नवाबी नगरी लखनऊ ने सुनी भारत के दिल मध्यप्रदेश की धड़कन, जानें क्या है खास?

Update:2016-09-17 17:54 IST

लखनऊ: भारत का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश ने अपने अंदर राष्ट्र की सबसे प्राकृतिक खूबसूरत धरोहर को खुद में समेट रखा है। 6 नेशनल टूरिज्म अवार्ड्स विजेता मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य है, जो देश की सांस्कृतिक धरोहर समेत समुदायों और जीवनशैलियों के मिश्रण से पर्यटकों को अपनी तरफ खींचता है।

मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग मानता है कि पर्यटकों का बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश से आता है, जिसको और बढ़ावा देने के लिए एमपी पर्यटन विभाग के निदेशक ओ वी चौधरी ने लखनऊ के होटल क्लार्क्स में मध्यप्रदेश की धरोहरों से लोगों को रूबरू करवाया।

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-9 नेशनल पार्क, 25 वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, 6 टाइगर रिज़र्व वाला मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट ऑफ़ इंडिया कहलाता है।

-3 यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स खजुराहो, भीमबेट और सांची का समावेश होता है।

-मय्यर, ओमकारेश्वर, ओरछा, चित्रकूट जैसे धार्मिक स्थल और शक्ति पीठ ख़ास हैं।

-उज्जैन की शिप्रा नदी जहां पावन सिंहस्थ कुम्भ मेला बारह साल में एक बार आयोजित होता है।

-मध्यप्रदेश के किलों और राष्ट्रीय धरोहरों में हज़ारो साल पहले की गाथा छिपी है।

-ग्वालियर, मांडू जैसे खूबसूरत आर्किटेचरल साइट्स मौजूद है।

-भीमबेटका की गुफाओ में भारतीय स्थापत्य कला का लाजवाब नमूना है। इन गुफाओं पर बने चित्रों में फूलो और पेड़ो के रंग का इस्तेमाल किया गया है।

-यहां के जलाशय इन्द्रसागर, बाणसागर और तवा जैसी जगहों पर जल महोत्सव का आयोजन खास होता है।

-सांस्कृतिक इवेंट्स खजुराहो डांस फेस्टिवल, मालवा उत्सव, तानसेन फेस्टिवल, अलाउद्दीन म्यूजिक फेस्टिवल संगीत प्रेमियो का ठिकाना होता है।

-भोपाल और बुरहानपुर में मुग़ल आर्किटेक्चर और इतिहास को जानने का मौका मिलता है।

-हस्तशिल्प प्रेमियों को यहां चंदेरी और बुटीक पेंट की साड़ी मिलती है।

-लैंड एयर और वाटर एक्टिविटी, एडवेंचरस लोगों का क्रेज़ है।

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मध्यप्रदेश में पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिए पहली बार एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान की अध्यक्षता में वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, रेवेन्यू और वित्त विभाग के मंत्रियों के साथ टूरिज्म कैबिनेट बनाई गई है। जिसमें पर्यटन को लेकर कई अहम फैसले लिए हैं, जिसमें लागत पूंजी में अनुदान, पर्यटन और मेहमान नवाज़ी के लिए 18 गतिविधियों को चिन्हित किया है, जो मध्य प्रदेश के पर्यटन में गेम चेंजर साबित हो सकता है।

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जिंदगी में रफ़्तार देने के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन ने हॉलिडे ऑन व्हील के कॉन्सेप्ट के साथ पर्यटन में नई सोच का फ्लेवर डालते हुए कैरावैन की शुरुआत की। कैरावैन एक मोबाइल मिनी बस होती है। इस कैरावैन के अंदर पर्यटकों के रहने खाने और सोने की भी सुविधा होती है। जो पर्यटकों को उनके टूर के हिसाब से रुक-रुक कर प्रकृति का आनंद देते हुए एक स्थल से दूसरे स्थल तक ले जाती है।

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मध्यप्रदेश पर्यटन के निदेशक ओ वी चौधरी ने कहा कि जैसे गंगा में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं, वैसे ही मान्यता है कि मध्यप्रदेश में बहने वाली निर्मल और स्वच्छ नर्मदा के सिर्फ दर्शन करने से भी पाप मिट जाते हैं। मध्यप्रदेश सांस्कृतिक और प्राकृतिक होने के साथ-साथ धार्मिक धरोहरों का भी खज़ाना भी अपने अंदर समेटे हुए श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है।

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मध्यप्रदेश में बुंदेलखंडी पकवान की खुशबू उड़ती है, मालवा के पकवान बनाते हैं। यहां का ज़ायका लोगों को दीवाना बनता है। आइए आपको बताते हैं कि इन खानों में क्या है ख़ास:

बुंदेलखंडी पकवान: बुंदेलखंड के खाने की पहचान घुइयां की सब्ज़ी, गरेलू की सब्ज़ी और रास्था (नाश्ता) है।

मालवा पकवान : भुट्टे की कीस, मावा बाटी, श्रीखंड, खोपरापाक, मालपुआ, पोहा।

भोपाली पकवान : रोगन जोश, क़ोरमा, बिरयानी, कबाब, बन कबाब, निहारी का स्वाद चखने वाले शख्स की ज़बान पर ताउम्र रहता है। स्वाद के दीवानों के लिए भोपाल की चटोरी गली बेहतरीन फ़ूड डेस्टिनेशन है।

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मध्यप्रदेश पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तरप्रदेश आए पर्यटन विभाग के निदेशक के अनुसार नवाबी नगरी लखनऊ एक ऐसा शहर है, जो हर किसी का दोनों हाथ खोल कर स्वागत करता है। सिर्फ लखनऊ ही बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लोगों का बड़ा हिस्सा हर साल मध्यप्रदेश घूमने जाता है। ऐसे में पर्यटन विभाग की नई योजनाओ से न सिर्फ पर्यटकों को घूमने की नई वजह मिलेगी, बल्कि नई नीति के अनुसार उत्तर प्रदेश वासी मध्यप्रदेश पर्यटन में साझेदारी करते हुए सब्सिडी का फायदा भी उठा सकेंगे।

 

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