अलावा ये भी करें
तीन चार दिन पहले से शेव ना करें (पुरुषों के लिए...) होली के बाद शेव करने से रंग भी बाहर आ जाएगा।
कॉन्टॅक्ट लेंस का प्रयोग होली खेलते समय बिल्कुल भी ना करें, रंगों के छोटे छोटे कण आंखों के लिए घातक हो सकते हैं।
होंठो पर देसी घी या शुद्ध मलाई की खूब अच्छी तरह से मालिश करें, इससे आपके होंठ रंगों से बचे रहेंगे।
लोगों को सिंथेटिक रंगों के प्रयोग करने से बचना चाहिए और जितना हो सके प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करें।