बरसाना की रंगीली गली में नंदगांव के हुर्रियारों पर बरसी प्रेम लाठियां, पूछा ‘लला फिर आइयो खेलन होरी’

Update: 2017-03-07 10:41 GMT

बरसाना: बरसाना की रंगीली गली में 6 मार्च को नंदगांव के हुरियारों ने जमकर रंग, अबीर और गुलाल की वर्षा की। लोग वाद्ययंत्र एवं होली गीतों के साथ फागुन की मस्ती में चारों ओर सांवरे कान्हा का रंग दिखने लगा। भक्ति एवं प्रेम का प्रदर्शन उस समय चरम पर पहुंच गया, जब राधा की सखियों ने ‘हुरियारों’ की ढाल पर प्रेम रस से पगी लाठियां बरसाईं। बरसाना की रंगीली गली में श्रीकृष्ण और राधा की फाग परंपरा को जीवंत करते हुए राधा के गांव की हुरियारिनों ने साखी के गीत ‘सुनो नंद के नंदा तुम कोर कौन छईयां’ गाते हुए निकलना शुरु कर दिया, तो नंदगाव के हुरियारे भी अबीर-गुलाल उड़ाते हुए, ‘फाग खेलन बरसाने में आए हैं नटवर नंदकिशोर’ जैसे पद गाते मस्ती में झूमते नजर आए।

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सुंदर वस्त्रों में सजी-धजी हुरियारिनें कृष्ण भक्ति के रंग में सराबोर नजर आ रही थीं। आम हो या खास, जन सभी बरसाना की सतरंगी छटा से अछूते नहीं रह पा रहे थे। बरसाना का कण-कण गिरधर के रस रंग में भीगी पारंपरिक वाद्यों तथा तान पर थिरक रहा था। आसमान में उड़ते अबीर-गुलाल ने कई घंटों तक कस्बे को रंगों से ढंके रखा। इससे पहले नंदगांव में भगवान श्रीकृष्ण के सखाओं ने नंदबाबा मंदिर जाकर श्रीकृष्ण की प्रतिमा के समक्ष माता यशोदा से अनुमति प्राप्त की और पारंपरिक वेशभूषा में सजे हुरियारे मंदिर से श्रीकृष्ण की प्रतीक झंडी को लेकर बरसाना के प्रिया कुंड जा पहुंचे।वहां के गोस्वामियों ने भांग-ठंडाई से उनका स्वागत किया।

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सिर पर पगड़ी बांधकर हाथों में ढाल और पिचकारी लेकर हुरियारे ब्रह्मगिरी पर्वत स्थित लाड़लीजी मंदिर की ओर ‘दरशन दे निकस अटा में ते दरशन दे, श्री राधे वृषभान दुलारी’ गाते हुए बढ़े। इससे पहले कस्बे के गोस्वामी समाज ने मुख्य आयोजन स्थल पर एकत्रित होकर रसिया गाए। यादव और गोस्वामी समाज ने होली की चैपई निकाल कर समारोह में चार चांद लगा दिए। गोस्वामी समाज की चैपई प्रिया कुंड मार्ग पर पहुंची, जहां नंदगांव के गोस्वामी का समधी के तौर पर मिलाप करते हुए भेंट स्वरूप एक रूपया देकर स्वागत किया।

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लाड़लीजी मंदिर पहुंचकर बरसाना और नंदगांव के हुरियारों ने मिलकर ‘गिरधर के अनुराग सौ रंग भीज रहौ बरसानौ जू’ पद गाते हुए बरसाना के गोस्वामी युवकों ने अपनी पिचकारियों से टेसू के फूलों से निर्मित रंग बरसाना शुरू कर दिया, जिससे नंदगांव के हुरियारे तर-बतर हो गए। मंदिर से होली खेलकर नंदगांव के हुरियारे रंगीली गली पहुंचे, तो वहां उनकी प्रतिक्षा में खड़ी बरसाने की हुरियारिनों ने प्यार भरी गालियां सुनाना प्रारंभ कर दिया। यहां हंसी-ठिठोली के बीच उड़ते रंगों पर प्रेम की लाठी बरसी।

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इन लाठियों से नंदगांव के हुरियारे अपनी ढालों की ओट में बचते हुए नजर आए। कुछ ढालों पर गोपियों की लाठियों के वार सहते हुए उछल-कूद करते नजर आए। फूलगली, सुदामा मार्ग, राधाबाग मार्ग, थाना गली, मुख्य बाजार, बाग मोहल्ला में ढालों पर लाठियों की आवाजें गूंज रही थीं। देश-विदेश से आए श्श्रद्धालु ही नहीं विभिन्न टीवी चैनलों, समाचार-पत्रों के फोटोग्राफर इस अनूठे नजारे को अपने कैमरे में कैद करने में जुटे थे।

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बरसाने की गोपियों से जब नंदगांव के हुरियारे हार गए तो गोपियां कहने लगीं ‘लला फिर आइयो खेलन होरी’। अंत में दोनों पक्षों ने लाड़ली-लाल के जयकारे बोलकर होली का समापन किया। हुरियारे नंदगांव के लिए प्रस्थान कर गए। वहीं बरसाने की हुरियारिनें अपनी जीत की सूचना देने लाड़ली मंदिर होली के रसिया गाती हुई हुई पहुंची।

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7 मार्च को नंदगांव में लगातार होली खेलने बरसाना के हुरियारे जाएंगे। जहां कृष्ण और उनके ग्वालवालों के रूप में वहां की गोपियां बरसाना के हुरियारों से लट्ठमार होली खेलेंगीं।

 

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